यूएनसीसीडी कॉप-15
संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय- यूएनसीसीडी (United Nations Convention to Combat Desertification: UNCCD) के पक्षकारों का सम्मेलन कॉप-15 (COP-15) 9 से 20 मई, 2022 तक आबिदजान, कोट डी आइवर (आइवरी कोस्ट) में आयोजित किया गया।
कॉप-15 का विषय: 'भूमि, जीवन, विरासत: अभाव से समृद्धि की ओर' (Land, Life, Legacy: From scarcity to prosperity)।
महत्वपूर्ण तथ्य: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने UNCCD के पक्षकारों के सम्मेलन के 15वें सत्र में राष्ट्र की ओर से वक्तव्य दिया।
- भारत ने 2019 में नई दिल्ली में UNCCD के चौदहवें सत्र की मेजबानी की थी।
कॉप-15 में प्रमुख नई प्रतिबद्धतायें: 2030 तक एक अरब हेक्टेयर अवक्रमित भूमि (degraded land की बहाली में तेजी लाना;
- शुष्क भूमि के विस्तार की पहचान करके, राष्ट्रीय नीतियों में सुधार करके और पूर्व चेतावनी, निगरानी और मूल्यांकन करके सूखे के प्रति अनुकूलन को बढ़ावा देना;
- 2022-2024 के लिए सूखे पर एक अंतर सरकारी कार्य समूह की स्थापना करना;
- मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण से प्रेरित प्रवासन और विस्थापन के समाधान का प्रयास करना;
- भूमि प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी में सुधार करना और;
- रेत और धूल भरी आंधी और अन्य बढ़ते आपदा जोखिमों से निपटना।
संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD): इसकी स्थापना 1994 में हमारी भूमि की रक्षा और बहाली और एक सुरक्षित, न्यायपूर्ण और अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
- यह मरुस्थलीकरण और सूखे के प्रभावों को दूर करने के लिए स्थापित एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है। यह यूरोपीय संघ (ईयू) और 196 देशों द्वारा अनुमोदित है।
GK फैक्ट
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पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 वन लाइनर सामयिकी
- 2 एम्परर पेंगुइन को विलुप्त होने का खतरा
- 3 जयपुर दो तेंदुआ रिजर्व वाला भारत का पहला शहर
- 4 इराक में भीषण रेतीला तूफान
- 5 कार्बन डाइऑक्साइड कैप्चर डिवाइस
- 6 ई- कचरा प्रबंधन के लिए मसौदा अधिसूचना
- 7 बार्ब्स मछली प्रजातियों की कृत्रिम प्रजनन तकनीक
- 8 माया पिट वाइपर
- 9 भारत के भेड़ियों पर एक नया अध्ययन
- 10 रामगढ़ विषधारी भारत का 52वां बाघ अभयारण्य
- 11 सियोल वन घोषणा
- 12 जलवायु कार्रवाई के लिए भारतीय सीईओ का गठबंधन