दिल्ली

देश के मेंटर कार्यक्रम

दिल्ली सरकार ने 11 अक्टूबर, 2021 को अपने स्कूलों में कक्षा 9 से कक्षा 12वीं तक के बच्चों की मेंटरशिप (मार्गदर्शन) के लिए ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम (Desh Ke Mentor programme) शुरू किया है।

उद्देश्यः छात्रों को करियर विकल्प के बारे में जागरूक करना; छात्रों को उनके प्रारंभिक करियर नियोजन चरणों में मार्गदर्शन और सहयोग करना; छात्रों में व्यक्तिगत और व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने की योग्यता विकसित करना तथा राष्ट्र निर्माण के लिए युवा समुदाय में परोपकारी दृष्टिकोण को बढ़ाना।

  • ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम के तहत, छात्रों को देश भर के स्वयंसेवकों द्वारा रोजाना 10-15 मिनट के लिए करियर विकल्पों से लेकर किशोर-संबंधी चिंताओं तक के मुद्दों पर सलाह दी जाएगी।
  • मेंटरशिप कार्यक्रम दो से छः माह का होगा, जिसमें पहले दो महीने अनिवार्य मॉडड्ढूल के रूप में और शेष चार वैकल्पिक के रूप में होंगे।
  • विभिन्न पेशेवर और शैक्षणिक पृष्ठभूमि के सलाहकार दो से पांच छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे। वे अपने ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करके छात्रों को उनके समग्र व्यक्तित्व विकास में मदद करेंगे।
  • अभिनेता सोनू सूद इस कार्यक्रम के ब्रांड एंबेसडर होंगे।

दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली परियोजना

दिल्ली सरकार ने 5 अक्टूबर, 2021 को अपनी महत्वाकांक्षी ‘स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली परियोजना’ (Health Information Management System project) को वित्तीय मंजूरी दी।

  • परियोजना के हिस्से के रूप में, प्रत्येक नागरिक के पास एक स्वास्थ्य कार्ड होगा, जिसमें उनकी चिकित्सा संबंधित जानकारी होगी।
  • डॉक्टर कार्ड का उपयोग करके मरीज की मेडिकल हिस्ट्री देख सकेंगे और मरीज घर से ही अपॉइंटमेंट ले सकेंगे।
  • 1 से 18 वर्ष के बीच के सभी नागरिकों को उनके माता-पिता के स्वास्थ्य कार्ड से जुड़ा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा।
  • सभी नवजात शिशुओं (1 वर्ष तक) को उनकी मां के स्वास्थ्य कार्ड से जोड़ा जाएगा।
  • वायु प्रदूषकों पर अध्ययन हेतु दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर के बीच समझौता
  • 22 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली सरकार ने दिल्ली में वायु प्रदूषकों पर स्रोत विभाजन और पूर्वानुमान अध्ययन के लिए आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
  • दिल्ली मंत्रिमंडल ने इससे पहले ‘दिल्ली में अग्रिम वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए रियलटाइम स्रोत विभाजन और पूर्वानुमान’ नामक परियोजना को मंजूरी दी थी। आईआईटी कानपुर और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • द्वितीयक कार्बनिक और अकार्बनिक एरोसॉल, आणविक मार्कर और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन के साथ, साप्ताहिक, मासिक और मौसमी आधार पर वायु गुणवत्ता का विश्लेषण किया जाएगा।
  • स्रोत विभाजन परियोजना से शहर में प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने में मदद मिलने की उम्मीद है और वाहनों के उत्सर्जन, उद्योगों, धूल और बायोमास जलने जैसे विभिन्न स्रोतों के प्रभाव का आकलन करने में मदद मिल सकती है।
  • ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, मौलिक और कार्बनिक कार्बन और अन्य कार्बनिक यौगिकों की भी निगरानी की जाएगी।