उच्च न्यायालयों में तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
- 20 अप्रैल, 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों से निपटने के लिये संविधान के अनुच्छेद 224ए के तहत तदर्थ न्यायाधीशों (ad-hoc judges) के रूप में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया।
- पीठ ने कहा कि देश के 25 उच्च न्यायालयों में 57.51 लाख से अधिक लंबित मामलों में 54 प्रतिशत मामले 5 उच्च न्यायालयों- इलाहाबाद, पंजाब एवं हरियाणा, मद्रास, बॉम्बे और राजस्थान में हैं।
- पूर्व सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने लोक प्रहरी बनाम भारत संघ मामले में यह आदेश दिया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे।
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 प्राक्कलन समिति के 75 वर्ष
- 2 अनुच्छेद 311 (2)(c) के तहत सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी
- 3 महिला सशक्तीकरण महासम्मेलन
- 4 “योग कनेक्ट” कार्यक्रम का आयोजन
- 5 5 विदेशी विश्वविद्यालय नवी मुंबई में अपने परिसर स्थापित करेंगे
- 6 PMAY-U 2.0 के अंतर्गत 2.35 लाख नए आवासों के निर्माण को मंजूरी
- 7 वन हेल्थ मिशन के तहत पहली राज्य सहभागिता कार्यशाला
- 8 पुडुचेरी विधानसभा के लिए NeVA प्लेटफॉर्म का उद्घाटन
- 9 भारतीय भाषा अनुभाग
- 10 अपतटीय सुरक्षा समन्वय समिति (OSCC) की बैठक