बैलास्ट वाटर का प्रबंधन
हाल ही में, तमिलनाडु जल संसाधन विभाग (WRD) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सूचित किया है कि उसने तमिलनाडु के कामराजार पोर्ट से 160 करोड़ रुपए मांगे हैं, ताकि बंदरगाह के पास तट पर आक्रामक मसल्स (Mussels) को हटाया जा सके।
- मसल्स नामक मोलस्क प्रजाति समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करती है और मछुआरों के नावों की आवाजाही को प्रभावित करती है।
- तमिलनाडु जल संसाधन विभाग ने आरोप लगाया है कि कामराजार पोर्ट द्वारा जहाजों से आने वाले बैलास्ट वाटर (Ballast Water) को विनियमित न करना आक्रामक प्रजातियों के प्रसार का मुख्य कारण है।
- बैलास्ट वाटर जहाजों में इस्तेमाल होने वाला पानी ....
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