इराक में भीषण रेतीला तूफान
मई 2022 में भीषण रेतीले तूफान ने इराक की राजधानी बगदाद सहित इराक के कई शहरों को नारंगी रंग की चमक से ढक दिया।
महत्वपूर्ण तथ्य: इराक में ज्यादातर गर्मियों में धूल भरी आंधी / रेतीला तूफान चलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सूखे, मरुस्थलीकरण और घटती वर्षा के कारण इस प्रकार के तूफान आने की और अधिक संभावना है।
- तूफान आमतौर पर उत्तर-पश्चिमी हवाओं द्वारा संचालित होते हैं। हवाएँ सीरिया और इराक के टिगरिस-यूफ्रेट्स बेसिन से धूल उठाती हैं और इसे फारस की खाड़ी और अरब प्रायद्वीप तक पहुँचाती हैं। इराक, जो फारस की खाड़ी के शीर्ष पर स्थित है, हवाओं को आगे बढ़ाने में मदद करता है।
जलवायु परिवर्तन: वैज्ञानिकों का मानना है कि इन तूफानों की आवृत्ति और तीव्रता को बढ़ाने में जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण हवा के तापमान, वर्षा, हवा की गति, मृदा की नमी और सापेक्ष आर्द्रता में लंबे समय तक बदलाव की इस वर्ष धूल भरी आंधी में कुछ हद तक भूमिका हो सकती है।
- अध्ययनों से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के कारण वार्षिक वर्षा दर में भारी गिरावट से रेत और धूल भरी आंधी आ सकती है।
भारत पर प्रभाव: अरब प्रायद्वीप से धूल/ रेतीला तूफान ईरान, इराक, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से गुजरते हुए राजस्थान में भारत के पश्चिमी हिस्सों में पहुंचता है। यह अरब सागर के रास्ते गुजरात में भी प्रवेश कर सकता है।
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