भारत-मध्य एशिया सहयोग: महत्व एवं संबंध सुदृढ़ीकरण के प्रयास
- 18 से 20 दिसंबर, 2021 के दौरान नई दिल्ली में भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्री डॉ- एस- जयशंकर ने की। इस बैठक में कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया।
- इससे पूर्व भारत-मध्य एशिया वार्ता की दूसरी बैठक अक्टूबर 2020 में आयोजित की गई थी। इस वार्ता ने भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद की है। भारत, मध्य एशिया को अपने ‘विस्तारित पड़ोस’ का हिस्सा मानता है। भारत और मध्य एशियाई देश अगले वर्ष ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 समुद्री शैवाल: भारत की तटीय समृद्धि का नया आधार
- 2 भारत के रक्षा निर्यात में वृद्धि: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
- 3 भारतीय न्याय प्रणाली में पर्यावरण-केंद्रित दृष्टिकोण का विकास
- 4 भारतीय जेलों में महिला कैदी: संवैधानिक अधिकार बनाम ज़मीनी हकीकत
- 5 भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु नवाचार और सहयोग आवश्यक
- 6 भारत-मॉरीशस संबंध मजबूत साझेदारी की नई ऊंचाइयों की ओर
- 7 समुद्र-तल युद्ध आधुनिक भू-तकनीकी संघर्ष का नया आयाम
- 8 अंतरराष्ट्रीय मंचों से अमेरिका का अलग होना: प्रभाव और निहितार्थ
- 9 कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भारत में न्याय वितरण में किस प्रकार क्रांति ला सकती है?
- 10 भारत-श्रीलंका मत्स्य विवाद: कारण प्रभाव एवं संभावित समाधान