निजी क्षेत्र के स्वामित्व से संबंधित सिफारिशें
- रिजर्व बैंक द्वारा गठित एक आंतरिक कार्य समूह ने हाल ही में सिफारिश की है कि बड़े कॉरपोरेट और औद्योगिक घरानों को निजी बैंकों के प्रमोटर (प्रवर्तकों) बनने की अनुमति दी जानी चाहिए।
 - आंतरिक कार्य समूह (IWG) का गठन 12 जून, 2020 को भारत के निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए मौजूदा स्वामित्व दिशानिर्देशों तथा कॉरपोरेट संरचना की समीक्षा के लिए किया गया था।
 
प्रमुख सिफारिशें
- आंतरिक कार्य समूह ने 15 वर्षों में निजी बैंकों में प्रमोटरों की हिस्सेदारी को मौजूदा 15% से बढ़ाकर 26% करने का प्रस्ताव किया है।
 - बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 में आवश्यक संशोधन तथा ....
 
  क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
                            				तो सदस्यता ग्रहण करें 
                                      इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 स्पॉट फॉरेक्स मार्केट
 - 2 भारत का व्यापार संतुलन और निवेश प्रवाह
 - 3 निवेशक दीदी पहल के दूसरे चरण की शुरुआत
 - 4 इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव्स के लिए नया इंट्राडे मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क
 - 5 IPO ने वायमाडा का पेटेंट रद्द किया
 - 6 MOIL ने मैंगनीज अयस्क का निर्यात शुरू किया
 - 7 प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास
 - 8 जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल का शुभारंभ
 - 9 महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों के अन्वेषण हेतु साझेदारी
 - 10 साइबर अपराध में टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने हेतु समझौता
 

						  