एम्परर पेंगुइन को विलुप्त होने का खतरा

अर्जेंटीना अंटार्कटिक संस्थान के विशेषज्ञों के अनुसार अंटार्कटिका के बर्फीले टुंड्रा और ठंडे समुद्रों में पाये जाने वाले ‘एम्परर पेंगुइन’ (Emperor penguin) जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप अगले 30 से 40 वर्षों में विलुप्त हो सकते हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य: अनुमानों के अनुसार 60 और 70 डिग्री अक्षांशों के बीच स्थित इनकी आबादी अगले कुछ दशकों में यानी अगले 30 से 40 वर्षों में विलुप्त हो सकती है।

  • एम्परर पेंगुइन, दुनिया का सबसे बड़ा पेंगुइन है और यह अंटार्कटिका के लिए स्थानिक केवल दो पेंगुइन प्रजातियों में से एक है।
  • यह अंटार्कटिका की सर्दियों के दौरान बच्चे को जन्म देता है और अप्रैल से दिसंबर तक नवेली चूजों के घोंसले के लिए ठोस समुद्री बर्फ की आवश्यकता होती है।
  • यदि बाद में समुद्र जम जाता है या समय से पहले पिघल जाता है, तो एम्परर पेंगुइन अपना प्रजनन चक्र पूरा नहीं कर पाता है।
  • पेंगुइन के बीच सबसे लंबा प्रजनन चक्र एम्परर पेंगुइन की अनूठी विशेषता है। एम्परर पेंगुइन अपने बच्चे के जन्म के बाद, गर्माहट के लिए उसे अपने पैरों के बीच तब तक रखते हैं, जब तक कि वह अपने अंतिम पंख विकसित नहीं कर लेता।

संसद प्रश्नोत्तर सार

इंडियन स्टार कछुआ

  • वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 'इंडियन स्टार कछुओं (Indian Star Tortoise) की सबसे पसंदीदा पालतू जानवरों के रूप में मांग इसके अस्तित्व के लिए प्रमुख खतरों में से एक है।
  • इंडियन स्टार कछुआ भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में सूखे क्षेत्रों और झाड़ियों वाले वनों में पाए जाने वाले कछुए की एक प्रजाति है। स्टार कछुआ 'टेस्टुडीनिडे' (Testudinidae) परिवार से संबंधित है। यह वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में सूचीबद्ध है। अधिनियम के प्रावधानों के तहत स्टार कछुए का अवैध व्यापार दंडनीय है। संरक्षण स्थिति: आईयूसीएन - अतिसंवेदनशील (Vulnerable) के रूप में सूचीबद्ध तथा CITES परिशिष्ट I में सूचीबद्ध।