प्रोजेक्ट री-हैब
हाल ही में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने असम के गोलपारा जिले के ग्राम मोरनोई में मधुमक्खियों का उपयोग करके हाथी- मानव संघर्ष को रोकने के लिए आरई-एचएबी परियोजना (च्तवरमबज त्म्दृभ्।ठ) शुरू की है। आरई-एचएबी परियोजना का अर्थ त्मकनबपदह म्समचींदज भ्नउंद दृ ।जजंबो नेपदह ठममे है।
मुख्य बिंदु
असम में स्थानीय वन विभाग के सहयोग से इस परियोजना को लागू किया गया है। असम में 2014 से 2019 के बीच हाथियों के हमलों के कारण 332 लोगों की मौत हुई है।
- आरई-एचएबी परियोजना के तहत मानवीय बस्तियों में हाथियों के प्रवेश को अवरुद्ध करने के लिए मार्ग में मोरनोई और दहिकाटा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौता
- 2 IBCA की पहली सभा का आयोजन
- 3 तीसरा संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UNOC3)
- 4 भागीरथी इको सेंसिटिव ज़ोन (BESZ)
- 5 30x30 लक्ष्य
- 6 ग्लेशियर संरक्षण पर उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
- 7 हाल ही में चर्चा में रही महत्त्वपूर्ण वनस्पति एवं जंतु प्रजातियां
- 8 हाल ही में चर्चा में रहे महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र
- 9 भारत का पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत
- 10 एनवीस्टैट्स इंडिया 2025: पर्यावरण सांख्यिकी
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 वायुमंडल और जलवायु अनुसंधान-मॉडलिंग प्रेक्षण प्रणाली एवं सेवाओं की समग्र योजना
- 2 कस्तूरीरंगन समिति की रिपोर्ट लागू करने का कर्नाटक द्वारा विरोध
- 3 कैम्पा कोष एवं इसका वितरण
- 4 बांध सुरक्षा विधेयक 2019
- 5 बुक्सा रिजर्व में रॉयल बंगाल टाइगर
- 6 संसद में जैविक विविधता पर विधेयक
- 7 एल्बिनो इंडियन फ्लैपशेल कछुआ
- 8 जलवायु परिवर्तन पर UNSC में प्रस्ताव