सुप्रीम कोर्ट ने टू-फिंगर टेस्ट पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर, 2022 को अपने एक निर्णय में बलात्कार के मामलों में "टू-फिंगर टेस्ट" पर रोक लगाते हुए चेतावनी दी कि इस तरह के परीक्षण करने वाले व्यक्तियों को कदाचार का दोषी माना जाएगा।
- यह निर्णय जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ तथा जस्टिस हिमा कोहली की पीठ द्वारा दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2013 में ही टू-फिंगर टेस्ट को असंवैधानिक घोषित कर चुका है, बावजूद इसके यह प्रक्रिया कमोबेश आज भी जारी है।
फैसले के अहम बिंदु
- अदालत ने कहा कि इस तथाकथित परीक्षण का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है तथा यह बलात्कार के आरोपों को ....
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