भारत का उच्च रिजॉल्यूशन भू-स्खलन जोखिम मानचित्र
हाल ही में, आईआईटी-दिल्ली की टीम ने भारत का प्रथम उच्च रिजॉल्यूशन वाला भूस्खलन जोखिम मानचित्र बनाया है। इसका नाम इन्होंने भारतीय भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्र (Indian Landslide Susceptibility Map) रखा है।
मुख्य बिन्दु
- भूस्खलन बहुत ही स्थानीय क्षेत्रों (Localised Areas) में होता है और देश का केवल 1 से 2% हिस्सा ही प्रभावित होता है।
- इस मानचित्र की मदद से सम्पूर्ण देश के लिए प्रत्येक 100 वर्ग मीटर भूखंड के स्तर तक संवेदनशीलता (Susceptibility) का अनुमान लगाया जा सकता है।
- ‘भारतीय भूस्खलन संवेदनशीलता मानचित्र’ को तैयार करने में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के अद्यतन डेटा का प्रयोग किया गया है।
- डेटा का ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 वूली फ्लाइंग स्क्विरल के अस्तित्व का पहला फोटोग्राफिक साक्ष्य
- 2 पोप्स पिट वाइपर: पूर्वोत्तर भारत का एक घातक सांप
- 3 अगस्त्यमलाई भू-दृश्य में केंद्रीय सशक्त समिति को सर्वेक्षण का आदेश
- 4 “सिमिलीपाल” भारत का 107वां राष्ट्रीय उद्यान
- 5 शेर के लिए IUCN का पहला ग्रीन स्टेटस असेसमेंट
- 6 हिमालयी उच्च ऊंचाई वायुमंडलीय एवं जलवायु अनुसंधान केंद्र
- 7 वैश्विक कोरल ब्लीचिंग संकट: 84% प्रवाल भित्तियाँ प्रभावित
- 8 पार्टिकुलेट मैटर ट्रेडिंग योजना से प्रदूषण में गिरावट
- 9 पत्तियों द्वारा हवा में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक्स का अवशोषण
- 10 भारत में धरातलीय ओज़ोन प्रदूषण का खाद्य फसलों पर गंभीर प्रभाव