ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण विधेयक
17 दिसंबर, 2018 को लोकसभा में ट्रांसजेंडर पर्सन (अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2016 को ध्वनि मत से पारित किया गया। यह विधेयक ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के संरक्षण और उनके कल्याण का प्रावधान करता है। यह विधेयक देश में ट्रांसजेंडर समुदाय को अलग पहचान प्रदान करके सशक्त बनाएगा।
उद्देश्य
- ट्रांसजेंडर पर्सन (अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2016 का प्राथमिक उद्देश्य ट्रांसजेंडर को परिभाषित करना और ट्रांसजेंडर समुदाय के विरुद्ध भेदभाव को प्रतिबंधित करना है।
पृष्ठभूमि
- सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (NALSA) बनाम भारत सरकार के मामले में 15 अप्रैल, 2014 को ट्रांसजेंडर के अधिकारों के सुरक्षा के प्रयोजन से उन्हें ‘थर्ड जेंडर’ (Third gender) के रूप ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 सीबीएसई का बड़ा कदम: स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ अनिवार्य
- 2 रोहिंग्याओं से संबंधित मामलों का निपटान विदेशी अधिनियम के तहत
- 3 नए मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) का उद्घाटन
- 4 नीति फ्रंटियर टेक हब (NITI-FTH) द्वारा उच्च-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
- 5 'राष्ट्रीय कर्मयोगी - व्यापक जन सेवा कार्यक्रम' के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम
- 6 युग्म नवाचार सम्मेलन
- 7 वन भूमि के गैर-वानिकी आवंटन पर राज्य एसआईटी गठित करें: सुप्रीम कोर्ट
- 8 ‘DNTs के आर्थिक सशक्तीकरण की योजना’ के क्रियान्वयन की समीक्षा
- 9 समावेशी भारत शिखर सम्मेलन 2025
- 10 कोझिकोड को WHO की "एज-फ्रेंडली सिटीज़ नेटवर्क" में स्थान