जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक रिपोर्ट

जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक रिपोर्ट (United Nations scientific reports on biodiversity) के मुताबिक पौधे, जानवर और साफ पानी धरती से विलुप्त हो रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के खतरों के कारण पृथ्वी धीरे-धीरे एकाकी ग्रह में बदल रही है। मार्च, 2018 में संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों द्वारा चार क्षेत्रों अमेरिका, यूरोप, मध्य एशिया, अफ्रीका और एशिया पैसिफिक क्षेत्र पर आधारित रिपोर्ट जारी की गयी।

  • तीन वर्ष के अध्ययन के बाद जारी रिपोर्ट के अनुसार विश्व समुदाय का उन तरफ भी ध्यान का है जो आसानी से नजर नहीं आ रहे हैं। हमारी धरती पर लोगों की आबादी बढ़ रही है। इसके अलावा लोग अब ज्यादा अमीर हैं। बढ़ती आबादी की भोजन, पानी, जमीन और ऊर्जा की जरूरत भी बढ़ गई है। जिस तरह हम इन्हें प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं उससे जैव विविधता के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार भविष्य के खतरे

अमेरिकाः 2050 तक अमेरिका में वर्तमान के मुकाबले पौधों और जानवरों की संख्या 15 फीसदी तक घट जाएगी।

एशिया पैसिफिकः जैसा चल रहा है, वैसा ही रहा तो 2048 तक कारोबार के तौर पर दोहन करने योग्य मछलियां नहीं बचेंगी।

यूरोप और मध्य एशियाः यहां पाई जाने वाली 28 फीसदी तक विभिन्न प्रजातियां खतरे में हैं। तराई वाले क्षेत्र घटकर आधे रह गए हैं।

अफ्रीकाः 2100 तक यहां पाए जाने वाले स्तनपायी जानवरों की प्रजातियां और परिंदे खत्म हो जाएंगे।