कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भारत में न्याय वितरण में किस प्रकार क्रांति ला सकती है?
विधि एवं न्याय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा फरवरी 2025 में राज्य सभा में दी गई जानकारी के अनुसार, ई-कोर्ट परियोजना के चरण-III के तहत, एक स्मार्ट प्रणाली बनाने के लिए, ई-कोर्ट सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग कुशल शेड्यूलिंग, भविष्यवाणी एवं पूर्वानुमान, प्रशासनिक दक्षता में सुधार, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), स्वचालित फाइलिंग, केस सूचना प्रणाली को उन्नत बनाने, चैटबॉट एवं अनुवाद के माध्यम से वादियों के साथ संवाद करने जैसे क्षेत्रों में किया जा रहा है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और भारत में न्याय वितरण
- भारत की न्याय प्रणाली विश्व की सबसे बड़ी न्याय प्रणालियों में ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत के कृषि-खाद्य स्टार्टअप: निर्यात-आधारित विकास के उत्प्रेरक
- 2 वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में भारत की हिस्सेदारी: आकांक्षाएं, बाधाएं और भविष्य की राह
- 3 जीएसटी सुधार 2.0: प्रमुख परिवर्तन एवं निहितार्थ
- 4 तिआनजिन SCO सम्मेलन 2025: भू-राजनीतिक वास्तविकता की एक नई दिशा
- 5 ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 - प्रियांशु भारद्वाज
- 6 संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र: वैश्विक संकट एवं बहुपक्षीय समाधान की राह
- 7 भारत में मोटापे की समस्या: सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती
- 8 प्रौद्योगिकी आपदा प्रबंधन में किस प्रकार सहायक हो सकती है? - नूपुर जोशी
- 9 भारत-सिंगापुर: द्विपक्षीय सहयोग के नये क्षितिज की ओर
- 10 भू-तापीय ऊर्जा नीति 2025: शुद्ध शून्य उत्सर्जन की तरफ भारत का संक्रमण - सत्य प्रकाश

