तमिलनाडु

करुप्पुर कलमकारी पेंटिंग और कल्लाकुरिची लकड़ी की नक्काशी को जीआई टैग

अक्टूबर 2021 में तमिलनाडु के, पारंपरिक डाई-पेंटेड (dye -painted) आलंकारिक और पैटर्न वाले कपड़े ‘करुप्पुर कलमकारी पेंटिंग’ (Karuppur 'kalamkari paintings) और ‘कल्लाकुरिची की लकड़ी की नक्काशी’ (wood carvings of Kallakurichi) को भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग प्राप्त हुआ है।

कलमकारी पेंटिंगः यह शुद्ध सूती कपड़े पर की जाती है, जो मुख्य रूप से मंदिरों में छाता कवर और रथ कवर के लिए उपयोग की जाती हैं।

  • पेंटिंग एक सूती कपड़े पर बांस के पेड़ और नारियल के पेड़ के तनों से बने पेन या ब्रश का उपयोग करके जटिल रूप से बनाई जाती हैं।
  • कलमकारी पेंटिंग अरियालुर जिले के करुप्पुर एवं उसके आसपास के गांवों में और तंजावुर जिले में की जाती है।
  • दस्तावेजी साक्ष्यों से पता चलता है कि कलमकारी पेंटिंग 17वीं शताब्दी की शुरुआत में नायक शासकों के संरक्षण में विकसित हुई।

कल्लाकुरिची लकड़ी की नक्काशीः यह लकड़ी की नक्काशी का एक अनूठा रूप है, जिसमें शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक शैलियों से प्राप्त अलंकरण और डिजाइनों का उपयोग किया जाता है।

  • इस लकड़ी की नक्काशी में शिल्पकार पारंपरिक डिजाइनों का उपयोग करके मंदिर से संबंधित वस्तुओं और फर्नीचर को भी तराशने में माहिर होते हैं।
  • कल्लाकुरिची लकड़ी की नक्काशी मुख्य रूप से कल्लाकुरिची जिले के कल्लाकुरिची, चिन्नासेलम और थिरुकोविलूर तालुकों में प्रचलित है।
  • लकड़ी की नक्काशी का यह कौशल एक स्वदेशी कला के रूप में तब विकसित हुआ, जब श्मदुरैश् प्राचीन काल में विभिन्न राजशाही शासनों के तहत एक महत्वपूर्ण शहर था।

चेन्नई सिटी पार्टनरशिपः सस्टेनेबल अर्बन सर्विसेज प्रोग्राम

अक्टूबर 2021 में विश्व बैंक ने तमिलनाडु सरकार के ‘चेन्नई सिटी पार्टनरशिपः सस्टेनेबल अर्बन सर्विसेज प्रोग्राम’ (Chennai City Partnership: Sustainable Urban Services Programme) का समर्थन करने के लिए 150 मिलियन डॉलर ऋण की मंजूरी दी है।

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य संस्थानों को मजबूत करना, सेवा एजेंसियों के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार करना और चार प्रमुख शहरी सेवाओं - जल आपूर्ति और सीवरेज, परिवहन, स्वास्थ्य और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित जल संसाधन प्रबंधन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार करना है।
  • यह कार्यक्रम तमिलनाडु सरकार का समर्थन करने के साथ ही चेन्नई को कम कार्बन और अधिक लचीला विकास पथ पर अग्रसर करेगा।
  • यह कार्यक्रम शहरी परिवहन के हरित माध्यम - बस, पैदल चलने और साइकिल के साथ-साथ उनकी गुणवत्ता और इंटर-कनेक्टिविटी में सुधार का विस्तार करेगा।

जीके फ़ैक्ट

  • चेन्नई महानगर क्षेत्र, में लगभग 10.9 मिलियन लोग रहते हैं, जो भारत का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला महानगरीय क्षेत्र है।

कन्याकुमारी लौंग ने हासिल किया जीआई टैग

कन्याकुमारी के मसाला उत्पादकों ने जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जा रही लौंग के लिए भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग प्राप्त किया है, जो अपनी समृद्ध सुगंधित तेल सामग्री के लिए जाना जाता है।

  • लौंग, कन्याकुमारी जिले की प्रमुख मसाला फसलों में से एक है, जो वीरापुली आरक्षित वन और महेंद्रगिरि के पश्चिमी घाटों में मारामलाई, ब्लैकरॉक और वेलिमलाई के घने जंगलों वाले क्षेत्रों में 760 हेक्टेयर में उगाई जाती है।
  • भारत में कुल 1,100 टन लौंग के उत्पादन में से, तमिलनाडु में 1,000 टन के करीब उत्पादन होता है, जिसमें से 65% से अधिक कन्याकुमारी जिले में उगाया जाता है।