भारत में संतुलित वित्तीय संघवाद की आवश्यकता क्यों है? क्या आपको लगता है कि राज्यों के राजकोषीय अधिकार, केंद्र सरकार द्वारा कम किए जा रहे हैं?

उत्तरः वित्तीय संघवाद, सरकार के राजस्व कार्यों के विभाजन और सरकार के अलग-अलग स्तरों पर वित्तीय संबंधों से संबंधित है। भारत में, वित्तीय संघवाद का अर्थ केंद्र, राज्यों और स्थानीय निकायों के बीच वित्त एवं वित्तीय अधिकारों (कर संग्रह करने का अधिकार) का बंटवारा है।

राजकोषीय संघवाद की आवश्यकता

  • क्षेत्रीय एवं स्थानीय मतभेदों को दूर करने के लिए संघीय इकाइयों अथार्त राज्यों को राजस्व अधिकार हस्तांतरित करने की आवश्यकता है। इसके लिए स्थानीय क्षेत्र की जरूरतों एवं वास्तविकताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • कार्य की कम लागत और प्रशासनिक लागतों को कई स्तरों पर बांटा जा सकता है।
  • स्थानीय प्रशासन के बीच ....

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