​पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण का एक दशक

  • 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा मिलने से अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया, जिससे समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • अनुच्छेद 243G के अनुसार पंचायतों को स्थानीय आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने का दायित्व सौंपा गया है।
  • देश की 2.7 लाख ग्राम पंचायतों के अधीन 6.5 लाख से अधिक गांव आते हैं जो देश की लगभग 64% जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • पंचायती राज मंत्रालय की स्थापना 27 मई, 2004 को की गई थी, ....
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