आरबीआई द्वारा 21 अरब डॉलर की तरलता संचार योजना
हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए 21 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की तरलता उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
- इस पहल के अंतर्गत दो खुले बाजार परिचालन (OMOs) खरीद और एक यूएसडी/आईएनआर स्वैप नीलामी को शामिल किया गया है।
तरलता संचार की आवश्यकता
- नवंबर 2024 से बैंकिंग प्रणाली में तरलता की तंगी देखी जा रही है। इसके प्रमुख कारण हैं:
- कर बहिर्वाह (टैक्स आउटफ्लो)
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा भारतीय इक्विटी में भारी बिक्री
- विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआई का हस्तक्षेप
- तरलता की पर्याप्त उपलब्धता से ऋण दरों का कुशल क्रियान्वयन, नीतिगत लाभों की प्राप्ति और ....
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