विमुक्त जनजतियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए योजना

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने, 16 फरवरी, 2022 को 'विमुक्त जनजतियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए योजना' (Scheme for Economic Empowerment of DNTs: SEED) का शुभारंभ किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: यह योजना डीएनटी (DNTs) यानी विमुक्त (De-notified), घुमंतू (Nomadic), अर्द्ध-घुमंतू (Semi Nomadic) समुदायों के कल्याण के लिए है।

योजना की अवधि और अनुमानित लागत: वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक तथा 200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत।

योजना के चार घटक: इन समुदायों के उम्मीदवारों के लिए अच्छी गुणवत्ता की कोचिंग प्रदान करना ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो सकें; इन समुदायों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना; सामुदायिक स्तर पर आजीविका पहल को सुगम बनाना; आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।

कार्यान्वयन: सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा विकसित एक पोर्टल के माध्यम से; लाभार्थियों को भुगतान सीधे उनके खातों में किया जाएगा।

  • अन्य कार्यान्वयन एजेंसियां ग्रामीण विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण हैं।

जीके फ़ैक्ट

  • इन समुदायों की समस्याओं के समाधान के लिए अक्टूबर 2003 में पहला आयोग स्थापित किया गया था। रेंके आयोग की स्थापना 2008 में हुई थी। इन समुदायों के नियोजित विकास के लिए भीकू रामजी इदाते की अध्यक्षता में 2015 में ‘राष्ट्रीय आयोग’ का गठन किया गया था। भारत सरकार ने 2019 में 'विमुक्त, घुमंतू, अर्द्ध-घुमंतू समुदायों के लिए विकास और कल्याण बोर्ड' की स्थापना की।

आर्थिक परिदृश्य