सरोगेसी (नियामक) विधेयक-2016
19 दिसंबर, 2018 को लोकसभा में सरोगेसी (नियामक) विधेयक-2016 को पारित किया गया। भारत में सरोगेसी से उभरने वाली समस्याओं से निपटने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
- लोकसभा से पारित विधेयक में व्यावसायिक सरोगेसी और इससे जुड़े अनैतिक कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा इसके स्थान पर केवल परोपकारी सरोगेसी (Altruistic surrogacy) की अनुमति दी गयी है। इस विधेयक में प्रावधान किया गया है कि केवल करीबी भारतीय रिश्तेदारों को ही सरोगेट मां होने का और विशुद्ध रूप से ‘परोपकारी’ कारणों के लिए अनुमति होगा।
विधेयक का उद्देश्य
- इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य भारतीय महिलाओं को उत्पीड़न से बचाना है। ....
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