नैनी कोयला खदान
केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने ओडिशा के अंगुल जिले में प्रस्तावित ओपनकास्ट कोयला खनन के लिए वन व्यपर्वतन प्रक्रिया (forest diversion process) में तेजी लाने की मांग की है, जिसके लिए एक आरक्षित वन में एक लाख से अधिक पेड़ों की कटाई की आवश्यकता होगी और हाथियों की आबादी भी प्रभावित होगी।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत सरकार और तेलंगाना के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) ने अंगुल जिले के छेंदीपाड़ा तहसील में नैनी कोयला खदान में कोयला खदान का प्रस्ताव दिया है।
- परियोजना के लिए कुल 912.799 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें 643.095 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि और 140.180 हेक्टेयर ग्राम वन भूमि है। शेष गैर वन भूमि है।
- SCCL इसके लिए 783.275 हेक्टेयर वन भूमि के व्यपर्वतन से पहले पर्यावरण और वन मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है, जो महानदी घाटी के भीतर निचले गोंडवाना बेसिन के दक्षिण-पूर्वी कोने में है।
- साइट निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार छेंदीपाड़ा आरक्षित वन में 1,05,092 पेड़, राजस्व वन में 1,087 पेड़ और गैर वन भूमि में 327 पेड़ काटने होंगे।
वन्यजीवों के लिए खतरा: हालांकि कोयला खनन के लिए प्रस्तावित क्षेत्र किसी राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य या जीवमंडल का हिस्सा नहीं है। लेकिन इससे विशेष रूप से जंगली हाथियों की आवाजाही के लिए खतरा हो सकता है।
- राज्य हाथियों की आवाजाही पर अंगुल जिले में कोयला खनन के प्रभाव का आकलन करने के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी से अध्ययन कराएगा।
GK फैक्ट
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आर्थिक परिदृश्य
- 1 वन लाइनर सामयिकी
- 2 जेएनपीटी को जोड़ने वाली सड़क संपर्क परियोजनाएं
- 3 नेशनल ओपन एक्सेस रजिस्ट्री
- 4 कोयला गैसीकरण
- 5 ग्लूटेन-मुक्त मिलेट उत्पाद
- 6 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां
- 7 अंडमान को मिलेगा गैस आधारित बिजली संयंत्र
- 8 प्लास्टइंडिया 2023
- 9 पहला खादी उत्कृष्टता केंद्र
- 10 ओएनजीसी ने किया इंडियन गैस एक्सचेंज पर घरेलू गैस का व्यापार
- 11 सोने के आयात के लिए आरबीआई दिशा-निर्देश
- 12 केंद्र सरकार ने लगाया गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध
- 13 2021-22 के लिए प्रमुख फसलों के उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान
- 14 राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 में संशोधन
- 15 सरकार को अधिशेष अंतरण को आरबीआई की मंजूरी
- 16 भारत ने दर्ज किया अब तक का सर्वाधिक वार्षिक एफडीआई प्रवाह