भूमि पांडुगा उत्सव
- हाल ही में पूर्वी गोदावरी जिले के चिंतूर मंडल में कोया जनजाति (Koya tribes) के लोगों ने अपने पैतृक गांवों में आखिरी बार 'भूमि पांडुगा' (Bhumi Panduga) उत्सव मनाया।
- कोया जनजाति के लोगों का कहना है कि यह आखिरी बार है जब वे पोलावरम सिंचाई परियोजना के आस-पास के अपने पैतृक गांवों में यह उत्सव मना रहे हैं।
- सरकार इन आदिवासियों को अब यहाँ से निकालकर पुनर्वास कॉलोनियों में शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है।
भूमि पांडुगा महोत्सव
- भूमि पांडुगा महोत्सव हर साल कृषि कार्यों की शुरुआत को चिह्नित करने वाला उत्सव है, जो आंध्र प्रदेश की कोया जनजाति द्वारा मनाया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI)
- 2 राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड
- 3 स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवार्ड्स 2025
- 4 प्राणी मित्र और जीव दया पुरस्कार
- 5 97वें अकादमी (ऑस्कर) पुरस्कार
- 6 25वें IIFA अवार्ड्स, 2025
- 7 19वें रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार, 2025
- 8 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार
- 9 फ्रेड स्टोल
- 10 बोरिस स्पैस्की