ई- कचरा प्रबंधन के लिए मसौदा अधिसूचना

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मई 2022 में जनता की प्रतिक्रिया के लिए इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की है।

महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन के लिए नियमों का एक औपचारिक समूह है, पहली बार 2016 में इन नियमों की घोषणा की गई थी और 2018 में इसमें संशोधन किया गया। नवीनतम नियम अगस्त 2021 तक लागू होने की संभावना है।

  • उपभोक्ता वस्तुओं से संबंधित कंपनियों और इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के विनिर्माताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि 2023 तक उनके इलेक्ट्रॉनिक कचरे का कम से कम 60% एकत्र और पुनर्नवीनीकरण किया जाए और उन्हें 2024 और 2025 में क्रमशः 70% और 80% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा जाए।
  • नियम कार्बन क्रेडिट के समान प्रमाणपत्रों में व्यापार की एक प्रणाली का भी प्रावधान करते हैं, जो कंपनियों को अस्थायी रूप से कमी को दूर करने में मदद करेगा।
  • ऐसी कंपनियां, जो अपने वार्षिक लक्ष्यों को पूरा नहीं करेंगी, उन्हें 'पर्यावरण मुआवजे' के तौर पर जुर्माना देना होगा।
  • लक्ष्य निर्दिष्ट करने के साथ, ही नियमों में कंपनियों के लिए 'विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व' (ईपीआर) प्रमाणपत्र हासिल करने की एक व्यवस्था है। ये प्रमाणपत्र किसी कंपनी द्वारा किसी विशेष वर्ष में एकत्रित और पुनर्नवीनीकरण किए गए ई-कचरे की मात्रा को प्रमाणित करते हैं।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) निगरानी करेगी कि कंपनियां अपने लक्ष्यों को पूरा कर रही हैं या नहीं।

GK फैक्ट

  • 'ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2017' (Global E-Waste Monitor 2017) के अनुसार, भारत सालाना लगभग 2 मिलियन टन (एमटी) ई-कचरा उत्पन्न करता है और अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद ई-कचरा उत्पादक देशों में पांचवें स्थान पर है।

संसद प्रश्नोत्तर सार

पारिवारिक वानिकी की अवधारणा

  • 'लैंड फॉर लाइफ' संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD) का एक पुरस्कार कार्यक्रम है, जिसे हर दो साल में प्रदान किया जाता है।
  • लैंड फॉर लाइफ पुरस्कार का उद्देश्य उन व्यक्तियों और संगठनों को वैश्विक मान्यता प्रदान करना है जिनके कार्यों और पहलों ने 'सतत भूमि प्रबंधन' के माध्यम से सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। UNCCD द्वारा 17 जून, 2021 को राजस्थान के 'पारिवारिक वानिकी' (Familial Forestry) अभियान को 'लैंड फॉर लाइफ अवॉर्ड 2021' प्रदान किया गया। पारिवारिक वानिकी का अर्थ है परिवार के सदस्य के रूप में वृक्ष की देखभाल करना ताकि पेड़ परिवार की चेतना का हिस्सा बन जाए। इस अभियान में मरुस्थल-प्रवण उत्तर-पश्चिम राजस्थान के 15,000 से अधिक गांवों के दस लाख से अधिक परिवारों को शामिल किया गया था। इनकी सक्रिय भागीदारी से पिछले 15 वर्षों में लगभग 2.5 मिलियन पौधे लगाए गए हैं। राजस्थान, भारत की पारिवारिक वानिकी एक अनूठी अवधारणा है, जो एक वृक्ष को एक परिवार से जोड़ती है, जिससे वह एक हरित 'पारिवारिक सदस्य' बन जाता है।