विकास के लिए वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) का उपयोग करना

2 सितंबर, 2019 को स्टीयरिंग कमेटी ऑन फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (फिनटेक) ने अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंपी। मार्च 2018 में भारत में फिनटेक क्षेत्र के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार करने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के वित्तीय समावेशन को बढ़ाने एवं इसकी क्षमता का विश्लेषण करने के लिए आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था।

पृष्ठभूमि

फिनटेक के बढ़ते महत्व एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की क्षमता को देखते हुए, सरकार ने अतानु चक्रवर्ती की अध्यक्षता में संचालन समिति का गठन किया। इस समिति को फिनटेक से संबंधित विनियमों को और अधिक लचीला बनाने तथा तुलनात्मक रूप से (अन्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से) मजबूत क्षेत्र में उद्यमिता विकसित करने पर अनुसंशा करना था।

वित्तीय प्रौद्योगिकियों का महत्व

हाल के दिनों में, फिनटेक या नई तकनीकी नवाचारों का उपयोग करके वित्तीय सेवाओं का निर्माण किया जा रहा है। यह वित्तीय क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण विकासों में से एक है। वित्त तक पहुंच बढ़ाने और एमएसएमई के विकास को बढ़ावा देने में फिनटेक बड़ी भूमिका निभा सकता है। हालांकि, दुनिया भर में व्यापक फिनटेक परिदृश्य में प्रौद्योगिकी द्वारा दिन-प्रतिदिन वित्तीय सेवाओं की विविधता शामिल है।

परंपरागत रूप से मोबाइल भुगतान, क्रिप्टोकरेंसी, निवेश सलाहकार, बीमा एग्रीगेटर्स, पीयर-टू-पीयर लैंडिंग और अन्य सेवाओं को प्रदान करने के लिए मानव पूंजी की आवश्यकता होती थी, अब फिनटेक द्वारा प्रदान की जाती हैं।

समिति की सिफारिशें

समिति ने 2 सितंबर, 2019 को रिपोर्ट सौंपी और निम्नलिखित सिफारिश कीः

एक आभासी बैंकिंग प्रणाली विकसित करना

वित्तीय सेवा विभाग और RBI आभासी बैंकिंग प्रणाली की उपयुक्तता जांच कर सकते हैं। आभासी बैंकों को अनुमति देने, लागत और लाभों की गणना की जानी चाहिए।

  • वे एक संभावित परिदृश्य (भविष्य) को तैयारी कर सकते हैं, जहां बैंकों को शाखाएं स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होगी, फिर भी वे पूर्ण पैमाने पर बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर सकते हैं; जैसे ऋण, बचत खातों, कार्ड जारी करने और अपने ऐप या वेबसाइट के माध्यम से भुगतान सेवाओं की पेशकश करना आदि।
  • हांगकांग के मौद्रिक प्राधिकरण (HKMA) ने हाल ही में आभासी बैंकों की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं-

1. गैर-बैंकों के लिए भुगतान अवसंरचना का उपयोगः सरकार और आरबीआई को बैंकों की तुलना में, गैर-बैंकों की भुगतान की बुनियादी ढांचे तक पहुंच में भेदभाव को खत्म करना चाहिए, जिससे प्रतिस्पर्द्धा और नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके।

2. साइबर सुरक्षा के लिए फिनटेकः फिनटेक का साइबर सुरक्षा, धोखाधड़ी नियंत्रण और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, विशेष रूप से सार्वजनिक सेवा उद्यम या वित्तीय सेवा कंपनियों द्वारा। साथ ही, इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले अंतरराष्ट्रीय फिनटेक फर्मों को भारत में अपने व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

3. कृषि में एनबीएफसीः चूंकि एनबीएफसी ने अपनी पहुँच को बढ़ाने के लिए फिनटेक का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। ऐसी कंपनियों को कृषि क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जैसे सरकार द्वारा ऋण गारंटी योजनाओं में शामिल करना।

4. मार्केटप्लेस लैंडिंग मॉडल विकसित करें: भारत में ऋण वित्तपोषण में सुधार किया जाना चाहिए, इसके लिए बैंकों के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) उधार देने वाले वर्तमान बैंक प्लेटफॉर्म में सुधार करना, मार्केटप्लेस मॉडल विकसित करना शामिल हैं।

5. एक्सपोजर सीमाओं को आसान करनाः समग्र और व्यक्तिगत एक्सपोजर सीमा पर प्रतिबंधों की समीक्षा की जा सकती है। एसएमई क्षेत्र को मुद्रा बैंक द्वारा वित्त प्रदान करने और P2P (Peer-to-peer) प्लेटफार्मों के माध्यम से वैकल्पिक ऋण वितरण चैनल जैसे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।

6. आसान केवाईसी प्रक्रियाः ग्राहक सहमति से सेवा प्रदाताओं द्वारा दस्तावेज सत्यापन के लिए विभिन्न विकल्पों जैसे वीडियो-आधारित केवाईसी, डिजीलॉकर के माध्यम मान्य केवाईसी दस्तावेज उपलब्ध कराने आदि पर जल्द विचार किया जाना चाहिए।

7. फसलों का आकलन करने के लिए निजी एजेंसियों को ड्रोन की अनुमति देनाः कृषि कंपनियों और कृषि क्षेत्र में उधारदाताओं को ड्रोन और रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। स्वयं या फिनटेक कंपनियों की सेवाओं का उपयोग करते हुए क्रॉपिंग पैटर्न के स्व-रिपोर्ट में विसंगतियों का आकलन करने, क्रेडिट और बीमा उत्पादों दोनों के अधिक कुशल वितरण और क्रेडिट/बीमा जोखिमों को कम करने में उपयोग किया जा सकता है।

8. फिनटेक के लिए एक उपभोक्ता संरक्षण कानून बनाएं: इसे फिनटेक और डिजिटल सेवाओं के उदय तथा डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से सार्वजनिक वित्तीय सुरक्षा से सम्बंधित संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द अंजाम दिया जाना चाहिए।

9. भूमि अभिलेखों का तेजी से डिजिटलीकरणः सरकार को भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण फ्प्राथमिक उद्देश्यों के साथय् करना चाहिए और इसके लिए तीन साल की समयसीमा की भी सिफारिश की गई है।

10. लघु बचत योजना में आसानीः उपभोक्ताओं की पहुंच और लेनदेन को आसान बनाना चाहिए। वित्तीय धोखाधड़ी के जोखिम को कम करना चाहिए और द्वितीयक बाजार में व्यापार को सक्षम करना चाहिए। सभी छोटे बचत उत्पाद, जो न तो ऑनलाइन उपलब्ध हैं और न ही डीमैट फॉर्म में उपलब्ध हैं, को डीमैट फॉर्म में एक आम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाया जाना चाहिए। इससे छोटी बचत योजना की दक्षता और घरेलू बचत को बढ़ाने वाली ऐसी योजनाओं में सार्वजनिक निवेश में सुधार होगा।

सुझाव

रिपोर्ट में फिनटेक उन्नयन और अपनाने के क्षेत्र में सुधार के लिए अंतर-मंत्रलयी समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) में फिनटेक पर एक अंतर-मंत्रलयी समूह का गठन किया जाना चाहिए, ताकि ओपन एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई), ब्लॉकचैन, बिग डेटा एनालिटिक्स और राष्ट्रीय डेटा साझाकरण जैसी तकनीकों का अनुप्रयोग सरकारी प्रक्रिया में किया जा सके; जैसे कल्याण, कराधान और नागरिकों के शिकायतों के निवारण आदि में।
उपरोक्त सिफारिशें भारत को 350 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने में फिनटेक की भूमिका पर प्रकाश डालती हैं।