अल्पसंख्यकों द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थान तथा आरक्षण

हाल ही में, मद्रास उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि धार्मिक एवं भाषाई अल्पसंख्यकों द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थानों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के संबंध में आरक्षण के नियम का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।

  • अदालत के अनुसार सरकार इन संस्थानों को ऐसे उम्मीदवारों को आरक्षण देने के लिए मजबूर नहीं कर सकती।
  • न्यायाधीशों ने यह भी माना है कि राज्य सरकार को किसी संस्था की अल्पसंख्यक स्थिति को किसी विशेष अवधि तक सीमित करने का कोई अधिकार नहीं होगा
  • निर्णय के अनुसार एक बार दिया गया दर्जा तब तक जारी रहेगा जब तक कि राष्ट्रीय ....
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