श्रीलंका के संविधान का 20वां संशोधान पारित
- हाल ही में श्रीलंका की संसद ने दो-तिहाई बहुमत के साथ विवादास्पद 20वां संविधान संशोधन पारित कर दिया।
प्रमुख बिन्दु
- 20वें संशोधन द्वारा वर्ष 2015 में पारित किये गए 19वें संशोधन को निरस्त कर दिया गया है। 19वें संविधान संशोधन के द्वारा राष्ट्रपति को प्राप्त शक्तियों को कम करके संसद को ज्यादा शत्तिफ़शाली बनाया गया था।
- इस संशोधन के द्वारा कार्यकारी राष्ट्रपति की शत्तिफ़यों में विस्तार किया गया है तथा अधिक प्रतिरक्षा प्रदान की गयी है।
- श्रीलंकाई संविधान में 18वें संशोधन द्वारा राष्ट्रपति को काफी शक्तिशाली बना दिया गया था। इस नए संशोधन के पश्चात प्रधानमंत्री की भूमिका सिर्फ नाममात्र ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आतंकवाद वित्तपोषण के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय से जुड़ा ईरान
- 2 नया रणनीतिक ईयू–भारत एजेंडा
- 3 सेविला ऋण फोरम का शुभारंभ
- 4 नाटो के ईंधन पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ेगा पोलैंड
- 5 गज़ा में संघर्षविराम हेतु गज़ा घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर
- 6 भारत COP10 ब्यूरो का उपाध्यक्ष पुनः निर्वाचित
- 7 अरावली सम्मेलन 2025
- 8 स्प्रैटली द्वीपसमूह
- 9 कोरल ट्राएंगल
- 10 अधिक वज़न और मोटापे का वैश्विक परिदृश्य
- 1 भारत-म्यांमार द्विपक्षीय सहयोग
- 2 भारत-अमेरिका के मध्य तीसरी टू-प्लस-टू वार्ता
- 3 भारत अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के शाषी निकाय का अध्यक्ष बना
- 4 G20 भ्रष्टांचार-निरोधीकार्यसमूह की बैठक
- 5 नवीन H-1B पर प्रतिबंधएवं भारत पर प्रभाव
- 6 भारत-मध्य एशिया की दूसरी संयुक्त वार्ता
- 7 इजराइल-सूडान के मध्य शांति समझौता
- 8 थाईलैंड में सरकार विरोधी प्रदर्शन
- 9 पाकिस्तान एफ़एटीएफ़ ग्रे लिस्ट में बरकरार

