वायु प्रदूषण का बच्चों पर प्रभाव और भारत में स्थिति
- 28 अक्टूबर, 2018 को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट ‘एयर पल्यूशन एंड चाइल्ड हैल्थः प्रेसक्राइबिंग क्लीन एयर’ (Air pollution and child health: prescribing clean air) के अनुसार दुनियाभर में 15 साल से कम उम्र के लगभग 93 फीसदी बच्चे प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं।
- WHO का अनुमान है कि 2016 में प्रदूषित हवा के कारण तीव्र श्वसन संक्रमण से 600,000 बच्चे मारे गए थे।
- इसका सर्वाधिक प्रभाव कम और मध्यम आय वाले देशों पर हुआ।
- वायु प्रदूषण तंत्रिका विकास को प्रभावित कर रहा है और साथ ही मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
- वैश्विक स्तर ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें

