डिजीयात्रा योजना

2017 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई अड्डों पर यात्रियों की बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल प्रौद्योगिकी नीति की घोषणा की, जिसे डिजीयात्रा कहते हैं। यह यात्रियों के लिए निर्बाध यात्रा के अनुभव को बढ़ाने और सुरक्षा सुधार के साथ जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र की परिकल्पना करता है।

  • डिजीयात्रा पेपरलेस यात्रा की सुविधा और कई बिंदुओं पर पहचानजांच में कमी लाएगी। चेक प्वाइंट पर यात्रियों की पहचान, स्वचालित चेहरे की पहचान प्रणाली के आधार पर किया जाएगा; जैसे - एंट्री पॉइंट चेक, एंट्री टू सिक्योरिटी चेक, एयरक्राफ्रट बोर्डिंग, इसके अलावा पैक्स और डेटा रिकॉल की पहचान के लिए फेशियल रिकॉग्निशन का इस्तेमाल करते हुए सेल्फ-बैग ड्रॉप और चेक-इन की भी सुविधा होगी।
  • डिजी यात्रा के 4 प्रमुख स्तंभों - कनेक्टेड पैसेंजर्स, कनेक्टेड एयरपोर्ट्स, कनेक्टेड फ्रलाइट्स और कनेक्टेड सिस्टम्स पर बनाया गया है, जो यात्रियों की यात्रा आसान कर सकते हैं। वर्तमान में बैंगलुरू हवाई अड्डे पर डिजीयात्रा का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इसी तरहहैदराबाद में बारकोड रीडर-आधारित ई-गेट्स उपयोग में है। डिजीयात्रा का पूरी तरह से क्रियान्वयन अभी भी होना बाकी है।
  • डिजीयात्रा के कार्यान्वयन के लिए प्रमुख मुद्दा यात्रियों की डिजिटल साक्षरता है। इसके अलावा हवाई अड्डों पर वर्तमान ढांचागत व्यवस्था इसे लागू कर पाने में अक्षम है। सरकार द्वारा किसी भी हवाई अड्डों पूर्व सर्वेक्षण के बिना परियोजना शुरू की गई है। बेहतर कार्यान्वयन के लिए पहले सरकार को हवाई अड्डों के बुनियादी सुविधाओं का विकास करना चाहिए और यात्रियों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाना चाहिए।