प्रौद्योगिकीय आत्मनिर्भरता: भारत की भावी संवृद्धि का एक प्रमुख स्तंभ - संपादकीय डेस्क

प्रौद्योगिकीय आत्मनिर्भरता, भारत के विकास की एक परिभाषित शक्ति बनती जा रही है, जो रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और अंतरिक्ष जैसे मूलभूत क्षेत्रों को स्वदेशी नवाचार के माध्यम से रूपांतरित कर रही है। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी सरकारी पहलें आयात-निर्भरता को महत्त्वपूर्ण रूप से कम करने में सफल रही हैं। फिर भी चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनमें कम अनुसंधान एवं विकास (R&D) निवेश से लेकर डिजिटल असमानता तक शामिल हैं। इन बाधाओं को दूर करने के लिए दूरदर्शी रणनीति, कौशल विकास और समावेशी तंत्र की आवश्यकता है, ताकि भारत वैश्विक प्रौद्योगिकी नेतृत्व को सुनिश्चित कर सके।

प्रौद्योगिकीय आत्मनिर्भरता भारत की ....

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