भारतीय औषधीय क्षेत्रः विनियमन, चुनौतियां तथा समाधान
भारतीय औषधीय क्षेत्र, वैश्विक औषधि आपूर्तिशृंखला (Global Pharmaceutical Supply Chain) में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मात्र के हिसाब से भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा औषधीय उत्पादक है तथा मूल्य के हिसाब से यह 14वें स्थान पर है। यह कुल वैश्विक विभिन्न टीकों की मांग के 50 प्रतिशत की आपूर्ति करता है। वैश्विक स्तर पर भारत जेनेरिक औषधि का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। जेनेरिक औषधि कार्यात्मक और रासायनिक रूप से उन दवाओं के समान होती हैं, जिन्हें पेटेंट संरक्षण प्राप्त होता है।
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) के एक अध्ययन के अनुसार भारत में ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत के कृषि-खाद्य स्टार्टअप: निर्यात-आधारित विकास के उत्प्रेरक
- 2 वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में भारत की हिस्सेदारी: आकांक्षाएं, बाधाएं और भविष्य की राह
- 3 जीएसटी सुधार 2.0: प्रमुख परिवर्तन एवं निहितार्थ
- 4 तिआनजिन SCO सम्मेलन 2025: भू-राजनीतिक वास्तविकता की एक नई दिशा
- 5 ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 - प्रियांशु भारद्वाज
- 6 संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र: वैश्विक संकट एवं बहुपक्षीय समाधान की राह
- 7 भारत में मोटापे की समस्या: सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती
- 8 प्रौद्योगिकी आपदा प्रबंधन में किस प्रकार सहायक हो सकती है? - नूपुर जोशी
- 9 भारत-सिंगापुर: द्विपक्षीय सहयोग के नये क्षितिज की ओर
- 10 भू-तापीय ऊर्जा नीति 2025: शुद्ध शून्य उत्सर्जन की तरफ भारत का संक्रमण - सत्य प्रकाश