हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन (एफ़एएमई) भारत योजना

राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना (NEMMP) 2020 एक राष्ट्रीय मिशन दस्तावेज है, जो देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं उसे तेजी से अपनाने के लिए दृष्टि और रोडमैप प्रदान करता है। सरकार द्वारा देश में पर्यावरण अनुकूल वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन के भाग के रूप 1 अप्रैल, 2015 को हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहन भारत योजना प्रारम्भ किया गया था। इसके तहत फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर बल दिया गया हैं।

  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनबाजार के विकास और इसके विनिर्माण इको-सिस्टम का समर्थन करना, ताकि निर्धारित अवधि में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। इसे दो चरणों में लागू किया गया थाः

चरण-I को दो साल की अवधि 2015-17 के लिए लागू किया गया था, लेकिन इसे 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दिया गया। इस योजना का दूसरा चरण 1 अप्रैल, 2019 को तीन साल की अवधि के लिए शुरू किया गया है।

निष्कर्ष

सरकार सड़क और राजमार्गों पर नीतियों, कार्यों, नियमों के माध्यम से देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित करने का काम कर रही है। केंद्रीय बजट 2019-20 के अनुसार, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PGSY) से ग्रामीण क्षेत्रों में कई सामाजिक-आर्थिक उन्नति हुई है। वर्तमान में पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत अधिकांश सड़कों का निर्माण ग्रीन टेक्नोलॉजी, वेस्ट प्लास्टिक और कोल्ड मिक्स टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनायी गई हैं, जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम हो रहा है।

  • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 2019-20 में 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और 15,000 किलोमीटर की योजना बनाने का लक्ष्य तय किया है।
  • भारत में सड़क बुनियादी ढांचे के विकास में निजी क्षेत्र एक प्रमुख निवेशक के रूप में उभरा है। बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों के साथ-साथ दुपहिया और चारपहिया वाहनों की बढ़ती संख्या ने सड़क परिवहन के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में वृद्धि को प्रेरित किया है।
  • सरकार ने सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) माडल के माध्यम से बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की नीति अपनायी है, जिससे कई निजी निवेशकों ने बुनियादी ढ़ांचा उद्योग में प्रवेश किया है।