सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल सितंबर 2021

निबन्ध

वैश्वीकरण के युग में बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य

मोनिका मिश्रावैश्विक स्तर पर तीव्र गति से बदलती तकनीकी एवं आर्थिक परिस्थितियों के बीच वैश्वीकरण से बच्चों के समक्ष अनेक चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं, जो बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधक हैं। बच्चों की आरंभिक अवस्था से लेकर युवावस्था की उम्र में पहुंचने तक उनके लिए भावनात्मक कल्याण सर्वप्रमुख आवश्यकता होती है। प्रतिस्पर्धा, उपभोक्तावाद, व्यक्तिवाद, संकीर्णता, परिवारों का टूटना, सामूहिक भागीदारी का अभाव, अलगाव, असमानता, सापेक्ष गरीबी और अपराध जैसी समस्याओं की आवृत्ति में वृद्धि ने बच्चों के मानसिक विकास पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाला है। विभिन्न देशों के मध्य होने वाले युद्ध एवं संघर्ष, पर्यावरणीय विनाश, प्रवास, समुदायों

राष्ट्रीय परिदृश्य

इन फोकस

पेगासस स्पाइवेयर : सर्विलांस की वैधानिकता एवं औचित्य

हाल ही में न्यूज़ मीडिया से जुड़े संगठनों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह द्वारा यह दावा किया है कि भारत सहित कई देशों में राजनेताओं, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए पेगासस नामक एक स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया है। न्यूज़ संगठनों द्वारा 50,000 से अधिक फोन नंबरों की सूची में से 50 देशों के 1000 से अधिक लोगों की पहचान की गई है, जिनकी कथित तौर पर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी (surveillance) की गई थी। सूची में पहचाने गए नंबरों का अधिकांश हिस्सा 10 देशों- भारत, अजरबैजान, बहरीन, कजाकिस्तान, मेक्सिको, मोरक्को, रवांडा, सऊदी अरब

त्वरित सुनवाई का मौलिक अधिकार एवं न्यायिक विलम्ब

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 जुलाई, 2021 को आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मृत्यु की न्यायिक जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि "त्वरित सुनवाई एक मौलिक अधिकार है" (speedy trial is a fundamental right)। जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की पीठ ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपियों का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की। बता दें कि स्टैन स्वामी भीमा कोरेगाँव मामले में न्यायिक हिरासत में थे। उन पर हिंसा भड़काने का मामला चल रहा था। कई आदिवासी संगठनों समेत कांग्रेस और जेएमएम ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया था। त्वरित सुनवाई का अधिकार त्वरित

शासन एवं राजव्यवस्था

आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021

विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच लोकसभा ने 3 अगस्त, 2021 को आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021 (Essential Defence Services Bill, 2021) पारित किया। यह विधेयक जून 2021 में प्रख्यापित अध्यादेश को प्रतिस्थापित करता है तथा केंद्र सरकार को आवश्यक रक्षा सेवाओं में लगी इकाइयों में हड़ताल, तालाबंदी और छंटनी पर रोक लगाने की अनुमति देता है। आवश्यक रक्षा सेवाएं क्या हैं? आवश्यक रक्षा सेवाओं में ऐसे किसी भी प्रतिष्ठान या उपक्रम की कोई भी सेवा शामिल है जो रक्षा संबंधी उद्देश्यों के लिए आवश्यक वस्तुओं या उपकरणों के उत्पादन से संबंधित हो, या सशस्त्र बलों से जुड़ा कोई प्रतिष्ठान

न्यायपालिका

अभियोजन से छूट के लिए विधायी विशेषाधिकारों का दावा अनुचित

28 जुलाई, 2021 को एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तोड़फोड़ एवं उत्पात जैसी घटनाओं में लिप्त विधायक एवं सांसद, संसदीय विशेषाधिकार (parliamentary privilege) एवं आपराधिक अभियोजन से उन्मुक्ति (immunity from criminal prosecution) का दावा नहीं कर सकते। इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार और सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की अपने नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामला वापस लेने की अपील को खारिज कर दिया। क्या था मामला? केरल सरकार और सत्तारूढ़ एलडीएफ द्वारा अपने उन नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामला वापस लेने की अपील की गई थी, जिन्होंने वर्ष 2015 में सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया था

कार्यक्रम एवं पहल

कानूनी सहायता के लिए टेली लॉ कार्यक्रम

विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा शुरू किए गए टेली लॉ कार्यक्रम (Tele-Law programme) से लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या 9 लाख से अधिक हो गई है। इस उपलब्धि पर न्याय विभाग की ओर से 6 जुलाई, 2021 को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। टेली लॉ कार्यक्रम विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा टेली-लॉ पहल का शुभारंभ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सहयोग के माध्यम से 20 अप्रैल, 2017 को किया गया था। टेली लॉ कार्यक्रम का उद्देश्य जन सेवा केन्द्रों में उपलब्ध डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कानूनी सहायता सेवाएं प्रदान

कार्यपालिका

सहकारिता मंत्रालय का गठन

केंद्र सरकार ने हाल ही में 'सहकार से समृद्धि' के विजन को साकार करने के उद्देश्य के साथ एक अलग 'सहकारिता मंत्रालय' (Ministry of Co-operation) का गठन किया। सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी गई है, जबकि बी. एल. वर्मा सहकारिता राज्य मंत्री होंगे। यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन (cooperative movement) को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा प्रदान करेगा। मुख्य बिंदु यह सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचने वाले एक सच्चे जनभागीदारी आधारित आंदोलन को मजबूत बनाने में भी सहायता प्रदान करेगा। यह मंत्रालय सहकारी समितियों हेतु 'कारोबार में सुगमता' के लिए

राष्ट्रीय सुरक्षा

व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी एवं डेटा सुरक्षा

दिल्ली उच्च न्यायालय में 9 जुलाई, 2021 को मैसेजिंग सेवा प्रदाता कंपनी व्हाट्सऐप की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 के कानून बनने तक व्हाट्सऐप अपनी नवीन गोपनीयता नीतियों (Privacy Policies) को लागू नहीं करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष व्हाट्सऐप की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि वह इस दौरान नई गोपनीयता नीति को स्वीकार न करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए ऐप की कार्यक्षमता को भी सीमित नहीं करेगा। उल्लेखनीय है कि व्हाट्सऐप, अपनी मूल कंपनी फेसबुक के साथ डेटा साझा करने से जुड़ी

विविध

गोदावरी व कृष्णा के प्रबंधन बोर्ड के अधिकार क्षेत्र अधिसूचित

जल शक्ति मंत्रालय ने 15 जुलाई, 2021 को जारी राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड (GRMB) और कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड (KRMB) का अधिकार क्षेत्र अधिसूचित कर दिया। यह अधिसूचना आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य में स्थित गोदावरी और कृष्णा नदियों में सूचीबद्ध परियोजनाओं के प्रशासन, नियमन, संचालन और रखरखाव के सन्दर्भ में गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड और कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड को जरूरी अधिकार व शक्तियां प्रदान करती है। लाभ: दोनों बोर्ड के अधिकार क्षेत्र के निर्धारण के लिए लिया गया यह फैसला नदी बोर्डों को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में उल्लिखित उनकी जिम्मेदारियों के

संक्षिप्तिकी

स्पर्श : सिस्टम फ़ॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा

रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में रक्षा पेंशन की मंजूरी और वितरण के स्वचालन के लिए स्पर्श [SPARSH - System for Pension Administration (Raksha)] नामक एक वेब आधारित एकीकृत प्रणाली लागू की है। यह ऑनलाइन प्रणाली पेंशन दावों को आगे बढ़ाती है और किसी बाहरी मध्यस्थ पर निर्भर हुए बिना सीधे रक्षा पेंशनभोगियों के बैंक खातों में पेंशन जमा करती है। मुख्य बिंदु पेंशनभोगियों के लिए उनकी पेंशन संबंधी जानकारी, पहुंच सेवाएं देखने और पेंशन मामलों से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए एक पेंशनभोगी पोर्टल (Pensioner Portal) उपलब्ध है। स्पर्श प्रणाली के तहत उन पेंशनभोगियों को अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी प्रदान

राष्‍ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन

केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 26 जुलाई, 2021 को लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार सरकार ने देश में अनुसंधान परितंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए एक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (National Research Foundation- NRF) के गठन का प्रस्ताव किया है। मुख्य बिंदु राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की परिकल्पना एक व्यापक संरचना के रूप में की जा रही है, जो अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा क्षेत्र तथा उद्योग के बीच संपर्कों में सुधार लाएगी। पांच वर्ष की अवधि के दौरान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन का प्रस्तावित कुल परिव्यय 50,000 करोड़ रुपये है। यह मंत्रालयों, विभागों तथा अन्य सरकारी व गैर-सरकारी निकायों, विशेष रूप से उद्योग

न्यूज़ बुलेट्स

जीरो-क्लिक अटैक जीरो-क्लिक अटैक (zero-click attack), पेगासस जैसे स्पाइवेयर को बिना किसी मानवीय संपर्क या मानवीय त्रुटि के, लक्षित डिवाइस पर नियंत्रण हासिल करने में मदद करता है। यानी जीरो-क्लिक अटैक वाला स्पाइवेयर लक्षित डिवाइस पर पहुँच प्राप्त करने के लिए ‘फिशिंग मैसेज’ (जैसे- लिंक या मैसेज भेजना) का सहारा नहीं लेता, जिस पर क्लिक करने से मेलवेयर डिवाइस में फैल सके। स्पाइवेयर से अटैक की इसी तकनीक को ‘ज़ीरो क्लिक अटैक’ कहते हैं। स्पाइवेयर, किसी की जासूसी कराने के लिये तैयार किया गया सॉफ्टवेयर या मेलवेयर होता है। इनका प्रयोग कंप्यूटर, मोबाइल या किसी दूसरे डिवाइस से जानकारी एकत्रित करने

आर्थिक परिदृश्य

इन फोकस

भारत में फ़ूड फ़ोर्टिफि़केशन आवश्यकता, लाभ एवं मुद्दे

हाल ही में स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक समूह ने फूड फोर्टिफिकेशन के जरिए कुपोषण से लड़ने की देश की रणनीति पर चिंता जताई है। उन्होंने सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए नए रासायनिक हस्तक्षेपों (chemical interventions) को लागू करने में ‘अत्यधिक सावधानी’ बरतने की सलाह दी है। दुर्भाग्य से, आर्थिक रूप से वंचित वर्ग की सुरक्षित और पौष्टिक भोजन तक पहुंच नहीं है। वंचित वर्ग संतुलित आहार का सेवन नहीं कर पाते हैं या उनके आहार में विविधता की कमी होती है। इस कारण उन्हें पर्याप्त सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। फूड फोर्टिफिकेशन क्या है?

कृषि एवं संबंधित क्षेत्र

बांस आधारित अर्थव्यवस्था एवं इसका महत्व

4 जुलाई, 2021 को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने ‘सूखे भू-क्षेत्र पर बांस मरु-उद्यान’ (Bamboo Oasis on Lands in Drought-BOLD) नामक परियोजना (प्रोजेक्ट बोल्ड) प्रारंभ की है। राजस्थान के उदयपुर जिले के निकलमांडावा के आदिवासी गांव में शुरू की जाने वाली अपनी तरह की पहली परियोजना है। यह परियोजना खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित खादी बांस महोत्सव का हिस्सा है। खादी ग्रामोद्योग प्राधिकरण द्वारा गुजरात के धोलेरा गांव (अहमदाबाद जिले) और लेह-लद्दाख में भी इसी तरह की परियोजना शुरू की जाने वाली है। 21 अगस्त से पहले कुल 15,000 बांस के पौधे लगाए

डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान सारथी

16 जुलाई, 2021 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संयुक्त रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘किसान सारथी’ लॉन्च किया। किसान सारथी की विशेषता इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसानों को फसलों की बुआई से लेकर उपज की बिक्री तक की जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से खाद्यान्न के साथ-साथ बागवानी उपज की खरीद-बिक्री भी की जा सकेगी। मौसम की जानकारी से लेकर किसानों को सलाह भी इस प्लेटफार्म पर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह किसानों को अपनी इच्छित भाषा में सही समय पर सही

कृषि अवसंरचना कोष की वित्त पोषण योजना में संशोधन

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8 जुलाई, 2021 को ‘कृषि अवसंरचना कोष' (Agriculture Infrastructure Fund) के अंतर्गत ‘वित्त पोषण सुविधा की केंद्रीय क्षेत्र योजना' (Central Sector Scheme of Financing Facility) में कुछ संशोधनों को मंजूरी दे दी। प्रमुख संशोधन अब इस योजना के तहत पात्रता का विस्तार राज्य एजेंसियों/एपीएमसी (APMCs), राष्ट्रीय और राज्य सहकारी समितियों के परिसंघों, किसान उत्पादक संगठनों के परिसंघों (FPOs) तथा स्वयं सहायता समूहों के परिसंघों (SHGs) तक किया गया है। एपीएमसी के लिए एक ही बाजार यार्ड के भीतर विभिन्न बुनियादी ढांचे के प्रकारों जैसे कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग (sorting), ग्रेडिंग और परख इकाइयों (grading and assaying units), साइलो (silos)

उद्योग एवं व्यापार

खुदरा और थोक व्यापार एमएसएमई में शामिल

2 जुलाई, 2021 को केंद्र सरकार ने खुदरा और थोक व्यापारों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में शामिल करने के लिए संशोधित दिशानिर्देशों की घोषणा की। लाभ संशोधित दिशानिर्देशों से 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को लाभ होगा। संशोधित दिशानिर्देशों के तहत, खुदरा और थोक व्यापार भी आरबीआई के दिशानिर्देशों के तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र ऋण का लाभ ले सकेंगे। एमएसएमई की परिभाषा सूक्ष्म उद्यमः संशोधित परिभाषा के अनुसार 1 करोड़ रुपये तक के निवेश तथा 5 करोड़ रुपये तक के कारोबार या टर्नओवर वाली किसी भी फर्म को अब ‘सूक्ष्म’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। लघु उद्यमः अब 10 करोड़

परिवहन एवं अवसंरचना

फ्रेट स्मार्ट सिटीज परामर्श बैठक

2 जुलाई, 2021 को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय ने फ्रेट स्मार्ट सिटीज पर परामर्श बैठक का आयोजन किया। इसमें स्मार्ट फ्रेट सिटी से संबंधित मुद्दों पर तकनीकी विवरणों के साथ चर्चा की गयी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय के तहत कार्य करने वाले लॉजिस्टिक्स डिवीजन ने ‘फ्रेट स्मार्ट सिटीज’ की परिकल्पना प्रस्तुत की है। फ्रेट स्मार्ट सिटीज के द्वारा माल ढुलाई की दक्षता में सुधार और लॉजिस्टिक की लागत में कमी आने की संभावना है। फ्रेट स्मार्ट सिटीज क्या है? फ्रेट स्मार्ट सिटीज पहल के तहत शहर स्तर पर लॉजिस्टिक्स समितियों का गठन किया जायेगा। इन समितियों में स्थानीय स्तर की एजेंसियां, राज्य और केंद्रीय मंत्रलय

ड्रोन नियम, 2021 का मसौदा जारी

14 जुलाई, 2021 को नागर विमानन मंत्रलय ने ड्रोन नियम, 2021 का संशोधित मसौदा जारी कर दिया। यह 12 मार्च, 2021 को जारी यूएएस (UAS-Unmanned Aircraft System) नियम, 2021 का स्थान लेगा। लोगों के सुझाव प्राप्त करने की अंतिम तिथि 5 अगस्त, 2021 है। मुख्य प्रावधान ड्रोन नियम 2021 के मसौदे के अनुसार, विशिष्ट पहचान संख्या के बिना ड्रोन का संचालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा ड्रोन और ड्रोन के पुर्जों के आयात को नियमित किया जायेगा। नागर विमानन महानिदेशालय ड्रोन प्रशिक्षण की शर्तें तय करेगा, ड्रोन स्कूलों के संचालन को देखेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान

योजना/परियोजना

वाराणसी में प्रसाद परियोजनाओं के तहत विभिन्न सुविधाओं का विकास

भारतीय प्रधानमंत्री ने वाराणसी में प्रसाद योजना के तहत पर्यटक सुविधा केंद्र और अस्सी घाट से राजघाट तक क्रूज बोट का संचालन किया। मुख्य बिंदु उपरोक्त दोनों सुविधाओं का विकास प्रसाद योजना के तहत वाराणसी का विकास-चरण II के तहत किया गया है। प्रसाद योजना के तहत वाराणसी में रिवर क्रूज का विकास परियोजना को पर्यटन मंत्रलय ने 10-72 करोड़ रुपये के खर्च के साथ फरवरी 2018 में मंजूरी दी थी। इसके तहत ‘यात्री सह क्रूज व्हीकल’, ‘माड्यूलर जेट्टी’, ‘ऑडियो विजुअल इंटरवेंशन’ और ‘सीसीटीवी सर्विलांस’ को सफलतापूर्वक पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया गया है। ‘प्रसाद योजना के तहत वाराणसी का विकास-चरण II’ को पर्यटन

मुद्रा-बैंकिंग

RBI रिटेल डायरेक्ट योजना

12 जुलाई, 2021 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ‘आरबीआई रिटेल डायरेक्ट’ योजना जारी की गई है, जो व्यक्तिगत निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों के खरीद के लिए ‘वन-स्टॉप सॉल्यूशन’ प्रदान करता है। उद्देश्यः सरकारी प्रतिभूतियों में व्यक्तिगत निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना। योजना के मुख्य प्रावधान आरबीआई के साथ ‘रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट’ खोलने और बनाए रखने की सुविधा होगी तथा इसके लिए आरबीआई द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, पंजीकृत निवेशक द्वारा भुगतान गेटवे (payment gateway) के लिए शुल्क लगाया जा सकता है। फरवरी 2021 में ही ‘आरबीआई रिटेल डायरेक्ट’ सुविधा की घोषणा की गई थी। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999

दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधोयक, 2021

3 अगस्त, 2021 को राज्यसभा द्वारा ‘दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक’, 2021 (The Insolvency and Bankruptcy Code (Amendment) Bill, 2021 पारित कर दिया गया है। यह विधेयक ‘दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन अध्यादेश, 2021’ का स्थान लेगा, जो 4 अप्रैल, 2021 से प्रभावी हो गया था। यह विधेयक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए दिवाला समाधान तंत्र के रूप में ‘प्री-पैक’ का प्रस्ताव करता है। इस समाधान तंत्र को प्री-पैक इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (PIRP) कहा जाता है। मुख्य प्रावधान यह विधेयक विवाद निपटान पेशेवर के रूप में काम करने वाले लोगों की पात्रता और नियुक्ति की शर्तें

फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020

29 जुलाई, 2021 को राज्यसभा द्वारा फैक्टरिंग रेगुलेशन (संशोधन) विधेयक, 2021 को पारित कर दिया गया। यह बिल फैक्टरिंग रेगुलेशन एक्ट, 2011 में संशोधन करता है और फैक्टरिंग बिजनेस करने वाली संस्थाओं के दायरे को बढ़ाता है। मुख्य बिंदु यह विधेयक ‘रिसिवेबल्स’ की परिभाषा में बदलाव करता है। विधेयक के अनुसार रिसिवेबल्स ऐसी मौद्रिक रकम होती है जोकि कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत किसी व्यक्ति का अधिकार होता है। विधेयक के अंतर्गत भारतीय रिजर्व बैंक के साथ रजिस्टर किए बिना कोई कंपनी फैक्टरिंग बिजनेस नहीं कर सकती। अगर किसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) को फैक्टरिंग बिजनेस करना है तो- फैक्टरिंग बिजनेस में उसके वित्तीय एसेट्स और फैक्टरिंग

वित्त क्षेत्र

सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021

2 अगस्त, 2021 को सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 [General Insurance Business (Nationalisation) Amendment Bill, 2021)], लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया है। इस विधेयक के माध्यम से सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम, 1972 में संशोधन किया जा रहा है। विधेयक का उद्देश्यः सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अधिक से अधिक निजी निवेश बढ़ाना। विधेयक के मुख्य प्रावधान यह विधेयक सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी कम से कम 51% होने के प्रावधान को हटाता है। 1972 का अधिनियम सामान्य बीमा व्यवसाय को अग्नि, समुद्री या विविध बीमा व्यवसाय के रूप में परिभाषित करता है। इस परिभाषा

अवसंरचना

भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण विधेयक 2021

4 अगस्त, 2021 को राज्यसभा द्वारा भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 को पारित कर दिया गया। इसके साथ ही इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल गई है। इससे पहले 29 जुलाई को लोकसभा में यह बिल पास किया जा चुका है। यह विधेयक भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 2008 में संशोधन प्रस्तावित करता है। मुख्य प्रावधान केंद्र सरकार किसी भी हवाई अड्डे को अधिसूचना द्वारा ‘प्रमुख हवाई अड्डा के रूप में नामित कर सकती है। पहले कम से कम 35 लाख का वार्षिक यात्री यातायात वाले हवाई अड्डे को ही प्रमुख हवाई अड्डा के

अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं संगठन

इन फोकस

शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक

27 से 29 जुलाई, 2021 के मध्य शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित की गई। बैठक की प्रमुख बातें आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरे के रूप में स्वीकार किया गया| सीमा-पार आतंकवाद सहित किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि के समर्थन को मानवता के खिलाफ अपराध के रूप में माना गया। एससीओ के सदस्य देशों ने रक्षा सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता को दोहराया। बैठक में गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों जैसे महामारी, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, जल-सुरक्षा और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले

राजनीतिक-आर्थिक संकट

नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन

हाल ही में, अमेरिका ने रूस और जर्मनी के बीच नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना के लिए अपनी मंजूरी प्रदान करने का संकेत दिया है। इससे पहले, उसने इस गैस पाइपलाइन को पूरा होने से रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए थे। नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन यह 1,200 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन है जो रूस में उस्त-लुगा (ust-Luga) से बाल्टिक सागर के रास्ते जर्मनी के ग्रिफ़्सवाल्ड (Greifswold) तक जाएगी। इसके माध्यम से प्रति वर्ष 55 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस को परिवहित किया जाएगा। इस पाइपलाइन का निर्माण करने के लिए रूसी ऊर्जा प्रमुख गज़प्रोम और पांच अन्य यूरोपीय फर्मों द्वारा 2015 में एक समझौता

अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम

द्विपक्षीय संबंध

भारतीय विदेश मंत्री की रूस यात्रा

7 से 9 जुलाई, 2021 के दौरान भारतीय विदेश मंत्री रूस की आधिकारिक यात्रा थे| विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) व रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने परमाणु, अंतरिक्ष, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य बिंदु दोनों देश विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 वार्ता आयोजित करने पर सहमत हुए है। भारत और रूस ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की तथा दोनों देशों ने उत्तर-दक्षिण गलियारे (North-South Corridor)पर सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की। भारत ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान भारत को रूस के समर्थन की भी सराहना की। भारत स्पुतनिक वी

वैश्विक घटनाक्रम

भारत एवं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

1 अगस्त, 2021 को, भारत को अगस्त महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता करने का अवसर दिया गया। भारत ने जनवरी 2021 में UNSC के एक अस्थायी सदस्य के रूप में अपना दो साल का कार्यकाल शुरू किया है। भारत द्वारा UNSC की अध्यक्षता सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में अपने 2021-22 के कार्यकाल के लिए भारत पहली बार अध्यक्षता करेगा। भारत द्वारा किए जाने वाले कार्यों में शामिल निम्नलिखित कार्य होंगे: महीने भर के लिए UNSC का एजेंडा तय करना तथा विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण बैठकों का समन्वय करना। तीन प्रमुख मुद्दों समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और

बैठक एवं सम्मेलन

G20 देशों के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंकों के अध्यक्षों की बैठक

9 और 10 जुलाई, 2021 को इटली की अध्यक्षता में, तीसरी G20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के अध्यक्षों (FMCBG) की बैठक हुई। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भारत की ओर से इस बैठक में भाग लिया। बैठक में वैश्विक आर्थिक जोखिम और स्वास्थ्य चुनौतियों (COVID-19 महामारी से उबरने की नीतियां), अंतरराष्ट्रीय कराधान, और अन्य वित्तीय मुद्दों पर चर्चा की गई। विचार विमर्श के प्रमुख मुद्दे COVID-19 जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के अध्यक्षों ने कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए सभी उपलब्ध नीतिगत साधनों का उपयोग करने के अपने संकल्प

संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन 2021 से पूर्व-सम्मेलन

26 से 28 जुलाई, 2021 तक संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन 2021 से पूर्व तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र और इटली सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। पूर्व-सम्मेलन के संदर्भ में इस सम्मेलन का आयोजन रोम (इटली) में स्थित खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के मुख्यालय में किया गया। इसे सितंबर 2021 में न्यूयॉर्क में होने वाले संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन की तैयारी में आयोजित किया गया था। उद्देश्य: विश्व भर में खाद्य प्रणालियों में होने वाले परिवर्तन के लिए नवीनतम साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रदान करना था। इसके माध्यम से नई प्रतिबद्धताओं

रिपोर्ट एवं सूचकांक

द हंगर हॉटस्पॉट्स रिपोर्ट

30 जुलाई, 2021 को संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) तथा विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा 'हंगर हॉटस्पॉट्स- अगस्त से नवंबर, 2021 आउटलुक' रिपोर्ट जारी की गई। हंगर हॉटस्पॉट हंगर हॉटस्पॉट ऐसे देशों तथा स्थितियों को संबोधित करता है जिन्हें भविष्य में खाद्य सुरक्षा की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार की स्थितियों से लोगों के जीवन तथा आजीविका के समक्ष खतरा उत्पन्न हो जाएगा। रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु रिपोर्ट में 23 देशों और स्थितियों की पहचान की गई है, जहां अगस्त से नवंबर 2021 तक की अवधि में खाद्य असुरक्षा की स्थिति में गिरावट आने की संभावना है। इसके

वैश्विक पहल

चीन के नेतृत्व वाली दक्षिण एशियाई पहल

हाल ही में, बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि यदि भारत चाहे तो COVID-19 टीकों और गरीबी उन्मूलन के लिए चीन के नेतृत्व वाली दक्षिण एशियाई पहल में शामिल हो सकता है। चीन, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के विदेश मंत्रियों की अप्रैल में एक बैठक के दौरान चीन-दक्षिण एशियाई देशों के आपातकालीन आपूर्ति रिजर्व के गठन पर सहमति व्यक्त की गई। 8 जुलाई, 2021 को चीन में गरीबी उन्मूलन और सहकारी विकास केंद्र की स्थापना की गई। भारत, भूटान और मालदीव इस पहल का हिस्सा नहीं हैं। कुछ प्रमुख मुद्दे नए क्षेत्रीय समूह में शामिल होने के संदर्भ में भारत का

संक्षिप्तिकी

भारत और बांग्लादेश के मध्य हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल लिंक पुनः आरंभ

1 अगस्त, 2021 को बांग्लादेश और भारत ने लगभग 50 वर्षों के बाद हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल मार्ग पर मालगाड़ियों के नियमित संचालन को पुनः आरंभ किया। रेल-लिंक का उद्घाटन भारतीय तथा बांग्लादेशी प्रधानमंत्री द्वारा एक साथ 17 दिसंबर, 2020 को किया गया था। हल्दीबाड़ी पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में स्थित है और चिल्हाटी बांग्लादेश में एक सीमावर्ती रेलवे स्टेशन है। भारत और बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) के बीच हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल लिंक 1965 तक चालू थी। 1965 के युद्ध के बाद भारत तथा तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच आवागमन के सभी साधनों को स्थगित कर दिया गया था। पुनः आरंभ किए

गिलगित-बाल्टिस्तान को अनंतिम प्रांतीय दर्जा देने वाला विधेयक

हाल ही में, पाकिस्तान द्वारा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को अनंतिम प्रांतीय दर्जा देने के एक कानून (26वां संविधान संशोधन विधेयक) को अंतिम रूप दिया गया। यह प्रांत केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उत्तर पश्चिमी किनारे पर स्थित है, जिसकी सीमा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन से लगती है। यह भारत-पाकिस्तान के विवादित क्षेत्रों में से एक है। इसे इसका वर्तमान नाम- गिलगित-बाल्टिस्तान (सशक्तिकरण और स्वशासन) आदेश, 2009 के द्वारा प्रदान किया गया था। यह क्षेत्र अधिकांश कार्यकारी आदेशों के लिए एक स्वायत्त क्षेत्र माना जाता है। वर्ष 2009 तक, इस क्षेत्र को उत्तरी क्षेत्र कहा जाता था। गिलगित-बाल्टिस्तान पाकिस्तान द्वारा प्रशासित सबसे उत्तरी

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इन फोकस

मानव जीनोम एडिटिंग: डब्ल्यूएचओ की नवीन सिफारिशें

12 जुलाई, 2021 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा दो रिपोर्ट जारी की गई। इन दोनों रिपोर्टों में मानव जीनोम एडिटिंग के लिए उपयुक्त संस्थागत, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक शासन तंत्र की स्थापना से संबन्धित सलाह और सिफारिशें की गई हैं। पृष्ठभूमि दिसंबर 2018 में WHO ने मानव जीनोम एडिटिंग (human genome editing) से जुड़ी वैज्ञानिक, नैतिक, सामाजिक और कानूनी चुनौतियों की जांच करने के लिए एक वैश्विक, बहु-विषयक विशेषज्ञ सलाहकार समिति (the WHO Expert Advisory Committee on Developing Global Standards for Governance and Oversight of Human Genome Editing) का गठन किया था। इसका उद्देश्य मानव जीनोम एडिटिंग के विभिन्न पहलुओं पर

अंतरिक्ष/ब्रह्माण्ड विज्ञान

इसरो का मानव रहित अंतरिक्ष मिशन

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, दिसंबर 2021 में पहला ‘मानव रहित मिशन’ अंतरिक्ष में भेजने की योजना है। यह गगनयानमिशनका एक भाग है जो मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (human spaceflight programme)है। मुख्य बिंदु गगनयान मिशन से सम्बंधित हार्डवेयर का निर्माण और आपूर्ति सम्पूर्ण देश में फैले विभिन्न उद्योगों द्वारा किया जा रहा है। हालांकि, मिशन के विभिन्न आवश्यक मशीनों का डिजाइन निर्माण, विश्लेषण और प्रलेखन इसरो द्वारा किया जा रहा है| कोविड-19 महामारी के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से विभिन्न उपकरणों की आपूर्ति बाधित हुई है और ‘गगनयान’

गुरुत्वाकर्षण तरंगों के नए स्रोत

हाल ही में अंतरराष्ट्रीयवैज्ञानिकों की एक टीम ने न्यूट्रॉन तारे (neutron star) और ब्लैक होल की टक्कर से उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण तरंगों (gravitational waves) का पहली बार पता लगाया है। मुख्य बिंदु गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने वाले वैज्ञानिकों की टीम एलआईजीओ वैज्ञानिक सहयोग (LIGO Scientific Collaboration) के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा है। गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज मेंअमेरिकालुइसियाना में स्थित उन्नत एलआईजीओ डिटेक्टर (Advanced LIGO detector) और इटली में उन्नत विर्गो डिटेक्टर (Advanced Virgo detector) की सहायता ली गई है| इसके साथ ही डिटेक्टरों के वैश्विक नेटवर्क (network of gravitational wave detectors) का भी उपयोगकिया गया है| गुरुत्वाकर्षण तरंगें अंतरिक्ष-समय के ताने-बाने में उत्पन्न हुई

क्षुद्रग्रह रयुगु का पहला नमूना

हाल ही में जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को रयुगु क्षुद्रग्रह (Ryugu Asteroid) से लाये गये नमूने प्रदान किये। यह एक मिशन से संबंधित समझौते के अनुसार हुआ जिसके अंतर्गत हायाबूसा-2 के आधे सैंपल जेएएक्सए, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और दूसरी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के बीच साझा किए जाएंगे| बाकी नमूनों को भविष्य के अध्ययन के लिए सुरक्षित रख लिया गया है| मुख्य बिंदु रयुगु क्षुद्रग्रह का यह नमूना 6 दिसंबर 2020 को अंतरिक्षयान हायाबुसा2 द्वारा पृथ्वी पर लाया गया था| पहली बार किसी क्षुद्रग्रह से सतह के नमूने मनुष्य द्वारा एकत्रित कर, पृथ्वी पर लाये गए हैं। रयुगु क्षुद्रग्रह पृथ्वी

आकाशगंगा में तारों के निर्माण की प्रक्रिया

हाल ही में, खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने मिल्की-वे में तारों की उत्पत्ति एवं उनके विनाश की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला है। इसमें भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc Bengaluru) तथा भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST Thiruvananthapuram) से जुड़े हुए खगोलविदों भी शामिल थे| प्रमुख निष्कर्ष यह अध्ययन ग्लोस्टार (GLOSTAR- Global View on Star formation in the Milky Way) गैलेक्टिक प्लेन सर्वे का हिस्सा था। इसमें वृहद पैमाने पर तारों के गठन के पूर्व के अनुरेखकों (Tracers) का पता लगाया गया था। आकाशगंगा के एक बड़े हिस्से में विस्तृत आंकड़ों के व्यापक सर्वेक्षण के लिए दो शक्तिशाली रेडियो दूरबीनों का उपयोग किया

रक्षा-विज्ञान

ड्रोन प्रतिरक्षा गुंबद: इंद्रजाल

हैदराबाद के ग्रेने रोबोटिक्स (Grene Robotics) नामक प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं विकास फर्म द्वारा “इंद्रजाल” (Indrajaal) नाम से पहला स्वदेशी ‘ड्रोन प्रतिरक्षा गुंबद’ (Drone Defence Dome) विकसित किया गया है। इंद्रजाल की विशेषताएं यह मानव रहित हवाई वाहनों (UAV), युद्धक हथियारों, लो-रडार क्रॉस सेक्शन (Low- Radar Cross Section – RCS) जैसे हवाई खतरों का आकलन और स्वतः कार्रवाई करने में सक्षम है| यह 1000-2000 वर्ग किमी के क्षेत्र को हवाई खतरों से बचाने में सक्षम है। इंद्रजाल चौबीसों घंटे वास्तविक समय में स्वायत्त रूप से लक्ष्यों को पहचानने, मूल्यांकन करने, निर्णय लेने और करने में सक्षम है। इंद्रजाल एकल खतरा के साथ ही एकाधिक खतरों

आकाश-एनजी और मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण

21 और 23 जुलाई, 2021 को, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (Akash-NG) की उड़ान के दो सफल परीक्षण किए। 21 जुलाई को ही DRDO द्वारा मैन पोर्टेबल एंटीटैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का भी सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (Akash-NG) हैदराबाद में स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के सहयोग से नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल प्रणाली विकसित की है। इस मिसाइल की उत्पादक एजेंसियों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स

नवीन प्रौद्योगिकी

5जी क्षमता वाली स्वदेशी स्मार्टफोन-चिप

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद के शोधार्थियों ने वाईसिग नेटवर्क्स (वाईसिग) के साथ मिल कर एक नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स-सिस्टम ऑन चिप (narrowband Internet of Things-System on Chip- NB-IoT-SoC) 'कोआला' विकसित किया है। यह स्वदेशी एसओसी 5जी क्षमताओं से लैस है। महत्व स्मार्टफोन्स का महत्वपूर्ण भाग उसमें लगे चिप को माना जाता है। तकनीकी शब्दावली में इसे एसओसी यानी सिस्टम ऑन चिप कहा जाता है। किसी भी स्मार्टफोन की क्षमताएं काफी कुछ इसी एसओसी पर निर्भर करती हैं। एसओसी बाजार में मुख्य रूप से अमेरिकी, दक्षिण कोरियाई और ताइवानी कंपनियों का ही दबदबा है। कोआला, भारत में विकसित किया गया पहला 5जी सेल्युलर

कैंसर का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस आधारित एल्गोरिदम

हाल ही में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के वैज्ञानिकों ने कोशिकाओं में कैंसर पैदा करने वाले उत्परिवर्तन की पहचान करने के लिए NBDriver (परिवेशी चालक) नामक एक आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस आधारित गणितीय मॉडल (एल्गोरिदम) विकसित किया है। NBDriver ऐसे उत्परिवर्तन जो कैंसर कोशिकाओं को एक चयनात्मक वृद्धि लाभ प्रदान करके कैंसर के विकास को बढ़ावा देते हैं, उन्हें 'चालक' उत्परिवर्तन कहा जाता है। उत्परिवर्तन की प्रकृति उसके परिवेश (संदर्भ) पर निर्भर करती है। NBDriver जीनोम में उत्परिवर्तन के परिवेश का अध्ययन करके हानिकारक चालक उत्परिवर्तन की पहचान कर सकता है । उत्परिवर्तन की प्रकृति का पता लगाने के लिए जीनोमिक परिवेश को देखने की

स्वास्थ्य विज्ञान

कैंसर जीन के प्रतिरूपों का डेटाबेस

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (एनआईबीएमजी) ने ‘डीबीजेनवोक’ (dbGENVOC) नामक डेटाबेस तैयार किया है जो मुंह के कैंसर और इसके कारण होने वाले जीनोमिक बदलाव से संबंधित है। मुख्य बिंदु डीबीजेनवोक, मुंह के कैंसर के जीनोमिक वेरिएंट्स का ब्राउज करने योग्यऑनलाइन डेटाबेस है और इसे मुफ्तमें उपलब्ध कराया गया है। डीबीजेनवोक में ब्राउजर के साथ ही एक सर्च इंजन भी शामिल किया गया है। इसके माध्यम से सांख्यिकीय एवं जैव सूचना का ऑनलाइन विश्लेषण भी किया जा सकता है| इसकी सहायता से ओरल कैंसर में संबद्ध परिवर्तित वेरिएंट की पहचान की जा सकती है। महत्व डीबीजेनवोक पर उपलब्ध विस्तृत डेटा के अध्ययन से

जैव प्रौद्योगिकी

संक्षिप्तिकी

खाद्य एवं जल में आर्सेनिक संदूषण का पता लगाने के लिए सेंसर

राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NABI), मोहाली के वैज्ञानिक ने उपयोग में आसान तथा अतिसंवेदनशील सेंसर का विकास किया है। यह सेंसर 15 मिनट में भोजन एवं जल के नमूनों में आर्सेनिक संदूषण का पता लगाने में सक्षम है। मुख्य बिन्दु यह मिश्रित धातु (कोबाल्ट/मोलिब्डेनम) आधारित धातु-जैविक ढांचे पर विकसित किया गया है| यह सेंसर 0.05 ppb से 1000 ppm तक आर्सेनिक का पता लगा सकता है। सेंसर अत्यधिक संवेदनशील एवं चयनात्मक है और इसमें केवल एकल चरण शामिल है। इसे अलग-अलग जल एवं खाद्य नमूनों के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इसमें केवल मानक स्तरों के साथ रंग परिवर्तन (सेंसर सतह

को-विन ग्लोबल कॉन्क्लेव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 जुलाई, 2021 'को-विन ग्लोबल कॉन्क्लेव' (Co-WIN Global Conclave) का उद्घाटन किया।उद्देश्य: एक डिजिटल सार्वजनिक हित के रूप में को-विन प्लेटफॉर्म को विश्व के सामने प्रस्तुत करना। ग्लोबल कॉन्क्लेव का आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।स्वदेशी रूप से विकसित को-विन प्लेटफॉर्म को 142 देशों के प्रौद्योगिकी एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सामने प्रस्तुत किया गया। कोविन प्लेटफॉर्म को सभी देशों के लिए उपलब्ध होने वाला ओपन सोर्स बनाया जा रहा है। को-विन प्लेटफार्म कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण

पर्यावरण एवं जैवविविधता

जलवायु परिवर्तन

जैव-विविधाता

मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व पर रिपोर्ट

08 जुलाई 2021 को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UN Environment Programme – UNEP) और प्रकृति संरक्षण हेतु विश्व वन्यजीव कोष (WWF) द्वारा ‘सभी के लिये बेहतर भविष्य- मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व की आवश्यकता’ (A future for all – the need for human-wildlife coexistence) शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की गई है। प्रमुख बिंदु विश्व की जंगली बिल्ली प्रजातियों (wild cat species) के 75 प्रतिशत से अधिक आबादीपर मानव-वन्यजीव संघर्ष का प्रभाव पड़ा है साथ ही कई अन्य स्थलीय और समुद्री मांसाहारी प्रजातियां जैसे ध्रुवीय भालू और भूमध्यसागरीय मोंक सील (Mediterranean monk seals), और बड़े शाकाहारी (जैसे हाथी) पर भी प्रभाव पड़ा है। मानव-वन्यजीव संघर्ष, विश्व के

वैश्विक जैव-विविधता ढांचे पर CBD मसौदा

12 जुलाई, 2021 को जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (CBD) सचिवालय ने नए वैश्विक जैव विविधता ढांचे का मसौदा जारी किया। उद्देश्य: इसका उद्देश्य लोगों को प्रकृति और इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को संरक्षित करने के लिए वर्ष 2030 तक वैश्विक कार्यों का मार्गदर्शन करना है। मसौदा के मुख्य बिंदु यह वैश्विक जैव विविधता ढांचा 2020 के बाद की अवधि के लिए है| यह 2011-2020 के दौरान लागू ‘जैव विविधता संबंधी रणनीतिक योजना’ पर आधारित है। यह जैव विविधता के संदर्भ में सामाजिक संबंधों में परिवर्तन लाने के लिए कार्यों की एक व्यापक योजना का निर्धारण करता है। जिससे,

वन्य जीव संरक्षण

प्रदूषण एवं अपशिष्ट प्रबंधान

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन पर नीति दस्तावेज

जुलाई 05, 2021 को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा अभियान (National Mission for Clean Ganga- NMCG)द्वारा गंगा नदी संरक्षण पर एक नीतिगत दस्तावेज जारी किया गया। किन शहरों के लिए? ये दिशानिर्देश वर्तमान में गंगा के पास स्थित शहरों के लिए हैं। यह पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के कुल 97 शहरों के लिए हैं। नीतिगत दस्तावेज के मुख्य बिंदु नदी तट पर स्थित शहरों को अपनी मास्टर प्लान तैयार करते समय नदी संरक्षण योजनाओं को शामिल करना होगा। नदी के संरक्षण से संबंधित योजनाओं को बनाते समय इनके व्यावहारिकता का ध्यान दिया जाना चाहिए| योजनाओं को तैयार करते समय अतिक्रमण और भूमि

फ्लाई ऐश की बिक्री पर रुचि-प्रपत्र

04 जुलाई 2021को विद्युत मंत्रालय के अधीन कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने फ्लाई ऐश की बिक्री के लिए रुचि-प्रपत्र (Expression of Interest – EoI) आमंत्रित किए हैं। एनटीपीसी लिमिटेड थर्मल पावर प्लांटों द्वारा उत्पादित फ्लाई ऐश (Fly Ash) की 100 फीसदी उपयोगिता के लिए मध्य-पूर्व और अन्य क्षेत्रों के नामित बंदरगाहों के लिए जारी की है| मुख्य बिंदु एनटीपीसी थर्मल पावर प्लांटों से बंदरगाहों को फ्लाई ऐश की आपूर्ति करेगा| रुचि-प्रपत्र फ्लाई ऐश के निर्यात हेतु आमंत्रित की गई है| इसके लिए 14.5 मिलियन टन प्रति वर्ष की कुल मात्रा निर्धारित है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानदंडों के

गंगा में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण

हाल ही में, दिल्ली स्थित एनजीओ 'टॉक्सिक्स लिंक' ने 'गंगा नदी के किनारे माइक्रोप्लास्टिक्स का मात्रात्मक विश्लेषण' नामक एक अध्ययन जारी किया, जिसके अनुसार नदी माइक्रोप्लास्टिक से अत्यधिक प्रदूषित है। माइक्रोप्लास्टिक माइक्रोप्लास्टिक 1 माइक्रोमीटर (माइक्रोन) से लेकर 5 मिलीमीटर (मिमी) तक के सिंथेटिक ठोस कण होते हैं। इस प्रकार के कारण पानी में अघुलनशील होते हैं। माइक्रोप्लास्टिक को समुद्री प्रदूषण का प्रमुख स्रोत भी माना जाता है। अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष अध्ययन के लिए गंगा के पानी के नमूने हरिद्वार, कानपुर और वाराणसी से एकत्र किए गए और उन सभी में माइक्रोप्लास्टिक पाए गए। पानी के परीक्षण का कार्य राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (NIO), गोवा

भारतीय मॉनसून

अत्यधिक बरसात के पीछे अत्यधिक सिंचाई

आईआईटी बॉम्बे एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित जलवायु अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि सिंचाई भी चरम मानसूनी घटनाओं का कारण बन सकती है। जलवायु मॉडल का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून पर कृषि कार्यों में जल के उपयोग के प्रभाव का आकलन किया है। दक्षिण एशिया को दुनिया के सबसे अधिक सिंचित क्षेत्रों में से एक माना है, और सिंचाई के लिए यहाँ पानी का एक बड़ा हिस्सा भूजल से प्राप्त किया जाता है। जलवायु मॉडल में सिंचाई प्रथाओं का अधिक सटीक प्रतिनिधित्व शामिल करना महत्वपूर्ण हो सकता है। शोध के निष्कर्ष उत्तर भारत में अत्यधिक

प्राकृतिक आपदा

जल-संबंधी आपदाओं पर WMO का विश्लेषण

23 जुलाई, 2021 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया, जिसके अनुसार, पिछले 50 वर्षों में जल-संबंधी खतरों द्वारा उत्पन्न आपदाएं प्राकृतिक आपदाओं की सूची में सर्वोच्च स्थान पर हैं। इनके कारण मानव संसाधन के क्षय के साथ ही आर्थिक हानियों में वृद्धि हुई है। प्रमुख बिंदु विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा आगामी सितंबर में 'डब्लूएमओ एटलस ऑफ मॉर्टेलिटी एंड इकोनॉमिक लॉस फ्रॉम वेदर, क्लाइमेट एंड वाटर एक्सट्रीम (1970-2019)' नामक रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। इस रिपोर्ट के अग्रिम अनुमानों के अनुसार वैश्विक स्तर पर पिछले 50 वर्षों में सर्वाधिक मानवीय नुकसान करने वाली शीर्ष 10 आपदाओं में

रिपोर्ट

नवीकरणीय उर्जा पर नीति आयोग और IEA रिपोर्ट

22 जुलाई, 2021 को नीति आयोग और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा संयुक्त रूप से 'भारत में नवीकरणीय एकीकरण 2021' (Renewables Integration in India 2021) पर एक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा समृद्ध राज्यों द्वारा सामना की जाने वाली विशिष्ट ऊर्जा संक्रमण चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है। इसके अंतर्गत ऊर्जा तंत्र पर विभिन्न लचीले विकल्पों के प्रभावों को प्रदर्शित करने के लिए IEA मॉडलिंग परिणामों का उपयोग किया गया है। रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं भारत की ऊर्जा की बढ़ती मांग ऊर्जा खपत के मामले में भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा देश है। भारत ने आवासीय उपयोगकर्ताओं

संक्षिप्तिकी

भारत में हर साल असामान्य तापमान के कारण 7 लाख से अधिक मौतें

हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, भारत में हर वर्ष लगभग 7,40,000 लोगों की मौतें असामान्य गर्म और ठंडे तापमान के कारण होती हैं। मुख्य बिंदु इस अध्ययन में प्रकाश डाला गया कि 2000 से 2019 तक सभी क्षेत्रों में गर्म तापमान से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है। यह इंगित करता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वार्मिंग भविष्य में मृत्यु दर के आंकड़े को और बढ़ाएगी। अध्ययन का नतीजालैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल (Lancet Planetary Health Journal) में प्रकाशित किया गया था| इस अध्ययन के लिए सम्पूर्ण विश्व में 2000 से 2019 तक मृत्यु

G20 पर्यावरण और ऊर्जा मंत्रियों की वार्ता का आयोजन

22 और 23 जुलाई, 2021 G20 देशों के ऊर्जा और पर्यावरण मंत्रियों की बैठक इटली के नेपल्स में संपन्न हुई हैं। यह बैठक इटली की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में G-20 देशों के पर्यावरण मंत्रियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया।मुख्य बिंदुयह बैठकें निम्निखित मुख्य विषयों पर फोकस है– कपड़ा और फैशन क्षेत्रों में परिपत्र अर्थव्यवस्थाओं (circular economies) को बढ़ावा देना; जैव विविधता और महासागरों का संरक्षण; और वित्तीय प्रणाली को फिर से संगठित करके सतत विकास को बढ़ावा देना। G20 पर्यावरण, जलवायु और ऊर्जा बैठक का आयोजन पारिस्थितिक परिवर्तन (ecological transition) को राजनीतिक

लघु संचिका
खेल परिदृश्य
राज्यनामा
सामाजिक परिदृश्य

सामाजिक मुद्दे

स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की चुनौतियां तथा राइट टू हेल्थ

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान मरीज,महंगी निजी चिकित्सा सेवाओं तथा अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बीच चयन करने के लिए मजबूर हुए जिससे लोगों के स्वास्थ्य के अधिकार (Right to Health) की अनदेखी हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस याचिका पर जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली एवं स्वास्थ्य अवसंरचना की गहरी खामियों को उजागर किया है। स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की चुनौतियां स्वास्थ्य देखभाल की लागत तथा वहनीयता। स्वास्थ्य सेवा में मानवीय संसाधनों का संकट एवं स्वास्थ्यकर्मियों की अनुपलब्धता। सीमित फंड का आवंटन,

मानव तस्करी : रोकथाम की आवश्यकता, मसौदा विधेयक एवं सुझाव

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने हाल ही में 'व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2021' [Trafficking in Persons (Prevention, Care and Rehabilitation) Bill, 2021] के मसौदे पर सभी हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। मसौदा विधेयक के उद्देश्य व्यक्तियों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी को रोकना और उनका मुकाबला करना; पीड़ितों को उनके अधिकारों का सम्मान करते हुए देखभाल, सुरक्षा और पुनर्वास प्रदान करना; उनके लिए एक सहायक कानूनी, आर्थिक और सामाजिक वातावरण तैयार करना; तथा तस्करी से जुड़े मामलों के लिए अभियोजन को सुनिश्चित करना। मानव तस्करी के रोकथाम की आवश्यकता मानव तस्करी अपने

शिक्षा

भारतीय समाज

दाम्पत्य अधिकारों की बहाली के प्रावधान को चुनौती

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हिंदू पर्सनल लॉ के तहत दाम्पत्य अधिकारों की बहाली (Restitution of Conjugal Rights) की अनुमति देने वाले प्रावधानों को रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को महत्वपूर्ण करार देते हुए केंद्र सरकार से इस पर 10 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने इस मामले से संबंधित दलीलों पर सुनवाई के लिए अपनी सहमति व्यक्त की थी। दाम्पत्य अधिकार क्या हैं? दाम्पत्य अधिकार (Conjugal Rights) विवाह द्वारा निर्मित अधिकार हैं, अर्थात पति के लिए अपनी पत्नी के साथ साहचर्य का अधिकार तथा पत्नी के लिए

अति संवेदनशील वर्ग

समलैंगिक विवाह के लिए विधिक मान्यता की मांग

विदेश में रहने वाले समलैंगिक विवाहित जोड़े द्वारा समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग करने वाली एक याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 6 जुलाई, 2021 को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। इस याचिका में समलैंगिक विवाहित जोड़े द्वारा नागरिकता अधिनियम 1955, विदेशी विवाह अधिनियम 1969 एवं विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत समान लिंगी (same sexes), क्वीर (queer) या गैर-विषमलैंगिक व्यक्तियों (non-heterosexual persons) के बीच विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग की गई है। याचिका दायर करने वाले विवाहित समलैंगिक जोड़े में से एक ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड धारक है और उसका साथी अमेरिकी नागरिक है।

विविध

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2019-20

23 जुलाई, 2021 को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जुलाई, 2019 से जून 2020 के लिए ‘तीसरी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण वार्षिक रिपोर्ट’ जारी की गई। उद्देश्य: प्रति वर्ष ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में सामान्य स्थिति (प्रमुख कार्यकलाप की स्थिति + सहायक आर्थिक कार्यकलाप की स्थिति) तथा वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) दोनों में रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान लगाना। पीएलएफएस सर्वे नियमित समय अंतराल पर श्रम बल के आंकड़ों की उपलब्धता की अहमियत को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण का शुभारंभ किया। प्रथम वार्षिक रिपोर्ट (जुलाई 2017-जून 2018) मई 2019

संक्षिप्तिकी

स्माइल योजना

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने हाल ही में सीमांत व्यक्तियों के लिए आजीविका और उद्यम के समर्थन हेतु एक योजना 'स्माइल (SMILE- Support for Marginalized Individuals for Livelihood and Enterprise) योजना' तैयार की है। स्माइल योजना के अंतर्गत 'भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास हेतु केंद्रीय क्षेत्र योजना' नामक उप-योजना भी शामिल है। योजना की विशेषताएं इस योजना में भीख मांगने के कार्य में लगे व्यक्तियों के लिए कल्याणकारी उपाय सहित कई व्यापक उपाय शामिल हैं। योजना का फोकस पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं का प्रावधान, परामर्श, बुनियादी दस्तावेज, शिक्षा, कौशल विकास, आर्थिक संबंध आदि पर है। यह योजना राज्य/संघ राज्य

न्यूज़ बुलेट्स

समग्र शिक्षा योजना: केंद्रीयमंत्रिमंडल ने 4 अगस्त, 2021 कोसंशोधित समग्रशिक्षा योजना (Revised Samagra Shiksha Scheme) को 2021-22 से 2025-26 तकपांच वर्षोंकी अवधिके लिएजारी रखनेको अपनीमंजूरी देदी है।यह योजना 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तकजारी रहेगी।इसे ‘समग्रशिक्षा योजना 2’ कहाजाएगा। समग्रशिक्षा, स्कूलीशिक्षा केलिए एकएकीकृत योजनाहै। यहप्री-स्कूलसे 12वींकक्षा तककवर करतीहै। यहयोजना तीनयोजनाओं ‘सर्वशिक्षा अभियान’, ‘राष्ट्रीय माध्यमिकशिक्षा अभियान’ और शिक्षकशिक्षा (Teacher Education) को मिलाकरशुरू कीगई थी। राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना: श्रम औररोजगार मंत्रीद्वारा 2 अगस्त, 2021 कोलोक सभामें पेशकिए गएआंकड़ों केअनुसार, 2020-21 में, राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना (National Child Labour Project- NCLP) केतहत पूरेभारत में 58,000 सेअधिक बच्चोंको बालश्रम सेबचाया गयातथा उनकापुनर्वास कियागया। राष्ट्रीयबाल श्रमपरियोजना

कला एवं संस्कृति

स्थापत्य एवं विरासत

आदर्श स्मारक योजना

संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने 20 जुलाई, 2021 को यह जानकारी दी कि वाई-फाई, कैफेटेरिया, विवेचन केंद्र (Interpretation centre), ब्रेल संकेतक, प्रकाश व्यवस्था आदि जैसी अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए आंध्र प्रदेश के 3 स्मारकों को ‘आदर्श स्मारक’ (Adarsh Smarak) के रूप में चिह्नित किया गया है। आंध्र प्रदेश के ये तीन स्मारक हैं: (i) नागार्जुनकोंडा (जिला- गुंटूर)(ii)सलीहुंडम में बौद्ध अवशेष(जिला- श्रीकाकुलम) और (iii) वीरभद्र मंदिर, लेपाक्षी (जिला- अनंतपुरम)। इसके अलावा 'गंडीकोटा का किला' सरकार की 'एडॉप्ट ए हेरिटेज स्कीम' (Adopt-a-Heritage scheme) में शामिल किया गया है। आदर्श स्मारक योजना स्वच्छता, पेयजल, कैफेटेरिया, स्मारिका दुकान, वाई-फाई, कचरा निपटान आदि के अलावा, विशेष

ऐतिहासिक शहरी परिदृश्य परियोजना

मध्य प्रदेश ने हाल ही में राज्य के ग्वालियर और ओरछा शहरों के लिए यूनेस्को की 'ऐतिहासिक शहरी परिदृश्य परियोजना' (Historic Urban Landscape Project) शुरू की। इन शहरों के विकास और प्रबंधन की योजना यूनेस्को द्वारा तैयार की जाएगी। इसमें इतिहास, संस्कृति, खान-पान, रहन-सहन, आर्थिक विकास, सामुदायिक विकास समेत तमाम पहलुओं को शामिल किया जाएगा। इन दो स्थानों को अब यूनेस्को, भारत सरकार और मध्य प्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सुधार पर ध्यान केंद्रित करके विकसित किया जाएगा। ग्वालियर 9वीं शताब्दी में स्थापित ग्वालियर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल कछवाह तथा सिंधिया राजवंश की राजधानी रहा है। ग्वालियर का सबसे पुराना

व्यक्तित्व

संक्षिप्तिकी

भारतीय विरासत संस्थान

19 जुलाई, 2021 को संस्कृति मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सरकार ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) में 'भारतीय विरासत संस्थान' (Indian Institute of Heritage) स्थापित करने का निर्णय लिया है। ‘भारतीय विरासत संस्थान’ को निम्न संस्थानों की शैक्षणिक विंग (Academic wing) को एकीकृत करके मानद विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया जा रहा है।पुरातत्व संस्थान (पं. दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान);राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली के तहत अभिलेखीय अध्ययन विद्यालय;राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपदा संरक्षण अनुसंधानशाला (NRLC) लखनऊ; कला, संरक्षण और संग्रहालय के इतिहास का

5वां पूर्वोत्तर भारत पारंपरिक फैशन सप्ताह 2021

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने 24 जुलाई, 2021 को ‘5वें पूर्वोत्तर भारत पारंपरिक फैशन सप्ताह 2021’ (5th North-East India Traditional Fashion Week: NEIFW 2021) का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया। उद्देश्य: पूर्वोत्तर के विभिन्न जनजातियों और विशिष्ट संस्कृति वाले समूहों के दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना एवं उनका उत्थान करना तथा वस्त्र एवं शिल्प उद्योग के प्रति समावेशी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।इसका आयोजन केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत प्रमुख संगठन ‘राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान, देहरादून’ (NIEPVD) द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर की दिव्यांग आबादी और

विशेष

मॉक टेस्ट, प्रारंभिक परीक्षा

समसामयिक प्रश्न

समसामयिक

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