फ्लोर टेस्ट से संबंधित राज्यपाल की शक्ति
- 13 अप्रैल, 2020 को दिए अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि किसी राज्य के राज्यपाल को ऐसा लगता है कि सरकार सदन का विश्वास खो चुकी है या अस्थिर है, तो ऐसी स्थिति में राज्यपाल किसी भी समय फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है।
- इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें उन्होंने कमलनाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था।
- शीर्ष न्यायालय का यह निर्णय न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ द्वारा दिया गया।
- शीर्ष अदालत ने इस ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 सीबीएसई का बड़ा कदम: स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ अनिवार्य
- 2 रोहिंग्याओं से संबंधित मामलों का निपटान विदेशी अधिनियम के तहत
- 3 नए मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) का उद्घाटन
- 4 नीति फ्रंटियर टेक हब (NITI-FTH) द्वारा उच्च-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
- 5 'राष्ट्रीय कर्मयोगी - व्यापक जन सेवा कार्यक्रम' के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम
- 6 युग्म नवाचार सम्मेलन
- 7 वन भूमि के गैर-वानिकी आवंटन पर राज्य एसआईटी गठित करें: सुप्रीम कोर्ट
- 8 ‘DNTs के आर्थिक सशक्तीकरण की योजना’ के क्रियान्वयन की समीक्षा
- 9 समावेशी भारत शिखर सम्मेलन 2025
- 10 कोझिकोड को WHO की "एज-फ्रेंडली सिटीज़ नेटवर्क" में स्थान