जम्मू-कश्मीर आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक, 2018
14 दिसंबर, 2018 को राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में जम्मू और कश्मीर राज्य प्रशासनिक परिषद (SAC) ने ‘भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक, 2018’ तथा ‘जम्मू और कश्मीर आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक, 2018’ को मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि कार्यालयों में महिला यौन शोषण के खिलाफ कानून बनाने वाला जम्मू-कश्मीर देश का पहला राज्य बन गया है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- इसके तहत रणबीर पेनल कोड की धारा 354-ई के तहत अपराधों को भी इसमें शामिल किया गया है।
- अपराध प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 154 व 161 तथा एवीडेंस एक्ट (Evidence Act) की धारा 53 में संशोधन कर सेक्सटॉर्शन (sextortion) को भी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 CISF, 250 से अधिक सीपोर्ट्स का सुरक्षा नियामक
- 2 ‘हमारा शौचालय, हमारा भविष्य’ अभियान
- 3 'युवा एआई फॉर ऑल' का शुभारंभ
- 4 अंगदान व आवंटन पर राष्ट्रीय एकरूप नीति का निर्देश
- 5 बिलों पर अनुमोदन समय-सीमा: सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
- 6 16वें वित्त आयोग ने राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपी
- 7 कॉर्पोरेट इन-हाउस काउंसिल को BSA की धारा 132 का संरक्षण नहीं
- 8 राष्ट्रीय उद्यानों व अभयारण्यों के आस-पास खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध
- 9 भारतीय जेलों में विचाराधीन कैदियों की बहुलता
- 10 लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण हेतु राष्ट्रीय अभियान

