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प्रोफेसर मनीषा एस. इनामदार

भारतीय स्टेम सेल एवं विकासात्मक जीवविज्ञानी प्रोफेसर मनीषा एस. इनामदार मानव ‘जीनोम संपादन’ के प्रशासन और निगरानी के लिए वैश्विक मानक विकसित करने से संबंधित ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन की विशेषज्ञ सलाहकार समिति’ का हिस्सा रही हैं।

  • इस विशेषज्ञ सलाहकार समिति ने सुरक्षा, प्रभावशीलता और नैतिकता पर जोर देते हुए मानव जीनोम संपादन का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में करने में मदद देने के उद्देश्य से पहली वैश्विक सिफारिशें वाली दो नई सहयोगी रिपोर्टें जारी की।
  • 12 जुलाई, 2021 को जारी की गई इन रिपोर्टों में संस्थागत, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर मानव जीनोम संपादन प्रौद्योगिकी के अनुसंधान और संभावित अनुप्रयोग से जुड़े निगरानी तंत्र के लिए एक अग्रगामी सोच वाले प्रशासन से संबंधित रूपरेखा शामिल है।
  • प्रोफेसर मनीषा एस. इनामदार बेंगलुरू स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च, जोकि कृत्रिम परिवेश में स्टेम सेल में हेरफेर करने के लिए जीन-संपादन उपकरण का उपयोग करता है, में अनुसंधान कर रही हैं।

हेनरिटा फोरे

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 12 जुलाई, 2021 को यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोरे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उन्होंने पारिवारिक स्वास्थ्य समस्या के चलते इस्तीफा दिया है।

  • हेनरिटा फोरे यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (USAID) की प्रमुख बनने वाली पहली महिला हैं। वह 1 जनवरी, 2018 को यूनिसेफ की प्रमुख बनी थीं।
  • फोरे ने इससे पहले 2001-2005 तक यूएस मिंट के निदेशक के रूप में, 2005-2007 तक प्रबंधन के लिए यूएस अंडरसेक्रेटरी के रूप में और 2007-2009 तक तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के प्रशासन के दौरान USAID प्रशासक के रूप में कई कंपनियों को चलाया।
  • उत्तराधिकारी चुने जाने तक फोरे यूनिसेफ में पद पर बने रहेंगी।
  • यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक की नियुक्ति संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा संगठन के कार्यकारी बोर्ड के परामर्श से की जाती है।

जीके फ़ैक्ट

  • यूनिसेफ ‘संयुक्त राष्ट्र बाल कोष’ है, जिसे संयुक्त राष्ट्र बाल आपातकालीन कोष (UNICEF) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है, जो दुनिया भर में बच्चों को मानवीय और विकासात्मक सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। 11 दिसंबर, 1946 को, संयुक्त राष्ट्र ने द्वितीय विश्व युद्ध में तबाह हुए देशों में बच्चों और माताओं को आपातकालीन स्थिति में भोजन और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यूनिसेफ की स्थापना की थी।