भारत में शहरी आर्द्र-भूमियों की स्थिति : विनाश के कारण तथा उपाय
इंद्रजीत भार्गव
शहरीकरण की अनियमित आवश्यकताओं ने शहरी आर्द्रभूमियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है तथा वर्तमान समय में देश की अनेक शहरी आर्द्रभूमियां विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई हैं। ‘केंद्रीय आर्द्रभूमि विनियामक प्राधिकरण’ जैसे प्रमुख नियामक निकायों की भूमिका में वृद्धि करने तथा उचित कानूनों के निर्माण के साथ जन-भागीदारी को बढ़ावा देकर शहरी आर्द्रभूमियों को संरक्षित एवं पुनर्जीवित किया जा सकता है।
अगस्त 2021 में भारत के 4 अन्य स्थलों को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों के रूप में मान्यता प्रदान की गई। इस प्रकार इन नवीन स्थलों को मिलाकर भारत में ....
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