कार्बन क्रेडिट व्यापार : वैश्विक स्थिति, लाभ और चुनौतियां
हाल ही में लोक सभा द्वारा ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 [Energy Conservation (Amendment) Bill, 2022] पारित किया गया। इस विधेयक में केंद्र सरकार पर ‘कार्बन क्रेडिट व्यापार’ (Carbon Credit Trading) से संबंधित प्रावधान करने की जिम्मेदारी डाली गई है।
- पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा गहनता (Energy Intensity) में लगातार कमी आई है। भारत को पेरिस समझौते के तहत अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई शुरू करनी होगी। ऐसे में विभिन्न उपायों को शामिल करने के लिए नियमों-विनियमों के दायरे को व्यापक बनाने की आवश्यकता है, ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आपदा रोधी अवसंरचना: एक वैश्विक आवश्यकता
- 2 स्मार्ट सिटी मिशन के 10 वर्ष: उपलब्धियां एवं चुनौतियां
- 3 सतत विकास लक्ष्य एवं भारत: प्रगति एवं चुनौतियां
- 4 सार्वभौमिक टीकाकरण: सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा का भारतीय संकल्प
- 5 महासागरों का संरक्षण: सतत एवं समावेशी भविष्य की आधारशिला
- 6 51वां G7 शिखर सम्मेलन: प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सहमति बनाने में कितना सफल
- 7 भारत-साइप्रस: द्विपक्षीय सहयोग की नई दिशा की ओर अग्रसर
- 8 प्रधानमंत्री की क्रोएशिया यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण पड़ाव
- 9 संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन: भारत की भूमिका
- 10 नीति निर्माण में अग्रणी प्रौद्योगिकियों की भूमिका पारदर्शिता, प्रभावशीलता और समावेशिता की नई नींव