भारत की सौर फोटोवोल्टाइक क्षमता में वृद्धि
भारत ने पिछले एक दशक में अपनी सौर फोटोवोल्टाइक (Solar photovoltaics - PV) क्षमता में वृद्धि की है| वर्ष 2010 में भारत की सौर फोटोवोल्टाइक क्षमता 10 मेगावाट से कम थी, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 50 गीगावॉट से अधिक हो गई है।
मुख्य बिंदु
वर्ष 2030 तक, भारत ने अक्षय ऊर्जा से 500 GW बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें से लगभग 280 GW सौर फोटोवोल्टाइक से होने की उम्मीद है।
- इसके लिए 2030 तक हर साल लगभग 30 GW सौर क्षमता स्थापित करने की आवश्यकता होगी।
- वर्तमान में भारत की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 ELSA 3 जहाज के डूबने से हुए भारी पारिस्थितिक नुकसान
- 2 स्मॉग ईटिंग टेक्नोलॉजी
- 3 स्वेल वेव्स से भारत की रक्षा करने में टियरड्रॉप द्वीप की भूमिका
- 4 भारतीय नदियों में प्रदूषित नदी खंडों की संख्या में सुधार
- 5 एक विशाल अपतटीय जलभृत (Aquifer Offshore) की खोज
- 6 हाल ही में चर्चा में रहीं महत्त्वपूर्ण वनस्पति एवं जंतु प्रजातियां
- 7 हाल ही में चर्चा में रहे महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र
- 8 बाघों के स्थानांतरण को मंजूरी
- 9 तमिलनाडु कोस्टल रिस्टोरेशन मिशन (TN-SHORE)
- 10 भारत का पहला विज्ञान-आधाारित, समुदाय-नेतृत्व वाला उन्मूलन अभियान