वर्ल्ड लिविंग प्लानेट रिपोर्ट -2018

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वारा जारी द्विवार्षिक ‘लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट- 2018’ (Living Planet Report - 2018) के अनुसार 50 साल से भी कम समय में वन्यजीव आबादी में आधा से ज्यादा गिरावट आई है।

  • 1970 से 2014 तक, रीढ़ की हîóी वाले जानवरों-पक्षियों, सरीसृप, उभयचर, स्तनधारियों और मछलियों की संख्या मे वैश्विक स्तर पर औसतन 60% तक गिरावट हुई। भौगोलिक दृष्टि से, दक्षिण और मध्य अमेरिका में वन्यजीवो में सर्वाधिक कमी (89%) पाई गई।
  • वर्तमान दर पर प्रजातियां का विलुप्त होना कुछ शताब्दियों पहले की तुलना में 100 से 1,000 गुना अधिक है। जिससे पृथ्वी व्यापक विलोपन (Mass Extinction) में प्रवेश कर रही है।
  • 1960 से, वैश्विक पारिस्थितिकीय पदचिह्न (Global Ecological Footprint) में 190% से अधिक की वृद्धि हुई और वैश्विक स्तर पर, 1970 से आर्द्रभूमि की सीमा 87% घट गई।
  • विश्व के सबसे बड़े अमेजन वर्षावन का लगभग 20%, पांच दशकों में गायब हो गया है। जैव विविधता हानि के दो प्रमुख कारण प्राकृतिक संसाधनों और कृषि का अत्यधिक दोहन है।
  • जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण से दुनिया के उथले पानी की प्रवाल भित्तियों में से आधे से अधिक की मौत और तटीय मैंग्रोव वन, पिछले 50 वर्षों में आधे से भी कम हो गये है।
  • अत्यधिक पोषक तत्वों, अधिक चराई, गहन कृषि, आग, मृदा अपरदन, मरुस्थलीकरण और जलवायु परिवर्तन से भारत सहित कई देशों को मृदा जैव विविधता के संकट का सामना करना पड़ रहा है।

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF): यह जंगल संरक्षण और पर्यावरण पर मानव प्रभाव में कमी करने हेतु अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है। यह 1961 में स्थापित हुआ और इसका मुख्यालय ग्लैंड, स्विट्जरलैंड में है। इसका उद्देश्य ग्रह के प्राकृतिक पर्यावरण में गिरावट को रोकना और भविष्य का निर्माण करना है।