भारत तीसरा सर्वाधिाक कार्बन उत्सर्जक

दिसंबर, 2018 को पूर्वी अंगलिया विश्वविद्यालय (University of East Anglia-UEA) और ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट (Global Carbon Project) में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 2018 में वैश्विक कार्बन उत्सर्जन 37.1 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिसमें भारत तीसरा सबसे ज्यादा योगदानकर्ता है।

अध्ययन की मुख्य विशेषताएं

  • भारत वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के 7% की हिस्सेदारी के साथ तीसरा सबसे ज्यादा योगदानकर्ता है और 2017 से उत्सर्जन में 6.3% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। हालांकि भारत तेजी से सौर और पवन ऊर्जा की ओर अग्रसर हो रहा है लेकिन कोयले के अत्यधिक उपयोग बढ़ने से कोयला भारत के कुल कार्बन उत्सर्जन में 65% का योगदान कर रहा है।
  • 2018 में 2.7% की अनुमानित वैश्विक वृद्धि लगातार दूसरे वर्ष कोयला उपयोग में पर्याप्त वृद्धि तथा तेल और गैस के उपयोग में निरंतर वृद्धि के कारण हुई है।
  • 2018 में 10 सबसे बड़े उत्सर्जक चीन, अमेरिका, भारत, रूस, जापान, जर्मनी, ईरान, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और कनाडा हैं। यूरोपीय संघ, देशों के एक क्षेत्र के रूप में तीसरे स्थान पर है। चीन 2018 में अनुमानित 4.7% की वृद्धि दर से वैश्विक रूप से कुल उत्सर्जन के 27% के लिए जिम्मेदार है।
  • अमेरिका कुल वैश्विक उत्सर्जन में 15% का योगदान करता है। कई वर्षों की गिरावट के बाद 2018 में उत्सर्जन में 2.5% की वृद्धि दर्ज की गई। ज्ञात हो कि अमेरिका पहले ही जलवायु परिवर्तन के पेरिस समझौते से पीछे हट चुका है।