सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल दिसंबर 2020

निबन्ध

संविधान की पवित्रता अनिवार्य रूप से धर्मनिरपेक्षता की पुष्टि में निहित है

विवेक उपाध्यायसंविधान का मूल कार्य बुनियादी नियमों का ऐसा समूह उपलब्ध कराना है, जिससे समाज के सदस्यों के बीच न्यूनतम भरोसा और समन्वय बना रहे। भारतीय संविधान का उद्देश्य एक लोकतांत्रिक व्यवस्था का निर्माण करना है। लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसका सही अर्थों में लाभ तभी सामने आ सकता है, जब हम अपने समाज की मानसिकता को बदलने में समर्थ हो जाएं, यानी उसे उस असुरक्षा से मुक्त कर पाएं जो उसे जाति, धर्म, संप्रदाय और क्षेत्रीयता के दायरे में बने रहने को मजबूर करती हैं। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन ने अपने अनुभवों में साम्प्रदायिकता को सबसे बड़ी चुनौती के

राष्ट्रीय परिदृश्य

इन फोकस

अंतरराज्यीय नदी जल विवादः उपबंध एवं सुझाव

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सरकारों के साथ चर्चा के बाद केंद्र सरकार द्वारा कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड (KRMB) तथा गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड (GRMB) के अधिकार क्षेत्र के संबंध में अधिसूचना जारी करने का निर्णय लिया गया। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा 6 अक्टूबर, 2020 को कृष्णा एवं गोदावरी नदी जल प्रबंधन बोर्ड की शीर्ष परिषद की दूसरी बैठक में भाग लेने के बाद प्रदान की गई। केंद्रीय मंत्री ने इस बैठक में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच उत्पन्न सभी मुद्दों पर चर्चा की। कृष्णा नदी प्रबंधन बोर्ड तथा गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड

न्यायालय की अवमानना एवं इससे संबंधित मुद्दे

2 नवंबर, 2020 को अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने न्यायपालिका के विरुद्ध आरोपों को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही के लिए सहमति देने से इनकार किया। यद्यपि अटॉर्नी जनरल ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने पर सहमति नहीं दी, परन्तु न्यायपालिका के खिलाफ उनके आचरण को प्रथमदृष्टया अवज्ञाकारी माना। एजी ने न्यायपालिका के खिलाफ जगन मोहन रेड्डी के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार कल्लम द्वारा संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके पत्र की सामग्री सार्वजनिक करना संदेह पैदा करता है। अटॉर्नी जनरल, सुप्रीम

राष्ट्रीय मुद्दे

राजव्यवस्था

गुजरात का संशोधित अशांत क्षेत्र अधिनियम

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुजरात विधानसभा द्वारा जुलाई 2019 में पारित किये गये संशोधित अशांत क्षेत्र अधिनियम (amended Disturbed Areas Act) को हाल ही में मंजूरी दे दी। संशोधन विधेयक 'गुजरात अचल संपत्ति के हस्तांतरण का निषेध एवं अशांत क्षेत्रों में परिसर से किरायेदारों की बेदखली से संरक्षण का प्रावधान अधिनियम' 1991 में संशोधन करता है। 1991 का यह कानून गुजरात का एक विवादास्पद कानून है जिसे 'अशांत क्षेत्र अधिनियम' के नाम से भी जाना जाता है। यह अधिनियम घोषित अशांत क्षेत्रों में जिला कलेक्टर की पूर्व स्वीकृति के बिना एक धार्मिक समुदाय के सदस्यों द्वारा दूसरे समुदाय

कार्यक्रम एवं पहल

स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड का वितरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'स्वामित्व योजना' (SVAMITVA Scheme) के तहत 'संपत्ति कार्ड (Property Cards) के भौतिक वितरण' की शुरुआत की। इस शुरुआत से तत्काल लगभग एक लाख संपत्ति धारक, मोबाइल फोन पर भेजे गए एसएमएस लिंक के माध्यम से अपने संपत्ति कार्ड डाउनलोड करने में सक्षम होंगे तथा इसके बाद संबंधित राज्य सरकारों द्वारा संपत्ति कार्डों का भौतिक वितरण किया जाएगा। ये लाभार्थी 6 राज्यों के 763 गाँवों से हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के 2 लोग

स्कूली शिक्षा में सुधार हेतु स्‍टार्स परियोजना

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 अक्टूबर, 2020 को 5,718 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली ‘स्ट्रेंथनिंग टीचिंग-लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स’ (Strengthening Teaching-Learning and Results for States) यानी स्टार्स परियोजना (STARS) के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी। इस परियोजना में लगभग 3700 करोड़ रुपये (500 Million USD) की वित्तीय सहायता विश्व बैंक द्वारा प्रदान की जाएगी। इसी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के तहत एक स्वतंत्र एवं स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में राष्ट्रीय आकलन केन्द्र- परख (National Assessment Centre- PARAKH) की स्थापना व सहायता को भी मंजूरी दे दी। स्टार्स परियोजना का उद्देश्य: चयनित राज्यों में स्कूली

चारधाम सड़क परियोजना

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष ने हाल ही में चारधाम सड़क परियोजना (Chardham Road Project) के निष्पादन में अदालत के आदेशों का उल्लंघन का आरोप लगाया है। इस परियोजना का एक विवादास्पद पहलू दो-लाइन वाले परिकल्पित राजमार्गों की प्रस्तावित चौड़ाई थी। विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के बीच इसकी चौड़ाई को लेकर मतभेद था. कुछ सदस्यों का कहना था कि इसकी चौड़ाई केवल 5.5 मीटर होनी चाहिए वहीं अन्य सदस्यों का मानना था कि यह इससे अधिक चौड़ी होनी चाहिए। चार धाम राष्ट्रीय राजमार्ग केंद्र की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चीन सीमा और चार धामों तक पहुंचने वाली सड़कों

सूचकांक एवं रिपोर्ट

विरासत एवं संस्कृति

सिंधु घाटी सभ्यता में डेयरी उत्पादन

हाल ही में किये गए एक नये अध्ययन से यह पता चला है कि 2500 ईसा पूर्व में हड़प्पावासियों द्वारा डेयरी वस्तुओं का उत्पादन किया जाता था। यह अध्ययन वैज्ञानिक प्रकाशन समूह नेचर रिसर्च के साइंटिफिक रिपोर्ट्स (Scientific Reports) नामक जर्नल में 30 सितंबर, 2020 को प्रकाशित किया गया। प्राचीन बर्तनों पर अवशेषों का विश्लेषण करके शोधकर्ताओं ने डेयरी उत्पाद प्रसंस्करण के शुरुआती प्रत्यक्ष प्रमाण दिखाये। इस प्रकार यह अध्ययन सिंधु घाटी सभ्यता की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ताजा प्रकाश डालता है। अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष पुरातात्विक स्थल: वर्तमान गुजरात के एक छोटे से पुरातत्व स्थल कोटड़ा भादली (Kotada Bhadli) से प्राप्त मिट्टी के

संस्थान एवं निकाय

बाल गृहों में रहने वाले बच्चों का उनके परिवारों को प्रत्यावर्तन

9 अक्टूबर, 2020 को सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) से देखभाल गृहों में रहने वाले बच्चों को उनके परिवारों को सौंपने से सम्बंधित निर्देश पर जवाब मांगा। मामला क्या है? दरअसल आयोग द्वारा 8 राज्यों को स्थानीय बाल कल्याण समितियों के अंतर्गत देखभाल गृहों में रहने वाले बच्चों का उनके परिवारों को 'तत्काल प्रत्यावर्तन' का निर्देश दिया गया था। एनसीपीसीआर द्वारा यह निर्देश तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मिजोरम, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और मेघालय को दिया गया था। संयुक्त रूप से इन राज्यों के देखभाल गृहों में 1.84 लाख बच्चे हैं। जो कि सभी देखभाल गृहों में रहने

भारत ऊर्जा मॉडलिंग फ़ोरम

8 अक्टूबर, 2020 को नीति आयोग ने यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक एनर्जी पार्टनरशिप के तहत गठित 'भारत ऊर्जा मॉडलिंग फ़ोरम' (India Energy Modelling Forum- IEMF) की शासी संरचना (governing structure) की घोषणा की। भारत एनर्जी मॉडलिंग फ़ोरम का गठन 2 जुलाई, 2020 को संयुक्त रूप से नीति आयोग तथा यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) द्वारा किया गया था। यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक एनर्जी पार्टनरशिप के सतत विकास स्तंभ के अंग के तौर पर आईईएमएफ का लक्ष्य भारतीय शोधकर्ताओं, ज्ञान संपदा के साझेदारों, थिंक टैंक, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सरकारी एजेंसियों और विभागों को मॉडलिंग और दीर्घकालिक ऊर्जा योजना निर्माण से जोड़ना है। फोरम के उद्देश्य:ऊर्जा और

संक्षिप्तिकी

जम्मू एवं कश्मीर में जिला विकास परिषदों की स्थापना

जम्मू एवं कश्मीर में जिला विकास परिषदों (District Development Councils- DDC) की स्थापना के लिए केंद्र सरकार ने 17 अक्टूबर, 2020 को जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 में संशोधन किया। जिला विकास परिषदों के सदस्य इस केंद्र शासित प्रदेश में सीधे मतदाताओं द्वारा चुने जाएंगे। जिले के अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त डीडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे। डीडीसी क्या है? जिला विकास परिषद, जम्मू एवं कश्मीर में शासन की एक नई इकाई बनने जा रही है। इस संरचना में एक डीडीसी तथा एक जिला योजना समिति (DPC) शामिल होगी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राज्य में निर्वाचित जिला विकास परिषदों की स्थापना के लिए

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने 3 नवंबर, 2020 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) की सविस्तार समीक्षा बैठक की। पीएमबीजेपी ने चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों (31 अक्टूबर तक) में 6600 जन औषधि दुकानों के माध्यम से 358 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2019 में 433 करोड़ रुपये की बिक्री की तुलना में) के फार्मा उत्पादों की बिक्री की। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का उद्देश्य भारत के प्रत्येक नागरिक को किफायती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराकर उनके स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को कम करना है। किफायती दवाओं की

आर्थिक परिदृश्य

इन फोकस

प्राकृतिक गैस हेतु विपणन सुधार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गैस आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 7 अक्टूबर, 2020 को ‘प्राकृतिक गैस विपणन सुधारों’ (Natural Gas Marketing Reforms) को मंजूरी दी। इस नीति ने खुली, पारदर्शी और इलैक्ट्रॉनिक बोली को ध्यान में रखते हुए सम्बद्ध कम्पनियों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत दी है। उत्पादन से जुड़ी नीतियों की सम्पूर्ण पारिस्थितिकी प्रणाली, प्राकृतिक गैस के बुनियादी ढांचे और मार्केटिंग को अधिक पारदर्शी बनाया गया है जिसमें कारोबार को सुगम बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुधार

मुद्रा-बैंकिंग

बीमा क्षेत्र

बीमा लोकपाल कार्यालयों में नोडल अधिकारी की नियुक्ति

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के सामान्य बीमाकर्ताओं को 17 बीमा लोकपाल कार्यालयों (Insurance Ombudsman Offices) में से प्रत्येक के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की सलाह दी गई। बीमा विनियामक प्राधिकरण द्वारा शिकायतों के उचित व समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया। दरअसल बीमा लोकपालों द्वारा किसी जिम्मेदार अधिकारी की अनुपस्थिति में इन बीमा कंपनियों के मामलों से निपटने में कठिनाइयों का हवाला दिया गया था, जिसके चलते आईआरडीएआई ने यह सलाह प्रस्तुत की। बीमा लोकपाल क्या है? बीमित ग्राहकों की शिकायतों के त्वरित निपटान तथा शिकायतों के

मानक व्यक्तिगत टर्म इंश्योरेंस: सरल जीवन बीमा

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 'सरल जीवन बीमा' (Saral Jeevan Bima) नामक एक मानक व्यक्तिगत सावधि जीवन बीमा (Standard Individual Term Life Insurance) योजना तैयार की है; हाल ही में इससे संबंधित दिशानिर्देशों की घोषणा की गई। सभी जीवन बीमा कंपनियों को अनिवार्य रूप से 1 जनवरी, 2021 से इस मानक टर्म इंश्योरेंस की शुरुआत करनी होगी। मुख्य विशेषताएं सरल जीवन बीमा नामक यह बीमा उत्पाद, एक गैर-लिंक्ड (Non-linked), गैर-सहभागी (Non-participating) व्यक्तिगत विशुद्ध जोखिम प्रीमियम लाइफ इंश्योरेंस योजना है। यह टर्म इंश्योरेंस योजना, बीमा अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाने की स्थिति में

कृषि एवं संबंधित क्षेत्र

योजना/परियोजना

ट्राइफेड की टेक फॉर ट्राइबल पहल

13 अक्टूबर, 2020 को ट्राइफेड (TRIFED) ने छत्तीसगढ़ लघु वन उपज फेडरेशन (Chhattisgarh MFP Federation) तथा आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के साथ मिलकर ‘आदिवासियों के लिए तकनीक’ पहल (Tech For Tribals initiative) की शुरुआत की। जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था-ट्राइफेड द्वारा यह कार्यक्रम ‘उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम’ (ESDP programme) के तहत शुरू किया गया। लक्ष्य एवं उद्देश्य वन धन विकास केंद्रों (VDVKs) के माध्यम से संचालित होने वाले स्वयं सहायता समूहों की सहायता से उद्यमिता विकास, सॉफ्ट स्किल, सूचना प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ आदिवासियों का समग्र विकास करना।

उद्योग एवं व्यापार

रेगुलेटरी सैंडबॉक्स का संचालन

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) ने नवीन फिनटेक समाधानों (FinTech solutions) का लाभ उठाने के उद्देश्य से हाल ही में रेगुलेटरी सैंडबॉक्स (Regulatory Sandbox) की एक रुपरेखा प्रस्तुत की। यह रेगुलेटरी सैंडबॉक्स गिफ्ट सिटी में स्थित आईएफएससी के भीतर संचालित होगा। आईएफएससीए (IFSCA), गांधीनगर की गिफ्ट सिटी में स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में एक विश्व स्तरीय फिनटेक हब विकसित करने के उद्देश्य से बैंकिंग, बीमा, प्रतिभूतियों और फंड प्रबंधन से जुड़े वित्तीय उत्पादों और वित्तीय सेवाओं में वित्तीय तकनीकी पहलों (FinTech Initiatives) को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। इसी लक्ष्य को हासिल करने की दिशा

अवसंरचना

राष्ट्रीय कार्यक्रम एवं परियोजना प्रबंधन नीति की रूपरेखा

हाल ही में नीति आयोग तथा भारतीय गुणवत्ता परिषद (Quality Council of India-QCI) ने भारत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को निष्पादित करने के तरीकों में महत्वपूर्ण सुधार लाने की अवधारणा के उद्देश्य से ‘नेशनल प्रोग्राम एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पॉलिसी फ्रेमवर्क’ (NPMPF) पहल का शुभारंभ किया। अवसंरचना क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता भारत को अपनी आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2040 तक लगभग 4.5 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी। बुनियादी ढांचे के विकास संबंधी चुनौतियों से निपटने तथा बाधाओं को दूर कर परियोजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम और

जहाजों के पुनर्चक्रण हेतु राष्ट्रीय प्राधिकरण

केन्द्र सरकार ने हाल ही में ‘जहाज पुनर्चक्रण अधिनियम, 2019’ (Recycling of Ships Act, 2019) की धारा 3 के तहत नौवहन महानिदेशालय (DG Shipping) को ‘जहाजों के पुनर्चक्रण हेतु राष्ट्रीय प्राधिकरण’ (National Authority for Recycling of Ships) के रूप में अधिसूचित किया। ‘नेशनल अथॉरिटी ऑफ शिप रिसाइक्लिंग’ की स्थापना गुजरात के गांधीनगर में की जाएगी। इस प्राधिकरण की अवस्थिति गुजरात के अलंग में स्थित जहाज पुनर्चक्रण यार्ड मालिकों को लाभ प्रदान करेगी। विदित हो कि गुजरात का अलंग जहाजों को तोड़ने तथा इनके पुनर्चक्रण उद्योग का एशिया का सबसे बड़ा स्थल है। मुख्य बिंदु एक शीर्ष निकाय के रूप में

विविध

भू-स्वामित्व मॉडल कानून का मसौदा जारी

हाल ही में, नीति आयोग ने राज्यों के लिए मॉडल अधिनियम का एक मसौदा जारी किया| यह मॉडल अधिनियम देश में भूमि के स्वामित्व में मुकदमेबाजी को कम से कम करने के साथ ही आधारभूत परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आसान बनाएगा| मुख्य बिन्दु इस मसौदा मॉडल अधिनियम और इसके नियमों से राज्य सरकारों को अचल संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की प्रणाली की स्थापना, प्रशासन और प्रबंधन की शक्ति प्राप्त होगी। इस मसौदे का उद्देश्य बड़ी संख्या में जमीन से संबंधित मुकदमों में कमी लाना और आधारभूत परियोजनाओं के लिए भूमि-अधिग्रहण में सुधार लाना है। भू-स्वामित्व मॉडल कानून के

पीआईबी कॉर्नर

पीआईबी कॉर्नर

आधारभूत ढांचा प्रबंधन प्रणालीः यह महसूस करते हुए कि स्वचालन (Automation) द्वारा ही सभी हितधारकों को सशक्त, पारदर्शी तथा जवाबदेही उन्मुख बनाकर सशक्त किया जा सकता है, भारतीय सेना ने हाल ही में ‘आधारभूत ढांचा प्रबंधन प्रणाली’ (Infrastructure Management System) नामक एक सॉफ्टवेयर की शुरुआत की। इस प्रणाली का उद्घाटन चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ द्वारा सेना कमांडर सम्मेलन के दौरान 28 अक्टूबर, 2020 को किया गया।एनपीएमपीएफ़ का शुभारंभः भारत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को निष्पादित करने के तरीकों में महत्वपूर्ण सुधार लाने की अवधारणा के तहत नीति आयोग तथा भारतीय गुणवत्ता परिषद ने 28 अक्टूबर, 2020 को ‘नेशनल प्रोग्राम एंड

अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं संगठन

इन फोकस

भारत और जापान के मध्य सहयोग समझौता

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और जापान के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक सहयोग समझौते (MoC) पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी। यह भारत और जापान के मध्य 5G तकनीक, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा। सहयोग समझौते का महत्त्व यह सहयोग समझौता (MoC) दोनों देशों के मध्य साइबरस्पेस क्षेत्र में क्षमता निर्माण, महत्त्वपूर्ण अवसंरचना की सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग, साइबर सुरक्षा खतरों/घटनाओं और दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा करने तथा उनका मुकाबला करने

भारत के पड़ोसी देश

भारत-म्यांमार द्विपक्षीय सहयोग

हाल ही में भारत के केंद्रीय विदेश सचिव और थल सेनाध्यक्ष की दो दिवसीय म्यांमार यात्रा के दौरान दोनों देशों के मध्य कई महत्त्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रमुख बिंदु दो दिवसीय यात्रा के दौरानभारत के केंद्रीय विदेश सचिव और सेना प्रमुख ने म्यांमार की प्रमुख आंग सान सू की और कमांडर इन चीफ ऑफ डिफेंस सर्विसेज़ से मुलाकात की। केंद्रीय विदेश सचिव द्वारा म्याँमार की राजधानी नैपीडॉ (Naypyidaw) में एक संपर्क कार्यालय का उद्घाटन किया गया है। भारत द्वारा COVID-19 से लड़ने में म्यांमारको सहयोग के रूप में रेमडेसिविर (Remdesivir) प्रदान करने तथा COVID-19 वैक्सीन की उपलब्धता के बाद इसे अन्य

द्विपक्षीय संबंध

भारत-अमेरिका के मध्य तीसरी टू-प्लस-टू वार्ता

हाल ही में भारत-अमेरिका के मध्य विदेश और रक्षा मंत्रियों के नेतृत्त्व में तीसरी टू-प्लस-टू वार्ता (2+2 Dialogue) नई दिल्ली में आयोजित की गई। प्रमुख बिंदु टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों के मध्य 5 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण समझौता भू-स्थानिक सहयोग के लिये बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौता (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo-Spatial cooperation- BECA) है। भारत और अमेरिका के मध्य टू प्लस टू वार्ताएक उच्चतम स्तर का संस्थागत तंत्र है जो दोनों देशों के मध्य सुरक्षा, रक्षा तथा रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा के लिये मंच प्रदान करता है। दोनों देशों के मध्य टू-प्लस-टू वार्तावर्ष

संगठन एवं फोरम

भारत अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के शाषी निकाय का अध्यक्ष बना

भारत और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के मध्य 100 वर्षों के उपयोगी संबंधों के एक नए अध्याय को चिह्नित करते हुएभारत ने 35 वर्षों बाद अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के शाषी निकाय की अध्यक्षता ग्रहण की। प्रमुख बिन्दु श्रम और रोजगार सचिव अपूर्व चंद्रा को अक्टूबर 2020 से जून 2021 तक की अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन(International Labour Organization-ILO) के शाषी निकाय के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। आईएलओ के शाषी निकाय का अध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर का महत्त्वपूर्ण पद है। शाषी निकाय (Governing Body-GB) आईएलओ का शीर्ष कार्यकारी निकाय है जो नीतियों, कार्यक्रमों, एजेंडों औरबजट का निर्धारण करता है तथा महानिदेशक

G20 भ्रष्टांचार-निरोधीकार्यसमूह की बैठक

सऊदी अरब की अध्यक्षता में पहली बार G20 भ्रष्टाचार-निरोधी कार्यसमूह (Anti-Corruption Working Group – ACWG) की मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई। भारत के केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री ने इस बैठक में हिस्सा लिया। भ्रष्टाचार-निरोधी कार्यसमूह भ्रष्टाचार-निरोधी कार्यसमूह का गठन वर्ष 2010 में टोरंटो शिखर सम्मेलन के दौरान G20 के नेताओं द्वारा किया गया था। उद्देश्य: भ्रष्टाचार से निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में जी20 देशों द्वारा व्यावहारिक और मूल्यवान योगदान जारी रखने और उस पर विचार के लिये व्यापक स्तर पर सिफारिशें देना। यहभ्रष्टाचार-निरोधी कार्य योजनाओं को अपडेट करने और कार्यान्वित करने के लिए जिम्मेदार है तथा इसका उत्तरदायित्व G20 नेताओं के प्रति

रिपोर्ट एवं सूचकांक

दक्षिण एशिया में कोविड-19 के प्रभाव पर विश्व बैंक की रिपोर्ट

हाल ही में विश्व बैंक द्वारा बीटन ऑर ब्रोकन: इन्फॉर्मैलिटी एंड कोविड-19 इन साउथ एशिया(Beaten or broken: Informality and COVID-19 Report) नामक एक रिपोर्ट जारी की गयी है। इस रिपोर्ट में कोविड-19 के कारण स्कूलों के बंद होने तथा अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों की समीक्षा की गई है। प्रमुख बिन्दु विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार COVID-19 महामारी के कारण दक्षिण एशिया में लगभग 55 लाख बच्चे स्कूलों छोड़ सकते हैं। विश्व बैंक के अनुसारइस महामारी के दौरान स्कूलों में पंजीकृत बच्चों के लिये सीखने के अवसरों में कमी ने भारी नुकसान पहुंचाया है। स्कूली तंत्र से बाहर हुए बच्चों के कारण दक्षिण

पॉवर्टी एंड शेयर प्रॉस्पेरिटीरिपोर्ट: विश्व बैंक

विश्व बैंक ने हाल ही में ‘गरीबी और साझा समृद्धि: भाग्य की वापसी’ (Poverty and Shared Prosperity: Reversal of Fortune) नामक द्विवार्षिकरिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण दो दशकों में पहली बारवैश्विक गरीबी दर में बढ़ोतरी होगी। प्रमुख बिन्दु गरीबी और साझा समृद्धि रिपोर्ट (Poverty and Shared Prosperity Report): वैश्विक गरीबी और साझा समृद्धि के रुझानों पर नवीनतम और सबसे सटीक अनुमान के साथ एक वैश्विक दृश्य प्रदान करती है। रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 के कारण शहरी निर्धन वर्ग सबसे अधिक प्रभावित होगा;साथ ही महामारी का सबसे अधिक प्रभाव अनौपचारिक और विनिर्माण क्षेत्र में

विदेश नीति

भारत-मध्य एशिया की दूसरी संयुक्त वार्ता

हाल ही में भारत-मध्य एशिया के बीच दूसरी वार्ता को डिजिटल वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित से गया। इस बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की। इस वार्ता के दौरान भारत ने मध्य एशिया में विकास परियोजनाओं हेतु एक अरब डॉलर की सहायता देने की घोषणा की। प्रमुख बिन्दु इस वार्ता में कजाखिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री और किर्गिज गणराज्य के प्रथम उप विदेश मंत्री शामिल थे। अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री विशेष अतिथि के रूप में वार्ता में शामिल हुए। इस वार्ता में मध्य एशियाई गणराज्यों ने संयुक्त रूप से अफगानिस्तान में शांति वार्ता के

अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम

मिशन एवं युद्धाभ्यास

मालाबार नौसैनिक अभ्यासमें ऑस्ट्रेलिया सम्मिलित

हाल ही में रक्षा मंत्रलय ने घोषणा की है कि मालाबार 2020 नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया भी सम्मिलित होगा। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब पूर्वी लद्दाख में भारत का चीन के साथ गतिरोध चल रहा है। प्रमुख बिन्दु इस बार का नौसैन्य अभ्यास इसीलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने से ऐसा पहली बार होगा कि क्वाड समूह (Quad Group) के चारों देश भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाएँ एक साथ युद्धाभ्यास करेंगी। रक्षा मंत्रलय द्वारा अगस्त 2020 की एक महत्त्वपूर्ण बैठक में ऑस्ट्रेलिया को सम्मिलित करने संबंधी मुद्दे पर चर्चा की गई थी किन्तु

भारत-श्रीलंका का नौसैनिक युद्धाभ्यासः स्लीनेक्स-20

19 से 21 अक्टूबर 2020 के मध्य भारतीय नौसेना और श्रीलंका की नौसेना का संयुक्त वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास स्लीनेक्स-20 (SLINEX-20)का 8वां संस्करण त्रिंकोमाली, श्रीलंका के तट पर आयोजित किया गया। प्रमुख बिन्दु श्रीलंका की नौसैना का प्रतिनिधित्व नौसैनिक जहाज सायुरा (समुद्री गश्ती पोत) और गजबाहू (प्रशिक्षण जहाज) द्वारा किया जाएगा जबकि भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व स्वदेश में निर्मित पनडुब्बी रोधी युद्धपोत कमोर्टा और किल्टन ने किया। भारतीय नौसेना के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) और चेतक हेलीकॉप्टर भी इस युद्धपोत पर तैनात थे और समुद्र टोही गश्ती विमान डॉर्नियर को भी इस अभ्यास में शामिल किया गया था। स्लीनेक्स का पिछला संस्करण

विविध

पाकिस्तान एफ़एटीएफ़ ग्रे लिस्ट में बरकरार

हाल ही में फाइनेंशिल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की पेरिस में हुई वर्चुअल बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रऽने की घोषणा की गई। प्रमुख बिन्दु एफएटीएफ के अनुसार पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ 27 सूत्रीय एजेंडे को पूरा करने में विफल रहा है जो कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने से संबंधित था। एफएटीएफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। पाकिस्तान नशीले पदार्थों के माध्यम से आतंकी वित्तपोषण और कीमती पत्थरों समेत खनन उत्पादों की तस्करी को रोकने में भी विफल

श्रीलंका के संविधान का 20वां संशोधान पारित

हाल ही में श्रीलंका की संसद ने दो-तिहाई बहुमत के साथ विवादास्पद 20वां संविधान संशोधन पारित कर दिया। प्रमुख बिन्दु 20वें संशोधन द्वारा वर्ष 2015 में पारित किये गए 19वें संशोधन को निरस्त कर दिया गया है। 19वें संविधान संशोधन के द्वारा राष्ट्रपति को प्राप्त शक्तियों को कम करके संसद को ज्यादा शत्तिफ़शाली बनाया गया था। इस संशोधन के द्वारा कार्यकारी राष्ट्रपति की शत्तिफ़यों में विस्तार किया गया है तथा अधिक प्रतिरक्षा प्रदान की गयी है। श्रीलंकाई संविधान में 18वें संशोधन द्वारा राष्ट्रपति को काफी शक्तिशाली बना दिया गया था। इस नए संशोधन के पश्चात प्रधानमंत्री की भूमिका सिर्फ नाममात्र की रह

संक्षिप्तिकी

भारत-चीन एवं जिनेवा कन्वेंशन

हाल ही में रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति (International Committee for the Red Cross - ICRC) द्वारा लद्दाख में गलवान संघर्ष से उत्पन्न गतिरोध के बाद भारत एवं चीन दोनों देशों से आग्रह किया गया है कि वे जिनेवा कन्वेंशन (Geneva Conventions) की शर्तों का पालन करें। प्रमुख बिंदु जिनेवा कन्वेंशन (1949) तथा इसके अन्य प्रोटोकॉल वे अंतरराष्ट्रीय संधियां है जिसमें युद्ध की बर्बरता को सीमित करने वाले सबसे महत्त्वपूर्ण नियम शामिल हैं। भारत और चीन दोनों देश इसके हस्ताक्षरकर्ता हैं। जिनेवा कन्वेंशन का उद्देश्य युद्ध के समय मानवीय मूल्यों को बनाए रऽने के लिये कानून तैयार करना है। ये संधियां उन लोगों को

किर्गिस्तान में राजनीतिक गतिरोध

हाल ही में किर्गिस्तान में संसदीय चुनावों के बाद सड़कों पर सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गये। इन प्रदर्शनों के बीच किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव (Sooronbay Jeenbekov) ने राजधानी बिश्केक में आपातकाल की घोषणा कर दी। प्रमुख बिन्दु किर्गिस्तान की वर्तमान सरकार का सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य समेत तमाम क्षेत्रें में प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है, जिसके कारण किर्गिस्तान की जनता के मध्य असंतोष निरंतर बढ़ रहा था। किर्गिस्तान की सरकार अर्थव्यवस्था सहित सभी क्षेत्रें में व्यापक भ्रष्टाचार की चुनौती का सामना कर रही है। भ्रष्टाचार के कारण यहां नागरिक असंतोष एवं राजनीतिक अस्थिरता को गति मिली। किर्गिस्तान में COVIC-19

पीआईबी कॉर्नर

पीआईबी कॉर्नर

न्यू कैलेडोनियाः हाल ही में दक्षिणी प्रशांत महासागर में अवस्थित फ्राँसीसी उपनिवेश न्यू कैलेडोनिया (New Caledonia) में हुए जनमत संग्रह में 53.25%लोगों ने फ्रांस से पृथक्करण को अस्वीकार करते हुए फ्रांसीसी बने रहने का निर्णय लिया। न्यू कैलेडोनिया दक्षिण-पश्चिम प्रशांत महासागर में स्थित है। यह क्षेत्र ऑस्ट्रेलिया से 1200 किमी पूर्व में स्थित एक द्वीपशृंखला है। फ्रांस की राजधानी पेरिस से इसकी दूरी 20 हजार किमी. है। इस द्वीप क्षेत्र को काफी हद तक स्वायत्तता हासिल है, लेकिन रक्षा और शिक्षा जैसे मुद्दों पर इसकी फ्रांस पर बहुत अधिक निर्भरता है। यहाँ बड़ी मात्र में निकेल धातु पाई जाती है।हरित

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इन फोकस

स्वदेशी सुपरकंप्यूटर

हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भारत सुपरकंप्यूटर निर्माण से संबन्धित वस्तुओं के उत्पादन में आत्मनिर्भर होता जा रहा है| भारत ने राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत सुपरकंप्यूटर के डिजाइन एवं निर्माण में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन का द्वितीय चरण चल रहा है| मुख्य बिन्दु भारत में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के पहले चरण में 30 प्रतिशत मूल्यवर्धन किया गया था| यह वर्तमान दूसरे चरण में बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया गया है। राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत अनुसंधान संस्थानों के नेटवर्क और उद्योग के मध्य सहयोग

स्वास्थ्य विज्ञान

बहु-औषधि प्रतिरोधी बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए रैपिड पीसीआर किट

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT), पोर्ट ब्लेयर के वैज्ञानिकों ने एक अत्यधिक प्रभावी किट विकसित की है, जो ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया एंटेरोकोक्कस फैकलिस (Enterococcus faecalis) के बहु-औषधि प्रतिरोधी (MDR) स्ट्रेन का पता लगाने के लिए उपयोगी है। प्रमुख बिन्दु नई तकनीक दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में बहुत उपयोगी होगी, जहां सेप्टिक टैंक का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। सेप्टिक टैंक भूजल के लिए रोगज़नक़ फैलाव के सक्रिय स्रोत हैं और संदिग्ध दूषित नमूनों को तेजी से संदूषण के लिए परीक्षण किया जा सकता है| इस कीट का प्रयोग कर एक ही चरण में रोगज़नक़ के प्रसार का तेजी से पता लगाया जा

भारत में पेट के कृमि संक्रमण में उल्लेखनीय गिरावट

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल में जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार 14 राज्यों के बच्चों में मिट्टी से संचारित होने वाले परजीवी कृमि के प्रसार में उल्लेखनीय कमी अंकित की गई है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डीवर्मिंग-डे) कार्यक्रम शुरू किया है, ताकि बच्चों में कृमि संक्रमण को कम किया जा सके| इस प्रयास के प्रभावी परिणाम अब देखने को मिल रहे हैं। मुख्य बिन्दु मिट्टी से संचारित परजीवी कृमि या सॉइल-ट्रांसमिटेड हेल्मिन्थ (एसटीआई) संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी एक प्रमुख चुनौती है। हाल में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण

नैनो प्रौद्योगिकी

त्वचा कैंसर का उपचार बिना शल्य चिकित्सा के

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु के शोधार्थियों को त्वचा कैंसर के उपचार में एक बड़ी कामयाबी मिली है। उन्होंने मैग्नेटिक नैनो फाइबर की मदद से एक ऐसा बैंडेज विकसित किया है, जो कैंसर कोशिकाओं को बिना चीर-फाड़ ऊष्मा द्वारा निष्क्रिय करने में सक्षम है। मुख्य बिन्दु आईआईएससी के सेंटर फॉर बायोसिस्टम्स साइंस एंड इंजीनियरिंग (बीएसएसई) तथा आईआईएससी में डिपार्टमेंट ऑफ़ मॉलिक्यूलर साइंस रिप्रोडक्शन, डेवलपमेंट एंड जेनेटिक्स (एमआरडीजी) द्वारा एक नए बैंडेज को विकसित किया गया है| इसमें मैग्नेटिक हाइपरथर्मिया तकनीक का प्रयोग किया गया है| इसके लिए इलेक्ट्रोस्पिनिंग पद्धति के प्रयोग से मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल्स का अनूठा मेल तैयार किया गया है। इसके निर्माण में

भारत में जीन विविधता

हाल ही में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की दो घटक प्रयोगशालाओं - इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB), दिल्ली तथा सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी (CCMB), हैदराबाद द्वारा जीन अनुक्रमित परियोजना को संचालित किया गया| जिसके तहत स्वघोषित रूप से स्वस्थ भारतीयों के 1029 जीनों को अनुक्रमित किया गया है। अनुक्रमित किए गए इन जीन्स के कंप्यूटेशनल विश्लेषण से पता चला है कि वैश्विक जीनोम की तुलना में भारतीय अनुक्रमों में 32 प्रतिशत जीनोमिक वेरिएंट बिल्कुल अलग हैं। मुख्य बिन्दु भारत की जनसांख्यिकीय संरचना में रिसेसिव एलील्स की अधिकता है। रिसेसिव एक ऐसा गुण है, जो किसी जीन

समुद्री सूक्ष्म शैवाल से एंटी-टीबी एजेंट की प्राप्ति

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT) के अराइन बायोटेक्नोलॉजी डिवीजन ने एक समुद्री सूक्ष्म शैवाल क्लोरेला वल्गारिस (Chlorella vulgaris) से औषधीय (pharmacological) महत्व के बायोमोलेक्यूल्स को सफलतापूर्वक अलग करने में सफलता प्राप्त की है| इस बायोमोलेक्यूल में क्षय रोग (टीबी) से लड़ने के गुण की खोज की गई है। मुख्य बिन्दु यह संभवत: पहली बार है कि कम लागत निष्कर्षण प्रक्रिया के माध्यम से समुद्री सूक्ष्म शैवाल क्लोरेला वल्गरिस से एक एंटी-टीबी एजेंट विकसित किया गया है। यह सूक्ष्म शैवाल से कई सूक्ष्म बायोमेक्यूल के उत्पादन की एक लागत प्रभावी तकनीक प्रदान करता है, जो कि समुद्री सूक्ष्म शैवाल बायोमास से

नवीन प्रौद्योगिकी

कोरोना संक्रमण से बचाव की नयी तकनीकें

हाल ही में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड (NSTEDB) एवं सोसाइटी फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (SINE) के द्वारा ‘सेंटर फॉर ऑगेमेंटिंग वॉर विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस’ (CAWACH) नामक एक संयुक्त पहल प्रारम्भ की गई है| इसके तहत भारत की स्टार्टअप कंपनियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा पर शोध एवं अभिनव तकनीकों के विकास के लिए अनुदान दिया जा रहा है| मुख्य बिन्दु इस पहल के तहत अनुदान प्राप्त स्टार्टअप रोगजनक सूक्ष्मजीवों एवं वायरस के शोधन और सैनिटाइजेशन से संबन्धित तकनीकों पर अनुसंधान किया जाएगा। इन तकनीकों में, बायोमेडिकल कचरे के शोधन और सतह को रोगाणुओं से मुक्त

अंतरिक्ष/ब्रह्माण्ड विज्ञान

प्रथम तीव्र पराबैंगनी प्रकाश की उत्पत्ति

हाल ही में भारत के उपग्रह- एस्ट्रोसैट ने एक दूरस्थ आकाशगंगा से तीव्र पराबैंगनी प्रकाश (extreme-UV light) की उत्पत्ति का पता लगाया है| यह आकाशगंगा पृथ्वी से 9.3 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और इसे एयूडीएफएस 01 (AUDFs01) कहा जाता है। मुख्य बिन्दु जिस समय इस प्रकाश की उत्पत्ति हुई उस समय, हमारे ब्रह्मांड में चरम स्तर पर सितारों का निर्माण हो रहा था। इस तरह के तीव्र पराबैंगनी विकिरण में हाइड्रोजन परमाणु को आयनित करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा होती है। विकिरण परमाणु से अपने इलेक्ट्रॉन को मुक्त करके नाभिकीय प्रभाव उत्पन्न करता है| शोधकर्ताओं का अनुमान है कि एयूडीएफएस

ब्लैक होल के द्रव्यमान के अनुमान का नया फॉर्मूला

हाल ही में भारत के आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIES) तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थान आईआरएफयू/ सर्विस डी एस्ट्रोफिजिक एंड लैबोरेटरी एस्ट्रोपार्टिकल एट कॉस्मोलॉजी (IRFU / Service d’ Astrophysique and Laboratoire Astroparticule et Cosmologie) के एक शोध दल ने ब्लैक होल के द्रव्यमान का अनुमान का नया फॉर्मूला विकसित किया है| चूंकि इस अध्ययन में एरीज (ARIES) के वैज्ञानिक शिल्पा सरकार तथा इन्द्रनील चटोपाध्याय शामिल थे इसलिए इस फॉर्मूले को सरकार और चट्टोपाध्याय का एन्ट्रॉपी फॉर्मूला कहा गया। प्रमुख बिन्दु ब्लैक होल को प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा जा सकता है, लेकिन ब्लैक होल में डूबने से पहले उसके बाहर पदार्थ के अस्थायी संचयन

विविध

फसलों में शीथ ब्लाइट रोग नियंत्रण की नयी पद्धति

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट जीनोम रिसर्च (NIPGR) के शोधकर्ताओं के अपने अध्ययन में पता लगाया है कि राइजोक्टोनिया सोलानी की कार्यप्रणाली में संशोधन कर शीथ ब्लाइट के विरुद्ध प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। नेक्रोट्रॉफिक फंगल रोगजनक (राइजोक्टोनिया सोलानी) के कारण होने वाला शीथ ब्लाइट रोग चावल और अन्य कई फसलों के लिए एक बड़ा खतरा है। मुख्य बिन्दु शोधकर्ताओं ने टमाटर की फसल में शीथ ब्लाइट रोग विकसित होने में इसकी भूमिका का अध्ययन किया। टमाटर की फसल में सी2एच2 जिंक ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर आरएस_सीआरजेड1 को निष्क्रिय करना राइजोक्टोनिया सोलानी के कारण उभरने वाले रोग को प्रभावित करता है। सामान्य पौधों से तुलना

हिमालय में विवर्तनिक रूप से सक्रिय नए क्षेत्र की पहचान

देहरादून स्थित वाडिया हिमालयन भूविज्ञान संस्थान (डब्ल्यूआईएचजी) के वैज्ञानिकों ने हिमालय के सिवनी क्षेत्र या लद्दाख में स्थित सिंधु सिवनी क्षेत्र को विवर्तनिक (टेक्टोनिक) रूप से सक्रिय क्षेत्र पाया है। यह वह क्षेत्र है जहां पर भारतीय और एशियाई प्लेट आपस में मिलती हैं। इस खोज से संभावना है कि भूकंप अध्ययन में अहम बदलाव आएंगे। खास तौर से भूकंप के अनुमान, पर्वतों के विकास और उसके भूगर्भीय ढांचे को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। मुख्य बिन्दु सिंधु सिवनी इलाके में सक्रिय नई टेक्टोनिक क्षेत्र 78000 से 58000 वर्ष से सक्रिय है। हाल ही में 2010 में अपशी गांव में

दक्षिण एशिया के लिए अचानक आने वाली बाढ़ से जुड़ी मार्गदर्शन सेवा

22 अक्टूबर, 2020 को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दक्षिण एशिया के लिए अचानक आने वाली बाढ़ से जुड़ी मार्गदर्शन सेवाओं को पूरे क्षेत्र के लिए समर्पित किया गया| इससे भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका जैसे दक्षिण एशियाई देशों को लाभ मिलेगा| मुख्य बिन्दु इसके माध्यम से अचानक आने वाली बाढ़ के बारे में मार्गदर्शन खतरे के सम्बन्ध मे सूचना 6 घंटे पहले और जोखिम के संबंध में सूचना 24 घंटे पहले प्रदान की जाएगी| क्षेत्रीय केंद्र द्वारा राष्ट्रीय मौसम विज्ञान एवं जल विज्ञान संबंधी सेवाएं, राष्ट्रीय एवं राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों और अन्य सभी हितधारकों को प्रदान की

संक्षिप्तिकी

धान के अपशिष्ट से सिलिका अलग करने की नई तकनीक

आईआईटी खड़गपुर के डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल एंड फूड इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं द्वारा धान की भूसी की राख से सिलिका नैनो कण अलग करने की नई तकनीक विकसित की गई है| इससे धान की भूसी को जलाने से पैदा हुई राख जैसे जैविक अपशिष्ट का निपटान एक ईको-फ्रेंडली और किफायती तरीके से किया जा सकेगा| मुख्य बिन्दु धान की भूसी की राख में 95 प्रतिशत तक सिलिका तत्व होता है, प्राप्त सिलिका का व्यावसायिक उपयोग भी किया जा सकता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से धातुओं के शोधन और सोलर सिलिकॉन बनाने में किया जा सकता है। चार अलग-अलग क्षारीय तत्वों (पोटैशियम हाइड्रोऑक्साइड,

कोरोना के विरुद्ध कवच बनेगा नया पौष्टिक-औषध उत्पाद

हैदराबाद स्थित अटल इनक्यूबेशन सेंटर- सेंटर फॉर सेल्युलर ऐंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (एआईसी-सीसीएमबी) द्वारा समर्थित एक स्टार्ट-अप क्लोन डील्स ने कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए 'कोरोनएड' नामक नया पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल) विकसित किया है। पौष्टिक-औषध (न्यूट्रास्युटिकल), "न्यूट्रिशन" (पोषण) और "फार्मास्युटिकल" (दवा/औषध) शब्दों से मिलकर बना है। मुख्य बिन्दु यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करता है। सीसीएमबी द्वारा विकसित नया न्यूट्रास्युटिकल विशेष रूप से तैयार किया गया एक ऐसा खाद्य उत्पाद है, जो बीमारी की रोकथाम एवं उपचार सहित स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय लाभ प्रदान कर सकता है। 'कोरोनएड' पूरक आहार हिमालयी क्षेत्र में पाये जाने वाले मशरूम, कॉर्डिसेप्स

पर्यावरण एवं जैवविविधता

इन फोकस

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग

हाल ही में राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रें में वायु गुणवत्ता के प्रबंधन तथा वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिये वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग गठित करने हेतु एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए। प्रमुख बिंदु यह अध्यादेश न्यायिक भूमिका को सीमित करते हुए दिल्ली- एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए एक अतिकेंद्रित फ्रेमवर्क का निर्माण करता है। साथ ही यह अध्यादेश वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्यपालकों की भूमिका और जिम्मेदारी को बढ़ाता है। केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के माध्यम से सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश पर गठित पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण तथा

संरक्षण

आसन संरक्षण रिजर्व को रामसर साइट का दर्जा

हाल ही में उत्तराखंड राज्य के देहरादून के पास यमुना नदी के तट पर स्थित आसन संरक्षण रिजर्व (Asan Conservation Reserve - ACR) को रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention) के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (Wetland of International Importance) घोषित किया गया। प्रमुख बिन्दु आसन संरक्षण रिजर्व उत्तराखंड का पहला रामसर स्थल है। आसन संरक्षण रिजर्व ने रामसर स्थल घोषित किये जाने के लिये आवश्यक 9 मानदंडों में से 5 मानदंडों (प्रजातियों एवं पारिस्थितिक समुदायों, जल-पक्षियों तथा मछलियों से संबंधित) को पूरा किया, जिसके बाद इसे अंतरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता दी गई। इस रिजर्व को रामसर द्वारा मान्यता मिलने के

भारत में हिम तेंदुए का पर्यावास संरक्षण

23 अक्टूबर, 2020 को अंतरराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस के अवसर पर एक आभासी बैठक के माध्यम से भारत के पर्यावरण राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार हिम तेंदुओं के प्रवास क्षेत्र के संरक्षण तथा परिदृश्य बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। प्रजातियों की भौगोलिक सीमा हिम तेंदुआ (Snow Leopard)12 देशों - भारत, नेपाल, भूटान, चीन, मंगोलिया, रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान में पाया जाता है। भारत ने तीन बड़े परिदृश्यों की पहचान की है जो लद्दाख एवं हिमाचल प्रदेश में हेमिस- स्पीति (Hemis-Spiti), उत्तराखंड के गंगोत्री में नंदा देवी और सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश में कंचनजंगा- तवांग (Kanchendzonga-Tawang) हैं।

नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क का एडॉप्ट-एन-एनिमल कार्यक्रम

हाल ही में ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित नंदनकानन प्राणी उद्यान ने जानवरों के लिये संसाधन जुटाने हेतु एडॉप्ट-एन-एनिमल (Adopt-An-Animal) नामक अभिनव कार्यक्रम की पुनः शुरुआत की है। प्रमुख बिन्दु नंदनकानन प्राणी उद्यान (Nandankanan Zoological Park-NZP)अपनी जीव-जंतुओं की आबादी और प्रजातियों की विविधता के मामले में देश के अग्रणी चिडि़याघरों में से एक है। जानवरों के रखरखाव के लिए प्रति माह न्यूनतम 50 लाख रुपये की आवश्यकता पड़ती है किन्तु कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बाद चिडि़याघर के बंद होने से राजस्व का भारी नुकसान हुआ जिससे चिडि़याघर को कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एडॉप्ट-एन-एनिमल कार्यक्रम

गिद्ध संरक्षण कार्य योजना

हाल ही में 5 राज्यों में गिद्धों के संरक्षण हेतु नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (NBWL) द्वारा गिद्ध संरक्षण 2020-2025 के लिए एक कार्य योजना को मंजूरी दी गई। प्रमुख बिन्दु गिद्ध संरक्षण केंद्रः उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में प्रत्येक में एक गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र होगा। गिद्ध सुरक्षित क्षेत्रः गिद्धों की शेष आबादी के संरक्षण के लिए प्रत्येक राज्य में कम से कम एक गिद्ध-सुरक्षित क्षेत्र की स्थापना की जाएगी। बचाव केंद्रः पिंजौर (हरियाणा), भोपाल (मध्य प्रदेश), गुवाहाटी (असम) और हैदराबाद (तेलंगाना) में चार बचाव केंद्रों की स्थापना की जाएगी। वर्तमान में गिद्धों के इलाज के लिए कोई समर्पित

जैव-विविधाता

नई केकड़ा प्रजातिः अबॉर्टेल्फ़ुसा नामदफ़ेंसिस

हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के प्राचीन नामदफा के जंगलों में केकड़े की एक नई प्रजाति पाई गयी है जिसका नाम अबॉर्टेल्फुसा नामदफेंसिस (Abortelphusa Namdaphaensis)रखा गया है। प्रमुख बिन्दु यह केकड़े की एक छोटी प्रजाति है जो मीठे जल में पायी गयी है। अबोर्टेलफुसा नामदफाएंसिस नाम पूर्वी हिमालयी जैव विविधता हॉटस्पॉट में सबसे बड़े संरक्षित क्षेत्र नामदफा के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश के एक और समृद्ध जैव विविधता हॉटस्पॉट अबोर हिल्स को भी संबोधित करता है। अबॉर्टेल्फुसा वंश का नाम अबोर की पहाडि़यों के नाम पर तथा इसकी प्रजाति नामदफेंसिस का नाम नामदफा के नाम पर रखा गया है। यह खोज अरुणाचल प्रदेश

प्रदूषण

स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम अभिसमय

हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों के स्टॉकहोम समझौते में सूचीबद्ध 7 रसायनों पर प्रतिबंध को अनुमोदित किया। मंत्रिमंडल ने घरेलू नियमों के तहत विनियमित की गई प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से POPs के संबंध में अपनी शक्तियाँ केंद्रीय विदेश मंत्रलय (MEA) और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय (MoEFCC) को सौंप दी हैं। प्रमुख बिन्दु सुरक्षित वातावरण प्रदान करने और मानव स्वास्थ्य जोिखमों को दूर करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय (MoEFCC) ने पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत

ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान एवं EPCA के निर्देश

हाल ही में पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को वायु गुणवत्ता के खराब होने के कारण ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान के अंतर्गत वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है। प्रमुख बिन्दु 8 अक्टूबर, 2020 को लगातार दूसरे दिन दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खराब (Poor) श्रेणी की रही थी तथा दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index - AQI)208 तक पहुँच गया था। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण [Environment Pollution (Prevention - Control) Authority-EPCA] ने 15 अक्टूबर के बाद दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम आदि शहरों

जलवायु परिवर्तन

कृषि में नाइट्रोजन के उपयोग से जलवायु संकट

हाल ही में जर्नल नेचर में प्रकाशित एक शोध से पता चला है कि दुनिया भर में कृषि उत्पादन में वृद्धि करने के लिए नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से वातावरण में नाइट्रस ऑक्साइड की मात्र में बड़ी तेजी से वृद्धि हो रही है। प्रमुख बिन्दु शोध से प्राप्त निष्कर्षों के अनुसार वातावरण में नाइट्रस ऑक्साइड का स्तर पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में 20%बढ़ चुका है। यह वृद्धि प्रति दशक 2%की दर से बढ़ रही है। यह शोध 14 देशों के 57 वैज्ञानिकों और 48 अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से किया गया है। जिसमें इंटरनेशनल इंस्टिटड्ढूट फॉर एप्लाइड सिस्टम एनालिसिस

विविध

कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना

हाल ही में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) द्वारा एक निर्णय में कहा गया कि पर्यावरण मंत्रलय द्वारा कालेश्वरम लिफ्रट सिंचाई परियोजना का आवश्यक कार्य पूरा हो जाने के बाद कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर पर्यावरणीय मंजूरी (Environmental Clearance) प्रदान की गई थी। प्रमुख बिन्दु राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal - NGT) ने कहा है कि इन कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये जवाबदेही तय की जाए और उपचारात्मक उपाय किये जाएं। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय को इस मामले की जांच करने हेतु संबंधित क्षेत्रीय विशेषज्ञता वाले 7 सदस्यों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन

भारत के 8 समुद्र तटों को अंतरराष्ट्रीय ब्लू फ्लैग प्रमाणन

हाल ही में 5 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित भारत के 8 समुद्र तटों को ब्लू फ्रलैग प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। यह भारत के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को वैश्विक मान्यता भी प्रदान करता है। प्रमुख बिन्दु ब्लू फ्रलैग से सम्मानित समुद्र तट हैं- शिवराजपुर (द्वारका-गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पादुबिद्री (कर्नाटक), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश), गोल्डन (पुरी-ओडिशा) और राधा नगर (अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह)। भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है जिसने केवल 2 साल के समय में ही यह प्रमाणन प्राप्त किया है। जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात एकमात्र अन्य एशियाई

मुंबई तटीय सड़क परियोजना के लिये प्रवाल स्थानांतरण

हाल ही में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) को 12,700 करोड़ रुपए की मुंबई तटीय सड़क परियोजना के लिये प्रवाल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर हस्तांतरित करने के लिये मंजूरी मिल गई है। प्रमुख बिंदु बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) मरीन ड्राइव और मरीन लाइन को जोड़ने वाली राजकुमारी स्ट्रीट फ्रलाईओवर से दक्षिण मुंबई के वर्ली तक 10.58 किलोमीटर की परियोजना पर कार्य कर रही है। बृहन्मुंबई नगर निगम ने कुल 18 प्रवाल कॉलोनियों को चिन्हित किया है जिन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर हस्तांतरित किया जाएगा। प्रस्तावित योजना के अनुसार वर्ली में अवस्थित प्रवाल कॉलोनियों को मुंबई तटीय सड़क परियोजना के निर्माण

संक्षिप्तिकी

प्रभाव आधारित चक्रवात चेतावनी प्रणाली

हाल ही में भारत के मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department-IMD) ने एक गतिशील प्रभाव-आधारित चक्रवात चेतावनी प्रणाली (Dynamic impact-based cyclone warning system) शुरू की। उद्देश्यः हर वर्ष देश के तटों पर आने वाले चक्रवातों से होने वाले आर्थिक और संपत्ति संबंधी नुकसान को कम करना। प्रमुख बिन्दु इसके अंतर्गत बुनियादी ढांचे, स्थानीय आबादी, बस्तियों, भूमि उपयोग के साथ-साथ अन्य तत्वों को ध्यान में रखते हुए जिला या स्थान-निर्दिष्ट चेतावनी जारी की जाएगी। सभी आपदा प्रबंधन एजेंसियां संबंधित जिले के िलए भूवैज्ञानिक, कार्टाेग्राफिक और हाइड्रोलॉजिकल डेटा का व्यापक उपयोग भी करेंगी। यदि कोई जिला 160 किमी- प्रति घंटे की गति से हवा की चपेट

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट

हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वायु गुणवत्ता सूचकांक पर दिल्ली की वायु गुणवत्ता जून 2020 के पश्चात पहली बार बहुत खराब श्रेणी में प्रवेश कर गई है। राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक यह स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत चलाई गई पहल है, जिसे सितंबर 2014 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रलय के तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा प्रारंभ किया गया था। यह सूचकांक आम आदमी को अपने आस-पास के क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता के बारे में जानने के लिए एक नंबर-एक रंग-एक व्याख्या की रूपरेखा उपलब्ध कराता है। इसमें 6 विभिन्न रंगों के माध्यम से 6AQI

भारत में पहली बार हींग की खेती

हाल ही में भारत में पहली बार हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति में हींग (फेरुला असा-फोएटिडा) की खेती शुरू हुई की गई है। प्रमुख बिन्दु सी-एस-आई-आर- की प्रयोगशाला इंस्टीटड्ढूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी, पालमपुर द्वारा हींग की खेती के लिये बीज और कृषि-तकनीक विकसित की गई है। हींग (asafoetida)ः इसे फेरुला असा-फोएटिडा नाम के पौधों से प्राप्त किया जाता है। यह एक बारहमासी पौधा है, जो पौधारोपण के 5 साल बाद जड़ों से ओलियो-गम राल का उत्पादन करता है। जलवायुः इसे ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्रें की अनुपयोगी ढलानदार भूमि में उगाया जा सकता है। अतः भारतीय हिमालय के ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र हींग की

पीपीपी मोड में चिडि़याघरोंके उन्नयन और विस्तार की योजना

हाल ही में वन्यजीव सप्ताहए 2020 के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से देश भर में 160 चिडि़याघरों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है। प्रमुख बिन्दु केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के सभी चिडि़याघरों को बेहतर बनाने और विकास सुनिश्चित करने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है और आगामी बजट के दौरान इसके लिए धनराशि आवंटित की जाएगी। राज्य सरकारें, निगम, व्यवसाय और आम नागरिक सभी को प्रमुख भागीदार के रूप में इस योजना में सम्मिलित किया

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