नागोर्ना-कारबाख संघर्ष क्षेत्रीय सुरक्षा और ऊर्जा बाजार के लिए खतरा
सतीश कुमार कर्ण
शांति स्थापित करने के पहले प्रयास के रूप में संभवतः शुरुआती कदम यह हो सकता है कि अजेरी लोगों को प्रतीकात्मक रूप से कुछ भूमि इस शर्त पर वापस कर दी जाए कि दोनों देशों द्वारा युद्ध विराम समझौते का सम्मान किया जाएगा। तत्पश्चात अगले कदम के रूप में सीमाएं खोलने पर विचार किया जाना चाहिए। हालांकि जिस तरह से दोनों पक्ष सभी तरह के हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, इससे किसी आशाजनक परिणाम की उम्मीद फिलहाल कम है।
- नागोर्ना-कारबाख (Nagorno-Karabakh) संघर्ष, मध्य एशिया में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच एक क्षेत्रीय और प्रजातीय संघर्ष ....
 
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