मिशन कर्मयोगी : प्रभावी जन-केंद्रित सिविल सेवा के निर्माण हेतु क्षमता विकास आवश्यक
नौकरशाही (Bureaucracy) सरकार की एक स्थायी शाखा है, जो प्रशासन की रीढ़ है। इसलिए भारत में सिविल सेवकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। बदलते भारत के लिए सिविल सेवकों के दृष्टिकोण में बदलाव की भी आवश्यकता है, जो सत्यनिष्ठा (Integrity), वस्तुनिष्ठता (Objectivity), नेतृत्व क्षमता (Leadership) के साथ प्रौद्योगिकी दक्षता तथा नवप्रवर्तनशीलता (Innovation) जैसे गुणों से परिपूर्ण हो। इन सभी गुणों के विकास हेतु सिविल सेवकों में दक्षता निर्माण एवं कौशल अभिक्षमता का विकास करना समय की मांग है।
- नवीन चंदन
मिशन कर्मयोगी सिविल सेवकों के कौशल निर्माण एवं क्षमता विकास (Capacity Building) से जुड़ी एक राष्ट्रव्यापी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अमेरिका की नई टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार युद्ध की दस्तक - डॉ. उदय भान सिंह
- 2 पीटलैंड्स का संरक्षण वैश्विक तापमान वृद्धि से निपटने का सतत समाधान - संपादकीय डेस्क
- 3 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संभावनाएं, चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 4 हिंद महासागर क्षेत्र परिवर्तनशील भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत की आर्थिक एवं रणनीतिक अनिवार्यताएं - आलोक सिंह
- 5 भारत में उच्च शिक्षा सुधार रोज़गार क्षमता और अनुसंधान मानकों में वृद्धि आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 6 भारत में कौशल अंतराल
- 7 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम विनियामक निगरानी : भारत में डिजिटल मीडिया का विनियमन - आलोक सिंह
- 8 असंगठित क्षेत्र में अदृश्य कार्यबल के रूप में महिलाएं - आलोक सिंह
- 9 जलवायु परिवर्तन एवं वैश्विक दक्षिण समतापूर्ण एवं न्यायसंगत वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 10 ग्लोबल स्टार्टअप हब के रूप में भारत का उदय विकास के कारक एवं चुनौतियां - डॉ. अमरजीत कुमार