अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना : समावेशी विकास में प्रगति हेतु व्यापक सुधार की आवश्यकता - संपादकीय डेस्क
यह सभी विकसित और विकासशील देशों के हित में है कि वे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार करें, ताकि वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में विश्वास बहाल किया जा सके और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों में दिखाई देने वाले बिखराव और विखंडन को रोका जा सके।
हाल ही में आयोजित CoP28 सम्मेलन के दौरान ‘वैश्विक स्टॉकटेक’ (Global Stocktake) ने बहुपक्षीय वित्तीय संरचना में सुधार और वित्त के नए एवं अभिनव स्रोतों की पहचान करने में तेजी लाने के महत्व को रेखांकित किया।
- विकासशील देशों, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण (Global South) के समक्ष आने वाली वर्तमान विकासात्मक चुनौतियां और SDG’s के लिए एजेंडा-2030 की ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 कृत्रिम बुद्धिमत्ता का पर्यावरणीय प्रभाव : नवाचार और धारणीयता का संतुलन
- 2 भारत की वैश्विक रणनीतिक साझेदारियां
- 3 भारत की साइबर प्रतिरोधक क्षमता का सुदृढ़ीकरण एक राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यता - संपादकीय डेस्क
- 4 पुनरुत्थान के मार्ग पर बिम्सटेक भारत के लिए रणनीतिक एवं आर्थिक अवसर - आलोक सिंह
- 5 डिजिटलीकरण: सामाजिक परिवर्तन का उत्प्रेरक - संपादकीय डेस्क
- 6 अमेरिका की नई टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार युद्ध की दस्तक - डॉ. उदय भान सिंह
- 7 पीटलैंड्स का संरक्षण वैश्विक तापमान वृद्धि से निपटने का सतत समाधान - संपादकीय डेस्क
- 8 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संभावनाएं, चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 9 हिंद महासागर क्षेत्र परिवर्तनशील भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत की आर्थिक एवं रणनीतिक अनिवार्यताएं - आलोक सिंह
- 10 भारत में उच्च शिक्षा सुधार रोज़गार क्षमता और अनुसंधान मानकों में वृद्धि आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव