रेलवे भूमि नीति संशोधन

7 सितम्बर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे की भूमि नीति को संशोधित करने के रेल मंत्रलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

  • यह संशोधित नीति पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने (कार्गो संबंधी गतिविधियों, जन उपयोगिताओं और रेलवे के विशेष इस्तेमाल हेतु) में सहायक होगी।
  • मौजूदा नीति रेलवे से संबंधित किसी भी गतिविधि के लिए पांच साल तक की छोटी अवधि के लिए रेलवे भूमि के लाइसेंस की अनुमति देती है तथा मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को ही सरकारी भूमि पट्टे पर देने के लिए 35 साल तक की लंबी अवधि तक रेलवे भूमि के पट्टे देने की अनुमति है।

प्रमुख विशेषता

  • यह नीति भूमि के प्रतिवर्ष बाजार मूल्य के 1.5% की दर से 35 वर्ष तक की अवधि के लिए, कार्गो से संबंधित गतिविधियों के लिए रेलवे की भूमि को लंबी अवधि के पट्टे पर प्रदान करती है।
  • इस नीति से रेलवे को और ज्यादा कार्गो आकर्षित करने, माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने तथा उद्योग की लॉजिस्टिक्स लागत कम करने में सहायता प्राप्त होगी।
  • अगले पांच वर्षों में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे और लगभग 1-2 लाख रोजगार सृजित होंगे।
  • ऑप्टिकल फाइबर केबल्स (ओएफसी) और अन्य छोटे व्यास वाली भूमिगत उपयोगिताओं के लिए, रेलवे ट्रैक पार करने के लिए 1000 रुपये का एकमुश्त शुल्क लिया जाएगा।

आर्थिक परिदृश्य