ऋण पुनर्गठन से संबंधित के.वी. कामथ समिति
- 5 अक्टूबर, 2020 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से के.वी. कामथ समिति की रिपोर्ट को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा।
- के.वी. कामथ समिति का गठन कोविड-19 महामारी से प्रभावित ‘ऋणों के एकमुश्त पुनर्गठन’ (one-time restructuring of loans) के वित्तीय मापदंडों पर सुझाव प्रदान करने के लिए किया गया था|
प्रमुख बिन्दु
- कोविड-19 प्रेरित लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 मार्च से 31 अगस्त, 2020 तक लोगों को 6 महीने की अवधि के लिए एक ऋण ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए त्रिपक्षीय समझौता
- 2 भारत के शहरी विकास के लिए ADB की 10 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता
- 3 जलीय कृषि क्षेत्र में एंटीमाइक्रोबियल्स के उपयोग पर प्रतिबंध
- 4 युवाओं के लिए स्टाइपेंड में 30% वृद्धि की सिफारिश
- 5 भारत का प्रथम मॉर्गेज समर्थित पास-थ्रू सर्टिफिकेट
- 6 'निवेशक सहायता' पहल हेतु प्रारंभिक रणनीतिक बैठक
- 7 PDS से संबंधित 3 प्रमुख डिजिटल पहलों का शुभारंभ
- 8 विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025
- 9 भारत का राजकोषीय घाटा GDP का 4.8%
- 10 शहरी भूमि सर्वेक्षण हेतु ‘नक्शा’ कार्यक्रम का द्वितीय चरण

- 1 टारगेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशंस
- 2 बीमा लोकपाल कार्यालयों में नोडल अधिकारी की नियुक्ति
- 3 मानक व्यक्तिगत टर्म इंश्योरेंस: सरल जीवन बीमा
- 4 फसलों की बायोफोर्टिफाइड किस्में
- 5 जूट सामग्री में अनिवार्य पैकेजिंग हेतु मानदंडों का विस्तार
- 6 रेगुलेटरी सैंडबॉक्स का संचालन
- 7 राष्ट्रीय कार्यक्रम एवं परियोजना प्रबंधन नीति की रूपरेखा
- 8 जहाजों के पुनर्चक्रण हेतु राष्ट्रीय प्राधिकरण
- 9 भू-स्वामित्व मॉडल कानून का मसौदा जारी