फेक-बस्टर : वर्चुअल जालसाजों की पहचान के लिए नया सॉफ्टवेयर
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ और ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ‘फेक-बस्टर’ नामक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो ऑनलाइन टेक्स्ट, फोटोग्राफ, ऑडियो, वीडियो जैसी सामग्री में छेड़छाड़ का पता लगाने मे सक्षम है|इससे साइबर सुरक्षा को एक नया आयाम मिलेगा|
मुख्य बिन्दु
- फेक-बस्टर, गुप्त रूप से वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में शामिल लोगों का पता लगाने में सक्षम है। इसकी सटीकता 90 प्रतिशत से अधिक पायी गई है। इसे जूम और स्काइप जैसी एप्लीकेशनस पर परखा जा चुका है।
- ‘फेक-बस्टर’ ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीके से काम करता है। इसे मौजूदा समय में लैपटॉप और डेस्कटॉप में इस्तेमाल किया जा ....
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