पेगासस स्पाइवेयर : सर्विलांस की वैधानिकता एवं औचित्य
- हाल ही में न्यूज़ मीडिया से जुड़े संगठनों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह द्वारा यह दावा किया है कि भारत सहित कई देशों में राजनेताओं, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए पेगासस नामक एक स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया है।
- न्यूज़ संगठनों द्वारा 50,000 से अधिक फोन नंबरों की सूची में से 50 देशों के 1000 से अधिक लोगों की पहचान की गई है, जिनकी कथित तौर पर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी (surveillance) की गई थी।
- सूची में पहचाने गए नंबरों का अधिकांश हिस्सा 10 देशों- भारत, अजरबैजान, बहरीन, कजाकिस्तान, मेक्सिको, मोरक्को, रवांडा, सऊदी अरब ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आपदा रोधी अवसंरचना: एक वैश्विक आवश्यकता
- 2 स्मार्ट सिटी मिशन के 10 वर्ष: उपलब्धियां एवं चुनौतियां
- 3 सतत विकास लक्ष्य एवं भारत: प्रगति एवं चुनौतियां
- 4 सार्वभौमिक टीकाकरण: सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा का भारतीय संकल्प
- 5 महासागरों का संरक्षण: सतत एवं समावेशी भविष्य की आधारशिला
- 6 51वां G7 शिखर सम्मेलन: प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सहमति बनाने में कितना सफल
- 7 भारत-साइप्रस: द्विपक्षीय सहयोग की नई दिशा की ओर अग्रसर
- 8 प्रधानमंत्री की क्रोएशिया यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण पड़ाव
- 9 संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन: भारत की भूमिका
- 10 नीति निर्माण में अग्रणी प्रौद्योगिकियों की भूमिका पारदर्शिता, प्रभावशीलता और समावेशिता की नई नींव