विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति रिपोर्ट 2022

6 जुलाई, 2022 को जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुपोषित लोगों की संख्या पिछले 15 वर्षों में घटकर 2019-2021 में 224.3 मिलियन हो गई है।

महत्वपूर्ण तथ्यः हालांकि, दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत में मोटापे से ग्रस्त वयस्कों और एनीमिक (Anaemic) से ग्रसित महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है।

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कुपोषित लोगों की संख्या 2019-21 में घटकर 224.3 मिलियन हो गई, जो 2004-06 में 247.8 मिलियन थी। रिपोर्ट के अनुसार 5 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 2020 में घटकर 36.1 मिलियन हो गई, जो 2012 में 52.3 मिलियन थी।
  • अधिक वजन वाले 5 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 2012 में 3 मिलियन से घटकर 2020 में 2.2 मिलियन हो गई।
  • भारत में मोटे वयस्कों की संख्या 2016 में बढ़कर 34.3 मिलियन हो गई, जो 2012 में 25.2 मिलियन थी और एनीमिया से प्रभावित 15 से 49 वर्ष की आयु की महिलाओं की संख्या भी 2019 में बढ़कर 187.3 मिलियन हो गई, जो 2012 में 171.5 मिलियन थी।
  • रिपोर्ट के अनुसार 2020 में 5 महीने तक विशेष रूप से स्तनपान कराने वाले शिशुओं की संख्या 14 मिलियन तक पहुंच गई, जो 2012 में 11.2 मिलियन थी।
  • भारत में कुल जनसंख्या में कुपोषण का प्रसार 2004-06 में 21.6% था और 2019-21 में घटकर 16.3% हो गया, जिसमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग (stunting) की व्यापकता घटकर 30.9% हो गई।
  • भारत की वयस्क आबादी में मोटापे की व्यापकता 2012 में 3.1 प्रतिशत से बढ़कर 2016 में 3.9 प्रतिशत हो गई।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष (International Fund for Agricultural Development), यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme) और खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा जारी विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में दुनिया भर में 828 मिलियन लोग भूख से पीड़ित थे।

रिपोर्ट एवं सूचकांक