सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल जून-जुलाई 2021

अंकिता वर्मा 64वीं बीपीएससी परीक्षा (राजस्व अधिकारी)

पिता का नाम: श्री अनिल कुमार वर्मा, सर्विस सेक्टर माता का नाम: श्रीमती रंजना वर्मा (गृहिणी) शैक्षिक योग्यता: फिजिक्स (Hons), किरोड़ीमल कॉलेज- दिल्ली विश्वविद्यालय अभिरुचियां: पेंटिंग एवं कुकिंग आदर्श व्यक्ति: माता-पिताजी, श्री अब्दुल कलाम, श्रीमती सुषमा स्वराज। सकारात्मक पक्षः ईमानदारी एवं निष्ठा नकारात्मक पक्षः एंजाइटी (Anxiety) वैकल्पिक विषय (मुख्य परीक्षा): भूगोल सि-स- क्रॉनिकलः 64वीं बीपीएससी में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया? अंकिता वर्माः मुझे मेरे परिवार, मित्रें एवं शिक्षकों से हमेशा सहायता मिली। सभी ने मुझे सकारात्मक रह कर प्रयास करने एवं असफलताओं से सीखने

दीपक कुमार 64वीं बीपीएससी परीक्षा

पिता का नाम: श्री सुरेश राय, रेलवे कर्मचारी (सेवानिवृत्त) माता का नाम: श्रीमती कृष्णा देवी, गृहिणी शैक्षिक योग्यता: बी-टेक, एम- टेक (IIT Kanpur) अभिरुचियां: बैडमिंटन, तैराकी, जॉगिंग आदर्श व्यक्ति: महात्मा गांधी पूर्व चयनः 63rd BPSC (रैंक-63) वैकल्पिक विषय (मुख्य परीक्षा): गणित सि-स- क्रॉनिकलः 64वीं बीपीएससी में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि ने आपकी सफलता में किस प्रकार योगदान किया? दीपक कुमारः धन्यवाद, मेरी सफलता में परिवार, मित्रें व शिक्षकों की अहम भूमिका रही है। माता-पिता और बड़े भईया मेरे आदर्श रहे हैं। परिवार से मुझे इस सफर में हर संभव सहयोग मिला

यूपीपीसीएस 2020 टॉपर डॉ- ललित कुमार मिश्र

शैक्षिक योग्यता: एम.ए., बी.एड, जे.आर.एफ., पी.एच.डी. पूर्व चयनः प्राथमिक अध्यापक, प्रधानाध्यापक, समीक्षा अधिकारी 2014, नायब तहसीलदार, असिस्टेंट प्रो.- उच्चतर शिक्षा आयोग, खण्ड शिक्षा अधिकारी, प्रवक्ता। वर्तमानः असिस्टेंट प्रोफेसर, राजकीय महाविद्यालय, पचपेड़वा, बलरामपुर (उत्तर प्रदेश) सबल पक्षः आत्मविश्वास, लक्ष्य के प्रति निष्ठा। दुर्बल पक्षः अति भावुक होना आदर्श व्यक्तित्वः अटल बिहारी बाजपेई, अनुपम मिश्र (पर्यावरणविद्) रुचियां: कॉमेडी मूवी, आधुनिक काव्यशास्त्र सम्बन्धी पुस्तकें पढ़ना योगदानः ईश्वर, अध्यापकगण, माता-पिता, अनुज, डॉ- अजय कुमार मिश्र, संतोष कुमार मिश्र, पूज्य गुरुजी यशःकाय रोष, लालमणि द्विवेदी (संस्कृत शिक्षक), प्रो. राम किशोर शास्त्री। सि- स- क्रॉनिकलः शानदार सफलता के लिए बधाई। डॉ- ललित कुमार मिश्रः धन्यवाद। सि- स- क्रॉनिकलः क्या आप चयन के प्रति आश्वस्त थे? डॉ- ललित

निबन्ध

खाद्य अपव्यय: भारत के खाद्य सुरक्षा संबंधी प्रयासों में बाधक

मोनिका मिश्रा21वीं सदी तक व्यापक तकनीकी एवं आर्थिक प्रगति के बावजूद वर्तमान में भी भारत की एक बड़ी जनसंख्या को मूलभूत आवश्यकताओं अर्थात रोटी, कपड़ा तथा मकान उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। इन आवश्यकताओं में भी रोटी अर्थात खाद्य अनुपलब्धता की समस्या की गंभीरता का अनुमान संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट के आधार पर लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पर्याप्त खाद्यान्न उत्पादन के बावजूद भारत में लगभग 190 मिलियन लोग अल्पपोषण की समस्या के शिकार हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देश में उत्पादित खाद्यान्न पदार्थों का लगभग 40% भाग नष्ट

राष्ट्रीय परिदृश्य

राष्ट्रीय मुद्दे

रेंगमा नगाओं ने की स्वायत्त जिला परिषद की मांग

कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) को एक क्षेत्रीय परिषद के रूप में अपग्रेड करने के केंद्र एवं राज्य सरकारों के फैसले के बीच असम के रेंगमा नगाओं (Rengma Nagas) ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर 'स्वायत्त जिला परिषद' (Autonomous District Council) की मांग की। छठी अनुसूची एवं स्वायत्त जिला परिषद संविधान की छठी अनुसूची चार पूर्वोत्तर राज्यों- असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है। छठी अनुसूची के अनुसार, उपर्युक्त चार राज्यों में जनजातीय क्षेत्र शामिल हैं जो अनुसूचित क्षेत्रों से तकनीकी रूप से भिन्न हैं। हालांकि ये क्षेत्र राज्य के कार्यकारी

मॉडल टेनेन्सी एक्ट : आवश्यकता, महत्व एवं चुनौतियां

2 जून, 2021 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किरायेदारी से सम्बंधित मॉडल टेनेन्सी एक्ट (Model Tenancy Act) को मंजूरी दे दी। इसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिये जारी किया जा रहा है, ताकि वे मौजूदा किरायेदारी कानूनों की जगह अपने हिसाब से ताजा कानून बना सकें या मौजूदा कानूनों में संशोधन कर सकें। उद्देश्य: मॉडल टेनेन्सी एक्ट का उद्देश्य देश में मकान-किरायेदारी के हवाले से एक जीवंत, टिकाऊ और समावेशी ढांचा तैयार करना है। इससे हर आय समूह के लोगों के लिये किराये पर मकान उपलब्ध होंगे और बेघर होने की समस्या का हल निकलेगा। मॉडल टेनेन्सी एक्ट की आवश्यकता 2011 की

लोग अपना धर्म चुनने के लिए स्वतंत्र: सुप्रीम कोर्ट

9 अप्रैल, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए एक सख्त केंद्रीय कानून की मांग करने वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति अपना धर्म चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया गया था कि अदालत को केंद्र और राज्यों को काले जादू, अंधविश्वास और जबरन धर्मांतरण को नियंत्रित करने का निर्देश देना चाहिए। जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऋषिकेष रॉय की पीठ ने याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण

राजव्यवस्था

ट्रिब्यूनल सुधार अध्यादेश, 2021

भारत के राष्ट्रपति ने 4 अप्रैल, 2021 को ट्रिब्यूनल सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा की शर्तें) अध्यादेश, 2021 [Tribunals Reforms (Rationalisation And Conditions Of Service) Ordinance, 2021] प्रख्यापित किया। यह अध्यादेश फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (FCAT) सहित कुछ मौजूदा अपीलीय निकायों (appellate bodies) को भंग करके उनके सभी कार्य अन्य न्यायिक निकायों को स्थानांतरित करने का प्रावधान करता है। इसी तरह के प्रावधानों वाला एक विधेयक 13 फरवरी, 2021 को लोकसभा में पेश किया गया था, जो अभी लंबित है। चूंकि विधेयक को संसदीय मंजूरी नहीं मिल सकी, इसलिए यह अध्यादेश जारी किया गया। कानूनों में संशोधन यह अध्यादेश कुल मिलाकर 10 कानूनों में संशोधन

उच्च न्यायालयों में तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति

20 अप्रैल, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों से निपटने के लिये संविधान के अनुच्छेद 224ए के तहत तदर्थ न्यायाधीशों (ad-hoc judges) के रूप में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया। पीठ ने कहा कि देश के 25 उच्च न्यायालयों में 57.51 लाख से अधिक लंबित मामलों में 54 प्रतिशत मामले 5 उच्च न्यायालयों- इलाहाबाद, पंजाब एवं हरियाणा, मद्रास, बॉम्बे और राजस्थान में हैं। पूर्व सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने लोक प्रहरी बनाम भारत संघ मामले में यह आदेश दिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे। इस

कला एवं संस्कृति

सूचकांक एवं रिपोर्ट

परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2019-20

शिक्षा मंत्रालय ने 6 जून, 2021 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक 2019-20 (Performance Grading Index 2019-20) जारी किया। यह सूचकांक स्कूली शिक्षा में राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करता है। सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव को उत्प्रेरित करने के लिए 70 मानकों के एक सेट के साथ प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) की शुरुआत की गई थी। परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई पहली बार 2019 में 2017-18 के संदर्भ में प्रकाशित हुआ था। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई 2019-20 इस श्रृंखला में तीसरा प्रकाशन है।

भारतीय विज्ञापनों में लैंगिक पूर्वाग्रह एवं समावेशन

हाल ही में यूनिसेफ (UNICEF) तथा गीना डेविस इंस्टीट्यूट ऑन जेंडर इन मीडिया (Geena Davis Institute on Gender in Media- GDI) ने "भारतीय विज्ञापन में लैंगिक पूर्वाग्रह एवं समावेशन" (Gender Bias and Inclusion In Advertising In India) नामक शीर्षक से एक अध्ययन रिपोर्ट जारी की। यह अध्ययन वर्ष 2019 में पूरे भारत में प्रसारित 1,000 से अधिक टेलीविजन विज्ञापनों तथा यूट्यूब विज्ञापनों को मापता है। अध्ययन में जिन विज्ञापनों का विश्लेषण किया गया, वे सबसे अधिक लोगों तक पहुंच प्राप्त करने वाले विज्ञापन थे। अध्ययन के बारे में यह अध्ययन विज्ञापनों में दर्शायी गई लैंगिक पक्षपाती भूमिकाओं को बढ़ावा देने तथा चुनौती देने

सामाजिक न्याय

दिव्यांगजन पुनर्वास पर सीबीआईडी कार्यक्रम

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचन्द गहलोत ने 19 मई, 2021 को दिव्यांगजन पुनर्वास पर 6 महीने का 'समुदाय आधारित समावेशी विकास कार्यक्रम' [Community Based Inclusive Development (CBID) Programme] शुरू किया। सीबीआईडी कार्यक्रम का उद्देश्य: समुदाय स्तर पर जमीनी पुनर्वास कर्मियों का एक पूल बनाना, जो आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों के साथ दिव्यांगता से जुड़े विभिन्न विषयों का निपटान कर सकें और समाज में दिव्यांगजनों के समावेशन में सहायक हों। मुख्य बिंदु यह कार्यक्रम इन पुनर्वास कर्मियों के दक्षता आधारित ज्ञान और कौशल के आधार पर तैयार किया गया है ताकि सफलतापूर्वक अपना कर्तव्य निभाने में वे

कार्यक्रम एवं पहल

आयोग एवं समिति

भारत के 24वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त बने सुशील चंद्रा

13 अप्रैल, 2021 को सुशील चन्द्रा ने भारत के 24वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner of India) के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने सुनील अरोड़ा का स्थान लिया है। सुशील चन्द्रा 15 फरवरी, 2019 से निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 14 मई, 2022 तक रहेगा। भारतीय निर्वाचन आयोग भारतीय निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है, जो संविधान में उल्लिखित नियमों और विनियमों के अनुसार भारत में चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है। यह आयोग लोकतंत्र का निर्वहन और सफल संचालन सुनिश्चित करता है। भारतीय चुनाव आयोग

सेवानिवृत्त अधिकारी की नियुक्ति हेतु सतर्कता मंजूरी आवश्यक

3 जून, 2021 को केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को नियुक्त करने से पहले सतर्कता मंजूरी प्राप्त करने के लिए सरकारी संगठनों द्वारा अपनाई जाने वाली एक परिभाषित प्रक्रिया निर्धारित की। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने कहा कि केंद्र सरकार के सभी संगठनों को नौकरशाहों को सेवानिवृत्ति के बाद रोजगार देने से पहले सतर्कता विभाग से अनिवार्य रूप से मंजूरी लेनी चाहिए। यदि किसी सेवानिवृत्त अधिकारी ने एक से अधिक संगठनों में काम किया है, तो उन सभी संगठनों से सतर्कता संबंधी मंजूरी प्राप्त की जानी चाहिए जहां अधिकारी ने पिछले 10 वर्षों में सेवा दी थी। सीवीसी ने यह

संक्षिप्तिकी

गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता हेतु आवेदन आमंत्रित

केंद्र सरकार ने 28 मई, 2021 को गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रहने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गैर-मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन व बौद्ध आदि) को भारतीय नागरिकता हेतु आवेदन के लिए आमंत्रित किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून 1955 तथा नागरिकता नियम 2009 के तहत इस आशय की एक अधिसूचना जारी की। गौरतलब है कि सरकार ने वर्ष 2019 में लागू संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के तहत नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया है। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 12 दिसंबर, 2019 को मंजूरी प्रदान

आर्थिक परिदृश्य

इन फोकस

बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 31 मई, 2021 को देश में बागवानी के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए ‘बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम’ (Horticulture Cluster Development Programme) का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का उद्देश्य:वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए पहचान किए गए बागवानी क्लस्टरों का विकास करना। प्रमुख विशेषताएं बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (National Horticulture Board- NHB) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार का लक्ष्य लक्षित फसलों के निर्यात में लगभग 20% तक बढ़ोतरी करना और क्लस्टर फसलों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए

मुद्रा-बैंकिंग

क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर रोक से इनकार

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार करते हुए कहा कि यह बैंकों को निर्धारित करना होगा कि वे क्रिप्टोकरेंसी व्यापार के लेनदेन पर प्रतिबंध लगाते हैं अथवा नहीं। एनपीसीआई ने बैंकों से कहा कि वे अपने कानूनी और अनुपालन विभागों की सलाह के आधार पर यह निर्णय लें। उल्लेखनीय है कि एनपीसीआई की सलाह ऐसे समय में महत्वपूर्ण है, जब कई बैंकों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी सौदों के लिए भुगतान प्रतिबंधित किया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है।इस वर्चुअल करेंसी को

राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी

इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) की प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजकिरण राय जी ने हाल ही में कहा कि बैंकों ने राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (National Asset Reconstruction Company Ltd.- NARCL) को हस्तांतरित किए जाने वाले 89,000 करोड़ रुपये के 22 खराब ऋणों (bad loans) की पहचान की है। इंडियन बैंक एसोसिएशन ने इसके लिए अग्रणी बैंकों से बैठक बुलाने और अनुमोदन तैयार रखने को कहा है ताकि NARCL बनते ही वे यह प्रक्रिया शुरू कर सकें। नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के जून 2021 में संचालन में आने की उम्मीद है। MERGEFORMATINET राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (NARCL) एक

एआरसी के कामकाज की समीक्षा के लिए समिति गठित

19 अप्रैल, 2021 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार वित्तीय क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र में परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARCs) के कामकाज की व्यापक समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित की गई है। समिति के संबंध में मुख्य तथ्य समिति का गठन भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक सुदर्शन सेन की अध्यक्षता में किया गया है। इस समिति में कुल 6 सदस्य शामिल होंगे| समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी| भारतीय रिज़र्व बैंक का विनियमन विभाग समिति को आवश्यक सचिवीय सहायता प्रदान करेगा। समिति की संदर्भ-शर्तें वित्तीय क्षेत्र में परिसंपत्ति पुनर्निर्माण

योजना/परियोजना

स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना

रेल, वाणिज्य एवं उद्योग तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने 19 अप्रैल, 2021 को स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (Startup India Seed Fund Scheme- SISFS) की शुरूआत की। फंड का उद्देश्य: स्टार्टअप्स को अवधारणा के प्रमाणीकरण, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षणों, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना। सीड फंडिंग क्या है? : सीड फंडिंग, प्रतिभूतियों की पेशकश का एक रूप है, जिसमें कोई निवेशक, कंपनी में इक्विटी हिस्सेदारी के बदले में उस कंपनी में पूंजी निवेश करता है। सीड शब्द से आशय है कि यह एक बहुत ही प्रारंभिक निवेश है, जिसका

वित्तीय समावेशन

उद्योग एवं व्यापार

आईएफएससी में फंड प्रबंधन हेतु परिवर्तनीय पूंजी कंपनी

परिवर्तनीय पूंजी कंपनी (Variable Capital Company- VCC) पर डॉ. के.पी. कृष्णन की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति (Dr. K.P. Krishnan headed Expert Committee) ने 1 जून, 2021 को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के अध्यक्ष इंजेती श्रीनिवास को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। मुख्य बिंदु अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSC) में फंड प्रबंधन (fund management) के लिए परिवर्तनीय पूंजी कंपनियों (VCC) की व्यवहार्यता को समझने के लिए इस विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। समिति, आईएफएससी में फंड व्यवसाय को आकर्षित करने के लिए विकल्प के रूप में वीसीसी को अनुमति देने की सम्भावना की जांच कर

सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सेबी के विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया| यह समिति हर्ष कुमार भनवाला (नाबार्ड के पूर्व अध्यक्ष) की अध्यक्षता में गठित की गई थी| समिति ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) पर सामाजिक उद्यमों और गैर-लाभकारी संगठनों को शेयर सूचीबद्ध कराने से संबंधित विस्तृत नियम बनाने का सुझाव दिया है। सेबी ने इस रिपोर्ट पर लोगों से 20 जून तक टिप्पणियां मांगी हैं। रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु कॉरपोरेट संस्थानों, राजनीतिक और धार्मिक संगठनों तथा अन्य संस्थाओं को सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। व्यावसायिक या व्यापार

रिपोर्ट एवं सूचकांक

अवसंरचना

मेट्टूर-सरबंगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना को एनजीटी की मंजूरी

14 अप्रैल, 2021 को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) की दक्षिणी पीठ ने मेट्टूर-सरबंगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना पर तमिलनाडु सरकार को कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी है| नागपट्टिनम के पूर्व डीएमके सांसद एकेएस विजयन ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण से परियोजना पर रोक लगाने की मांग की थी। परंतु, एनजीटी की दक्षिणी पीठ ने तमिलनाडु सरकार की महत्वाकांक्षी मेट्टूर-सरबंगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया| मुद्दा परियोजना के निर्माण हेतु पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता थी, लेकिन सरकार पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना, 2006 के तहत अनिवार्य मंजूरी प्राप्त किए बिना परियोजना पर कार्य कर रही

संक्षिप्तिकी

जी-सेक एक्विजिशन प्रोग्राम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 20 मई, 2021 को ‘सरकारी प्रतिभूति अधिग्रहण कार्यक्रम’ (G-SAP 1.0) के तहत 35,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की दूसरी खरीद संपन्न की। जी-एसएपी क्या है? मुक्त बाजार परिचालन (Open Market Operations- OMOs) के माध्यम से आरबीआई समय-समय पर बाजार से सरकारी बांड की खरीद करती है। जी-सेक एक्विजिशन प्रोग्राम (G-SAP) एक तरह से मुक्त बाजार परिचालन ही है। इस कार्यक्रम के तहत आरबीआई बाजारों के लिए एक विशिष्ट राशि के बांड की खरीद की अग्रिम प्रतिबद्धता व्यक्त करता है। इसका मकसद बॉन्ड बाजारों को निश्चिन्तता प्रदान करना है। ओपन मार्केट ऑपरेशन केंद्रीय बैंक द्वारा

अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं संगठन

इन फोकस

वर्तमान परिदृश्य में बिम्सटेक की प्रासंगिकता, महत्व एवं चुनौतियां

1अप्रैल, 2021 को श्रीलंका की अध्यक्षता में ‘बहु-क्षेत्रीय तकनीक और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल’ (BIMSTEC) की 17वीं मंत्री स्तरीय बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई थी। भारत ने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने और संगठन को अधिक सुदृढ़, जीवंत, प्रभावी तथा परिणाम-उन्मुख बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई, ताकि सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत किया जा सके। बैठक के प्रमुख निष्कर्ष बैठक के दौरान सदस्य देशों द्वारा परिवहन संपर्क बढ़ाने से संबंधित बिम्सटेक मास्टर प्लान को अपनाने पर सहमति व्यक्त की गई। श्रीलंका द्वारा आयोजित पांचवें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में इसे अपनाने का लक्ष्य रखा गया है।

वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट

विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा ‘वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट’ (Global Gender Gap Report), 2021 जारी की गई है। इस रिपोर्ट में भारत को 156 देशों की सूची 140वां स्थान प्राप्त हुआ है। रिपोर्ट में भारत की स्थिति पिछले वर्ष के मुकाबले वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट के वर्तमान संस्करण में भारत 28 स्थान नीचे पहुँच गया है| वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक, 2020 में भारत 153 देशों में 112वें स्थान पर था। राजनीतिक सशक्तीकरण: राजनीतिक सशक्तीकरण सूचकांक में भारत के प्रदर्शन में 13.5 प्रतिशत अंकों की गिरावट आई है। हालांकि अन्य देशों की तुलना में भारत द्वारा अच्छा प्रदर्शन किया गया है और राजनीति में महिलाओं

भारत के पड़ोसी देश

भारत-पाकिस्तान व्यापार

हाल ही में पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार की अनुमति देने के अपने निर्णय को वापस ले लिया। पूर्व में पाकिस्तान ने भारत से कपास और चीनी के आयात की अनुमति दी थी। हालांकि पाकिस्तान के अनुमति वापस लेने के निर्णय का कपड़ा उद्योग ने स्वागत नहीं किया है। क्योंकि उनके लिए भारत से सूती धागे के आयात की तत्काल आवश्यकता है अन्यथा इससे पाकिस्तान के कपड़ा निर्यात क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान द्वारा अनुमति क्यों दी गई थी? पाकिस्तान द्वारा भारत से कपास, सूती धागा और चीनी के आयात करने का निर्णय मुख्यत: पाकिस्तान की तात्कालिक आर्थिक जरूरतों पर आधारित

संगठन एवं फोरम

अमेरिका के साथ नाटो की अफगानिस्तान से वापसी

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन’ (NATO) द्वारा घोषणा की गई है कि नाटो के नेतृत्व में तैनात विदेशी सैनिक अमेरिकी सैनिकों के साथ ही अफगानिस्तान से वापस चले जाएंगे। 11 सितंबर, 2020 तक अमेरिकी सैनिकों का अफगानिस्तान से वापस चले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है| वापसी के बाद अफगानिस्तान, सुरक्षा के लिए अफगानी सेना और पुलिस बलों पर निर्भर करेगा, जिसे अरबों डॉलर व्यय करके प्रशिक्षित किया गया है। अफगानिस्तान में शांति की स्थापना के लिए वार्ताएं आयोजित की जा रही हैं परंतु वर्तमान में अक्सर छिटपुट हिंसा की घटनाएँ होती रहती हैं। भारत के लिए निहितार्थ अमेरिका और नाटो के

यूरोपीय संघ परिषद द्वारा इंडो-पैसिफिक रणनीति के निष्कर्षों का अनुमोदन

यूरोपीय संघ परिषद (Council of the European Union) द्वारा हिन्द-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र में सहयोग-रणनीति से संबंधित निष्कर्ष दस्तावेज़ को मंजूरी प्रदान किया गया है। यह हिन्द-प्रशांत में यूरोपीय संघ की व्यापक दीर्घकालिक सहयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है| उद्देश्य:‘क्षेत्रीय स्थिरता, सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास में योगदान करना तथा इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए रणनीतिक कार्रवाईयों को सुदृढ़ करना| मुख्य बिन्दु यूरोपीय संघ की प्रतिबद्धता लोकतंत्र, मानवाधिकारों, कानून के शासन और अंतर्राष्ट्रीय कानून के सम्मान को बनाए रखने पर आधारित होगी। दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखा गया है तथा इस प्रतिबद्धता का लक्ष्य, नियम-आधारित प्रभावी बहुपक्षवाद को बढ़ावा देना होगा। कोविड-19 महामारी के

मिशन एवं युद्धाभ्यास

ला पेरॉस समुद्री अभ्यास

हाल ही में भारतीय नौसेना ने जहाज़ आईएनएस सतपुड़ा (INS Satpura), आईएनएस किल्तान (INS Kiltan) तथा पी 8I (P-8I) लॉन्ग रेंज मेरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट के साथ पूर्वी हिंद महासागर में बहुपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ला पेरॉस (La Perouse) में भाग लिया। ला पेरॉस अभ्यास के बारे में नौसैन्य अभ्यास ला पेरॉस, फ्रांसीसी नौसेना के नेतृत्व में एक बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास है। इस संयुक्त अभ्यास की शुरुआत फ्राँस द्वारा वर्ष 2019 में की गई थी, जिसके प्रथम संस्करण में ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के जहाज़ सम्मिलित हुए थे। अभ्यास के बिन्दु: अभ्यास में समुद्र के सतह पर युद्ध, वायु रक्षा अभ्यास, वेपन फायरिंग एक्सरसाइज़ेज़, उड़ान

द्विपक्षीय संबंध

बिना भारत की अनुमति के भारतीय ईईज़ेड में अमेरिकी अभियान

हाल ही में अमेरिकी नौसेना ने सार्वजनिक रूप से जारी एक बयान में कहा कि उनके 7वें बेड़े ने लक्षद्वीप के निकट भारत के ‘विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र’ (Exclusive Economic Zone- EEZ) में ‘फ्रीडम ऑफ़ नैविगेशन ऑपरेशन’ (FONOP) को अंजाम दिया है। भारत ने अपने अनन्य आर्थिक क्षेत्र में अमेरिका द्वारा किए गए नौसैनिक अभियान पर विरोध दर्ज कराया है। हालांकि अमेरिका ने कहा है कि उसने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है। अमेरिका के नौसैनिक जहाज़ जॉन पॉल जोन्स (डीडीजी 53) ने भारतीय क्षेत्र में इस नौकायन संबंधी अभियान से पूर्व भारत की अनुमति नहीं ली थी। यह अभियान भारत के

संघर्ष एवं विवाद

राजनीतिक-आर्थिक संकट

शिनजियांग में अपराधों के लिए चीन की जांच

अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ (HRW) ने ‘संयुक्त राष्ट्र’ से एक अपील की है, जिसमें चीन सरकार द्वारा शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुसलमानों के खिलाफ किए जा रहे अपराधों के आरोपों की जांच की मांग की गई है। अपील के मुख्य बिन्दु मानवाधिकार समूह ने उइगर मुसलमानों को हिरासत में लिए जाने, उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप तथा अल्पसंख्यकों के खिलाफ अन्य कार्रवाईयों को ‘मानवता के विरुद्ध अपराध’ बताया है। शिनजियांग क्षेत्र के विभिन्न शिविरों में 10 लाख से अधिक लोग कैद हैं। उइगर महिलाओं की जबर्दस्ती नसबंदी, गर्भपात कराए जाने के मामलें सामने आए हैं| इस क्षेत्र के अधिकारियों पर

रिपोर्ट एवं सूचकांक

बैठक एवं सम्मेलन

संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन 2021

12 अप्रैल, 2021 को, संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन-2021 पर पहली राष्ट्रीय वार्ता का आयोजन भारत में किया गया। राष्ट्रीय संवाद के आयोजन में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के क्षेत्रीय प्रतिनिधियों, कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा गठित अंतर विभागीय समूह ने मुख्य भूमिका अदा की। इस सम्मेलन में किसान संगठनों, किसान उत्पादक संगठनों, नागरिक समाज संगठनों, अनुसंधान संस्थानों, विशेषज्ञों व सरकारी एजेंसियों ने भाग लिया। संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन इस शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा सितंबर 2021 में प्रथम ‘संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन’ (United Nations Food Systems Summit) आयोजित करने का आह्वान किया गया| उद्देश्य:

विविध

अमेरिका ने H1-B वीजा पर लगे प्रतिबंधों को हटाया

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किये गए वीज़ा प्रतिबंधों को विस्तारित न करने का निर्णय लिया है। जून 2020 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अधिरोपित प्रतिबंध मुख्य रूप से H1-B वीज़ा पर केंद्रित थे, साथ ही इन प्रतिबंधों का कुछ प्रभाव L-1 वीज़ा पर भी पड़ा था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह निर्णय कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बाद अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों की रक्षा के लिए था। हालाँकि, प्रतिबंध का अपना इच्छित प्रभाव नहीं प्राप्त किया जा सका। राष्ट्रपति ने कार्यकारी आदेशसमाप्त करने का कारण H-1B वीजा अमेरिका में

वैक्सीन पासपोर्ट

वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कई प्रकार के टीके का प्रयोग कोरोनावायरस के विरुद्ध प्रतिरोध विकसित करने के लिए किया जा रहा है| किसी व्यक्ति के टीकाकरण संबंधी रिकॉर्ड को ‘वैक्सीन पासपोर्ट (Vaccine Passports) भी कहा जा रहा है, जो कागज और डिजिटल दोनों प्रारूप में मौजूद है। मुख्य बिन्दु सामान्यतः टीकाकरण का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड ‘क्यूआर कोड’ (QR code) के रूप में होता है, जिसे किसी स्मार्टफोन के माध्यम से पढ़ा जा सकता है तथा इसका प्रिंट आउट भी लिया जा सकता है। इसका ज्यादातर उपयोग अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं में विभिन्न देशों कि एजेंसियों, विमानन कंपनियों आदि के द्वारा किया जा रहा

संक्षिप्तिकी

‘ग्लोबल यूथ मोबलाइज़ेशन लोकल सॉल्यूशंस’ अभियान

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न संस्थाओं तथा और युवा संगठनों द्वारा एक साथ मिलकर एक अनोखा अभियान शुरू किया गया है| यह अभियान नॉवेल कोरोनोवायरस (COVID-19) महामारी से प्रभावित युवाओं की जिंदगियों को फिर से पटरी पर लाने से संबन्धित है| इस अभियान में सम्पूर्ण विश्व के युवाओं को शामिल किया जाएगा। ‘ग्लोबल यूथ मोबलाइज़ेशन लोकल सॉल्यूशंस’ अभियान क्या है? इस अभियान की शुरुआत 19 अप्रैल, 2021 को की गई है। इस अभियान का उद्देश्य महामारी से प्रभावित समुदायों में युवाओं को जीवन के पुनर्निर्माण हेतु नवप्रवर्तनशील कार्यक्रम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके तहत, आरंभ में 500 से 5,000 USD

संधि एवं समझौते

मानवाधिकार रिपोर्ट, 2020

30 मार्च 2021 को अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा ‘मानवाधिकार रिपोर्ट’, 2020 जारी की गई है। मानवाधिकार रिपोर्ट को प्रतिवर्ष अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष पेश किया जाता है| यह देश आधारित रिपोर्ट है जो अमेरिकी क़ानून के तहत तैयार मानवाधिकार प्रथाओं पर तैयार की जाती है| वर्ष 2020 में लगभग 200 देशों और क्षेत्रों में मानवाधिकारों और श्रमिकों के अधिकारों की स्थिति का दस्तावेज़ीकरण किया गया है। मुख्य बिन्दु वर्ष 2020 में भारत सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को प्रताड़ित करना तथा हिरासत में लिया जाना जारी रहा| हालाँकि सरकार, आम तौर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है। सरकार द्वारा इंटरनेट कंपनियों

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इन फोकस

दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति तथा इससे सम्बंधित चुनौतियां

30 मार्च, 2021 को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दुर्लभ रोगों के लिए राष्ट्रीय नीति, 2021 (National Policy for Rare Diseases 2021) को स्वीकृति प्रदान की गई|कुछ समय से विभिन्न हितधारकों द्वारा दुर्लभ बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए एक समग्र नीति की मांग की जा रही थी। देश में दुर्लभ रोगों से संबंधित बहुआयामी चुनौतियाँ विद्यमान हैं| दुर्लभ रोगों से संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श के बाद व्यापक राष्ट्रीय नीति को अंतिम रूप दिया है। इससे पूर्व 13 जनवरी, 2020

अंतरिक्ष/ब्रह्माण्ड विज्ञान

यूरेनस से आने वाली एक्स-रे की खोज

हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के शोध में स्पष्ट हुआ है कि हमारे सौरमंडल में मौजूद ग्रह अरुण(Uranus) से एक्स-रे विकिरण आती हुई दिखाई दी हैं। महत्व:यूरेनस से एक्स-रे उत्सर्जन को समझने से इसकी संरचना और विशेषताओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है। एक्स-रे का स्रोत एक्स-रे के परावर्तन का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, परन्तु शोधकर्ताओं के अनुसार, इन एक्स-रे विकिरण की दो संभावित व्याख्याएं हैं। पहली व्याख्या के अनुसार, इसका कारण सूर्य से यूरेनस पर एक्स-रे का पड़ना और इनका परावर्तन है। दूसरी संभावित व्याख्या के अनुसार यूरेनस के छल्लों में इस विकिरण की प्रक्रिया

मंगल ग्रह पर हेलीकॉप्टर की पहली उड़ान

19 अप्रैल, 2021 को नासा ने मंगल ग्रह पर अपने छोटे ‘इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर’ (Ingenuity Helicopter) को सफलतापूर्वक उड़ाया। किसी अन्य ग्रह पर यह पहली मशीनी उड़ान थी। लक्ष्य:‘इंजेन्युटी’ का लक्ष्य इसके तकनीकी कार्यों का प्रदर्शन करना है, और यह ‘परसिवरेंस रोवर’ के वैज्ञानिक उद्देश्यों में कोई योगदान नहीं करेगा। इंजेन्युटी हेलीकॉप्टर नासा के ‘इंजेन्युटी मिनी-हेलीकॉप्टर’ (Ingenuity Mini-Helicopter) एक छोटा हेलीकॉप्टर है। इस हेलीकॉप्टर को ‘परसिवरेंस रोवर’ (Perseverance rover)के अधोभाग में जोड़ा गया था। ‘इंजेन्युटी’ हेलीकाप्टर, एक छोटा समाक्षीय (coaxial) ड्रोन रोटरक्राफ्ट है, जोकि नासा के मंगल अभियान-2020 का एक भाग है। यह मंगल ग्रह पर मार्स रोवर का मार्ग तय करने संबंधी योजना बनाने

नैनो प्रौद्योगिकी

नैनोस्निफर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे की स्टार्टअप कंपनी ‘नैनोस्निफ टेक्नोलॉजी’ ने माइक्रो-सेंसर तकनीक पर आधारित ‘नैनोस्निफर’ बनाया है। ‘नैनोस्निफर’ के निर्माण के लिए ‘नैनोस्निफ टेक्नोलॉजी’ ने ‘वेहांत टेक्नोलॉजी’ के साथ साझेदारी की है। मुख्य बिंदु नैनोस्निफर 10 सेकंड से भी कम समय में विस्फोटक का पता लगा सकता है। यह अलग-अलग तरह से बने विस्फोटकों- जैसे सैन्य, पारंपरिक और घर में बने विस्फोटकों का पता आसानी से लगा सकता है| इसके साथ ही यह विस्फोटकों को उनके निर्माण के अनुरूप वर्गीकृत भी कर सकता है। ‘नैनोस्निफर’ आवाज और दृश्य दोनों रूप से अलर्ट देता है। महत्व नैनोस्निफर पूर्णतः ‘मेड इन

एचआईवी पुनर्सक्रियन अवरुद्ध करने वाले नैनो एंजाइम

बेंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के शोधकर्ताओं ने कृत्रिम एंजाइम विकसित किए हैं जो मनुष्य ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के पुनर्सक्रियन और प्रतिकृति (reactivation and replication) को सफलतापूर्वक अवरुद्ध कर सकते हैं। मुख्य बिंदु वैनेडियम पेन्टोक्साइड नैनोसीट्स (vanadium pentoxide nanosheets) से इन एंजाइम को निर्मित किया गया है| इन "नैनो एंजाइम" की संरचना ग्लूटाथिओन पेरोक्सीडेज (glutathione peroxidase) नामक प्राकृतिक एंजाइम की तरह है| इससे पूर्व शोधकर्ताओं द्वारा वास्तविक समय में एचआईवी संक्रमित प्रतिरक्षा कोशिकाओं में ऑक्सीडेटिव तनाव के स्तर को मापने के लिए एक बायोसेंसर विकसित किया गया था। ग्लूटाथियोन पेरोक्सीडेज एंजाइम ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ाने वाले जहरीले तत्व, जैसे हाइड्रोजन पेरोक्साइड, को

जैव प्रौद्योगिकी

शारीरिक तरल पदार्थ के माध्यम से स्वास्थ्य निदान

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)हैदराबाद के शोधकर्ताओं के एक दल ने एक नया उपकरण विकसित किया है जो पसीने पर आधारित स्वास्थ्य निदान सेवाएं प्रदान कर सकता है| इस शोध को स्विस ओलंपिक मेडिकल सेंटर के सहयोग से संचालित किया गया है| कार्य कैसे करता है? हमारे शरीर के तरल पदार्थ (जैसे पसीने) में आयन, भारी धातु, मेटाबोलाइट (metabolites)और प्रोटीन जैसे जैविक रूप से प्रासंगिक मार्कर होते हैं| उनमें से कुछ रक्तप्रवाह से अलग होते हैं जो रासायनिक स्तर पर स्वास्थ्य की स्थिति को दर्शा सकते हैं। नया उपकरण मानव शरीर में उपस्थित विभिन्न जैविक मार्कर का विश्लेषण करता है| मुख्य बिंदु पसीना

स्वास्थ्य विज्ञान

माइटोकॉन्ड्रियल विकार एवं उनकी चिकित्सा

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (एनआईआई) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने माइटोकॉन्ड्रियल विकार (mitochondrial disorders)को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है| एनआईआई के शोधकर्ताओं ने ऑटोसोमल डोमिनेंट प्रोग्रेसिव एक्सटर्नल ओप्थाल्मोप्लेजिया (Autosomal dominant progressive external ophthalmoplegia- adPEO) नामक माइटोकॉन्ड्रियल विकार (रोग) को अपने शोध का आधार बनाया| मुख्य बिंदु वर्तमान में ‘ऑटोसोमल डोमिनेंट प्रोग्रेसिव एक्सटर्नल ओप्थाल्मोप्लेजिया’, सर्वाधिक व्यापक माइटोकॉन्ड्रियल विकार है। माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए की अपनी प्रतिकृति बनाने से संबंधित समस्या आने पर यह विकार पैदा होता है। स्वस्थ माइटोकॉन्ड्रिया में, पॉलिमरेज़ गामा नामक प्रोटीन इस महत्वपूर्ण कार्य को करता है। पॉलीमरेज़ गामा का माइटोकॉन्ड्रिया में परिवहन एक पेप्टाइड द्वारा निर्धारित होता

म्यूकोर्माइकोसिस महामारी

हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों को ‘म्यूकोर्माइकोसिस फंगल संक्रमण’ को महामारी घोषित करने का निर्देश दिया। केंद्र सरकार के निर्देश का पालन करते हुए, देश के कई राज्यों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। मुख्य बिन्दु ‘म्यूकोर्मिकोसिस फंगल संक्रमण’ को ब्लैक फंगस संक्रमण भी कहा जाता है| कोरोना संक्रमण से जूझ रहे कुछ लोगों में, उपचार के दौरान या उससे उबरने के बाद, कम इम्यूनिटी के चलते ब्लैक फंगस खतरनाक रूप से संक्रमित कर रहा है। ब्लैक फंगस अधिकांश उन्हीं मरीजों में दिख रहा है, जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। ब्लैक फंगस में मृत्यु

कृत्रिम बुद्धिमत्ता

कृत्रिम सिनैप्टिक नेटवर्क

हाल ही में बेंगलुरू स्थित जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर)के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक ऐसा उपकरण विकसित किया है, जो मानव मस्तिष्क की नकल करने में सक्षम है। मुख्य बिन्दु वैज्ञानिकों ने जो उपकरण बनाया है, वह मानव मस्तिष्क की तरह ज्ञान से संबंधित क्रियाओं की नकल करने में सक्षम है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित यह एक न्यूरोमॉर्फिक उपकरण है, जो कुशल कंप्यूटिंग क्षमता का उपयोग कर मानव मस्तिष्क की नकल कर सकता है। यह बाहरी सपोर्टिंग- सीएमओएस (CMOS- Complementary metal–oxide semiconductor) सर्किट की सहायता के बिना जटिल मनोवैज्ञानिक व्यवहारों की नकल करने में सक्षम है| भारतीय वैज्ञानिकों ने

नवीन प्रौद्योगिकी

स्वदेशी डिवाइस ‘ऐम्बिटैग’

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), रोपड़ के शोधकर्ताओं ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आधारित अत्याधुनिक डिवाइस ‘ऐम्बिटैग’ (AmbiTag) विकसित की है, जो कोल्डचेन प्रबंधन में तापमान दर्ज करने में मददगार होगी। यह डिवाइस किसी संग्रहीत वस्तु के आसपास के तापमान की जानकारी वास्तविक समय में उपलब्ध कराने में सक्षम है। मुख्य बिन्दु यह डिवाइस 400 रुपये की उत्पादन लागत पर उपलब्ध होगी और इससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा। ‘ऐम्बिटैग’ यूएसबी के आकार का डिवाइस है, जो एक बार रिचार्ज होकर पूरे 90 दिनों के लिए किसी भी टाइम जोन में -40 से +80 डिग्री तक के वातावरण में निरंतर तापमान दर्ज कराने में

विविध

बैकाल-गीगाटन वॉल्यूम डिटेक्टर

हाल ही में, रूसी वैज्ञानिकों द्वारा बैकाल झील में बैकाल-गीगाटन वॉल्यूम डिटेक्टर या बैकाल-जीवीडी [Baikal-GVD (Gigaton Volume Detector)] नामक न्यूट्रिनो टेलिस्कोप स्थापित की गई है। यह विश्व की सबसे बड़ी जलमग्न न्यूट्रिनो टेलिस्कोप है| लक्ष्य: इसका प्राथमिक लक्ष्य उच्च-ऊर्जा ब्रह्मांडीय न्यूट्रिनो के प्रवाह और उनके स्रोतों की खोज का विस्तृत अध्ययन है। मुख्य बिन्दु बैकाल डीप अंडरवाटर न्यूट्रिनो टेलिस्कोप या बैकाल-गीगाटन वॉल्यूम डिटेक्टर एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना है। बैकाल-जीवीडी सहयोग में 4 देशों के 9 संस्थान और संगठन शामिल हैं। बैकाल जीवीडी के पहले चरण (जीवीडी-1) का निर्माण 2016 में शुरू किया गया था| यह विश्व के सबसे बड़े तीन न्यूट्रिनो डिटेक्टर्स में से

फेक-बस्टर : वर्चुअल जालसाजों की पहचान के लिए नया सॉफ्टवेयर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ और ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ‘फेक-बस्टर’ नामक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो ऑनलाइन टेक्स्ट, फोटोग्राफ, ऑडियो, वीडियो जैसी सामग्री में छेड़छाड़ का पता लगाने मे सक्षम है|इससे साइबर सुरक्षा को एक नया आयाम मिलेगा| मुख्य बिन्दु फेक-बस्टर, गुप्त रूप से वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में शामिल लोगों का पता लगाने में सक्षम है। इसकी सटीकता 90 प्रतिशत से अधिक पायी गई है। इसे जूम और स्काइप जैसी एप्लीकेशनस पर परखा जा चुका है। ‘फेक-बस्टर’ ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीके से काम करता है। इसे मौजूदा समय में लैपटॉप और डेस्कटॉप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

संक्षिप्तिकी

कोरोना के स्वरूपों की पड़ताल से मिलीं अहम जानकारियां

आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस संक्रमण के विभिन्न स्वरूपों की गहन पड़ताल की है तथा कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की खोज की है। इससे सार्स-सीओवी-2 के कारण बेहद तेजी से हो रहे संक्रमण और मौतों के मामलों की गुत्थी सुलझाने में मदद मिली है। शोधकर्ताओं के द्वारा कंप्यूटेशनल टूल्स का उपयोग किया गया तथा सार्स-सीओवी और इसके अन्य वेरिएंट एनएल63 को आधार बनाया गया। सार्स-सीओवी तथा सार्स-सीओवी-2 दोनों 'बीटा कोरोना वायरस' समूह के विषाणु है। एनएल63 का संबंध अल्फा कोरोना वायरस से है जो सार्स-सीओवी-2 की फैमिली का ही माना जा सकता है। संक्रमण का प्रसार तेजी से कैसे होता

पर्यावरण एवं जैवविविधता

इन फोकस

वैश्विक तापमान में वृद्धि तथा ग्लेशियर के पिघलने की दर

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (United Nations Framework Convention on Climate Change- UNFCCC) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण वर्ष 2100 तक 80 प्रतिशत ग्लेशियर पिघल सकते हैं। वैश्विक तापमान में वृद्धि क्या है? वैश्विक तापमान वृद्धि पृथ्वी के औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि को दर्शाता है। यह प्राकृतिक या मानवीय कारण दोनों से हो सकता है। औद्योगिक क्रांति के बाद (वर्ष 1880 के बाद) से औसत वैश्विक तापमान में लगभग एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है। वैश्विक तापमान एक सतत रूप से चलने वाली प्रक्रिया है| वैज्ञानिकों को आशंका

जैव-विविधाता

ओडिशा का दूसरा बायोस्फीयर रिजर्व

हाल है में ओडिशा राज्य सरकार ने जैव-विविधता वाले हॉटस्पॉट ‘महेंद्रगिरि हिल्स’ क्षेत्र को राज्य के दूसरे बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में प्रस्तावित किया। सिमिलीपाल बायोस्फीयर रिजर्व ओडिशा का पहला रिजर्व था जिसे 1996 में अधिसूचित किया गया था। महेंद्रगिरी बायोस्फीयर रिजर्व के बारे में क्षेत्र: प्रस्तावित महेंद्रगिरि बायोस्फीयर रिजर्व एक पर्वतीय क्षेत्र है तथा इसका क्षेत्रफल लगभग 4,70,955 हेक्टेयर है। यह पूर्वी घाट में गजपति और गंजम जिलों में फैला हुआ है। संक्रमणकालीन क्षेत्र: महेंद्रगिरि बायोस्फीयर रिजर्व, पहाड़ी पारिस्थितिक तंत्र का उदाहरण है| यह दक्षिण भारत और हिमालय के वनस्पतियों तथा जीवों के बीच एक संक्रमणकालीन क्षेत्र के रूप में कार्य करता

पर्यावरण मूल्यांकन समिति की ‘ग्रेट निकोबार परियोजना’ पर अनुशंसा

हाल ही में पर्यावरण मूल्यांकन समिति ने ग्रेट निकोबार द्वीप से संबंधित परियोजना को पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) के लिये अनुशंसित किया है। इससे पूर्व अगस्त 2020 में प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को ‘मेरीटाइम एंड स्टार्टअप हब’ के रूप में विकसित किया जाएगा| क्या है यह परियोजना ? यह नीति आयोग द्वारा प्रस्तावित परियोजना है जिसका उद्देश्य ग्रेट निकोबार का समग्र विकास करना है| इस परियोजना के अंतर्गत एक अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल, एक ग्रीनफील्ड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक बिजली संयंत्र और 166 वर्ग किलोमीटर में फैले एक टाउनशिप कॉम्प्लेक्स के निर्माण का प्रस्ताव शामिल है| इन्हें तटीय

प्रदूषण

जलवायु परिवर्तन

जलवायु से जुड़े मुद्दों पर वैश्विक नेताओं का शिखर सम्मेलन-2021

22 अप्रैल, 2021 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा ‘जलवायु से जुड़े मुद्दों पर वैश्विक नेताओं का शिखर सम्मेलन-2021’ (Leaders’ Summit on Climate 2021) प्रारम्भ किया गया। आभासी रूप से आयोजित यह शिखर सम्मेलन 23 अप्रैल, 2021 तक चला | मुख्य बिन्दु इस दो दिवसीय सम्मेलन को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के अग्रगामी सम्मलेन के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। COP26 का आयोजन, इस वर्ष के अंत में ‘ग्लासगो’ में होगा। यह शिखर सम्मेलन ‘पृथ्वी दिवस’ के अवसर पर आभासी रूप से बुलाया गया| इस शिखर सम्मेलन में मुख्य रूप से जलवायु संकट से निपटने हेतु प्रमुख देशों द्वारा किए जाने

देश के कई भागों में हीट वेव की चेतावनी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ‘राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र’ ने राजस्थान, विदर्भ और तमिलनाडु के भीतरी भागों में छिटपुट जगहों पर ‘गर्म हवा की लहर’ अर्थात ‘ग्रीष्म लहर’ (Heat Waves) चलने की चेतावनी दी है| यह चेतावनी हाल ही में अधिकांश जगहों पर 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज करने के पश्चात जारी की गई है। हीट वेव क्या हैं ? हीट वेव या ग्रीष्म लहर असामान्य रूप से उच्च तापमान की वह स्थिति है, जिसमें तापमान सामान्य से अधिक रहता है| आमतौर पर ग्रीष्म लहर देश के उत्तर-पश्चिमी भागों को प्रभावित करती है और मार्च-जून महीनों के बीच चलती है परंतु

ग्रीनलैंड की हिमचादर से जुड़ी हुई नदियों में ‘पारा’ का उच्च स्तर

हाल ही में नेचर जियोसाइंस (Nature Geoscience) में प्रकाशित शोध के अनुसार ग्रीनलैंड की हिमचादरों (Greenland ice sheets) से निकलने वाले जल निकायों में पारे की उच्च सांद्रता पायी गयी है| ग्रीनलैंड हिमचादरों द्वारा पोषित जल निकायों में, वैज्ञानिकों ने ‘पारे’ का स्तर 150 ng L-1 से अधिक पाया है| जल निकायों में पारे की उच्च सांद्रता का कारण: जल निकायों में पारे का उच्च स्तर का कारण औद्योगिक गतिविधि या मानव जनित नहीं है| यह सांद्रता ग्लेशियरों के पहाडी ढलानों पर नीचे की ओर धीमी गति से विसर्पण का परिणाम है| विसर्पण के कारण ‘पारा-समृद्ध आधार-शैलों’ (Mercury-rich bedrock) का अपक्षरण होता है और ग्लेशियर

अध्ययन एवं रिपोर्ट

राष्ट्रीय जलवायु भेद्यता आकलन रिपोर्ट

17 अप्रैल, 2021 को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा राष्ट्रीय जलवायु भेद्यता आकलन (National climate vulnerability assessment) रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में वर्तमान जलवायु संबंधी जोखिमों और भेद्यता के प्रमुख चालकों के लिहाज से भारत के सबसे संवेदनशील राज्यों और जिलों की पहचान की गई है। यह जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के कुल 8 मिशनों में से दो मिशनों (सुस्थिर हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र हेतु राष्ट्रीय मिशन और जलवायु परिवर्तन हेतु रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन) के तहत क्षमता निर्माण कार्यक्रम का हिस्सा है। रिपोर्ट का शीर्षक: ‘उभयनिष्ठ रूपरेखा के माध्यम से भारत में अनुकूलन योजना

मीथेन उत्सर्जन पर संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट

हाल ही में जलवायु और स्वच्छ वायु संघ (Climate and Clean Air Coalition) तथा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme- UNEP द्वारा “वैश्विक मीथेन आकलन: मीथेन उत्सर्जन कम करने के लाभ और लागत” नामक रिपोर्ट जारी की गई| रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु मानव गतिविधि द्वारा उत्पन्न मीथेन गैस का उत्सर्जन, इस दशक में 45 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है| इससे पेरिस जलवायु समझौते की शर्तों के अनुरूप, वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने में मदद मिलेगी| मीथेन लगभग 30% वैश्विक तापन (पूर्व-औद्योगिक समय की अपेक्षा) के लिये ज़िम्मेदार है। वर्तमान में

प्रोटेक्टेड प्लैनेट रिपोर्ट 2020

19 मई, 2021 को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme - UNEP) और अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for the Conservation of Nature-IUCN) द्वारा प्रोटेक्टेड प्लैनेट रिपोर्ट 2020 (Protected Planet Report, 2020) जारी की गई| इसके प्रकाशन में एक वैश्विक गैर-लाभकारी संस्था ‘नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी’ का सहयोग भी लिया गया है| प्रमुख बिन्दु इस रिपोर्ट में जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (United Nations Convention on Biological Diversity) के लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति को रेखांकित किया गया है। 2010 के पश्चात 82 प्रतिशत देशों ने अन्य प्रभावी क्षेत्र-आधारित संरक्षण उपायों (Other Effective Area-based Conservation Measure- OECM) को अपनाकर

भारतीय मॉनसून

भारत में अच्छे मानसून’ का पूर्वानुमान

हाल ही में देश की निजी संस्था स्काईमेट के द्वारा देश में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की गई है| वर्ष 2021 की मानसून की अवधि के दौरान वर्षा ‘औसतन दीर्घावधि’ (long period average– LPA) की 103% रहने की संभावना है। देश के लिए‘औसतन दीर्घावधि’ (LPA) का तात्पर्य ‘अखिल भारतीय मानसूनी वर्षा’ के औसत (88 सेमी) से है, जोकि 50 वर्षों की औसतन ‘मानसूनी वर्षा’ के आधार पर निर्धारित किया गया है| मुख्य बिन्दु इस वर्ष, ‘अल-नीनो’ की संभावना काफी कम है। ‘अल-नीनो’ के दौरान, भूमध्यरेखीय मध्य प्रशांत महासागर के तापमान में आधे डिग्री से अधिक की वृद्धि हो जाती है। वर्तमान में, प्रशांत महासागर

संरक्षण

वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 में संशोधन

हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 (FCA) में संशोधन सबंधी प्रस्ताव पारित किया गया। उद्देश्य: इन संशोधनों का उद्देश्य वनों के अभिनिर्धारण की प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी करना है। संशोधन में शामिल मुख्य प्रावधान जंगलों में रेलवे, सड़कों, वृक्षारोपण, तेल-अन्वेषण, वन्यजीव पर्यटन और ‘रणनीतिक परियोजनाओं’ को छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। राज्य सरकारों को निजी व्यक्तियों और कॉर्पोरेशंस (corporations) के लिए ‘वन भूमि’ को पट्टे पर देने का अधिकार प्रदान किये जाने का प्रावधान शामिल है । इनके तहत, ‘प्रवेश वर्जित’ / नो-गो (no-go) क्षेत्रों का सृजन करने का प्रस्ताव भी किया गया

संक्षिप्तिकी

देश में प्रथम साइकिलिंग नीति का मसौदा

हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा साइकिल चलाने संबंधी नीति अर्थात ‘साइकिलिंग नीति’ का मसौदा जारी किया गया। भारत में किसी शहर द्वारा पहली बार साइकिलिंग नीति का मसौदा तैयार किया गया है। यह मसौदा चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। साइकिलिंग नीति मसौदा के प्रमुख बिंदु प्रत्येक सात दिनों तक साइकिल से काम करने जाने वालों को आधे दिन का अवकाश दिया जाएगा। कार्यालयों के बाहर साइकिल पार्किंग के लिए छतदार जगह बनाई जाएगी। एक विशिष्ट दूरी तक साइकिल से आने-जाने पर मौद्रिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है। दुर्घटनाओं की आशंकाओं को कम करने हेतु गैर-मोटर चालित परिवहन लाइनों

लघु संचिका
खेल परिदृश्य
राज्यनामा

विशेष

Content Index